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Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi: आज अक्षय तृतीया पर इस मुहूर्त में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मंत्र

Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi अक्षय तृतीया या अखा तीज आज 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जागरण अध्यात्म में आज जानते हैं अक्षय तृतीया की पूजा विधि पूजा मुहूर्त और मंत्र के बारे में।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:22 AM (IST)
Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi: आज अक्षय तृतीया पर इस मुहूर्त में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मंत्र
Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi: अक्षय तृतीया पर इस मुहूर्त में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मंत्र

Akshaya Tritiya 2021 Puja Vidhi: अक्षय तृतीया या अखा तीज आज 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्मोत्सव भी है, जिसे परशुराम जयंती के तौर पर मनाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन जहां सोना और सोने के आभूषण खरीदना शुभ होता है, वहीं भगवान विष्णु की पूजा करना भी सर्वोत्तम माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि, धन और वैभव में वृद्धि होती है। उसका क्षय नहीं होता है। आज के दिन भगवान शिव और विष्णु भगवान की पूजा संयुक्त रूप से करना भी श्रेष्ठ होता है। भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। वैसे इस वर्ष तो अक्षय तृतीया शुक्रवार को है, जो मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा से आपको माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी। जागरण अध्यात्म में आज जानते हैं अक्षय तृतीया की पूजा विधि, पूजा मुहूर्त और मंत्र के बारे में।

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अक्षय तृतीया 2021 पूजा मुहूर्त

14 मई दिन शुक्रवार को प्रात:काल 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट के मध्य तक अक्षय तृतीया की पूजा कर लेना चाहिए। यह पूजा का शुभ मुहूर्त है। अक्षय तृतीया के दिन पूजा के लिए आपको 06 घंटे 40 मिनट का समय प्राप्त होगा। 14 मई को वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ सुबह 05:38 बजे से हो रहा है, जो 15 मई को सुबह 07:59 बजे तक है।

अक्षय तृतीया पूजा मंत्र

तुलसी पत्र चढ़ाने का मंत्र: “शुक्लाम्बर धरम देवम शशिवर्णम चतुर्भुजम, प्रसन्नवदनम ध्यायेत सर्व विघ्नोपशांतये।।”

पुष्प अर्पित करने का मंत्र: “माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। मया ह्रितानि पुष्पाणि पूजार्थम प्रतिगृह्यताम।।”

पंचामृत स्नान मंत्र: “पंचामृतम मयानीतम पयो दधि घृतम मधु शर्करा च समायुक्तम स्नानार्थम प्रति गृह्यताम।।”

अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।​ फिर पूजा स्नान की सफाई करें। अब भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। उनको गंगाजल मिले जल से स्नान कराएं। इस दिन आप भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं तो उत्तम होगा। दूध, दही, शुद्ध घी, शहद एवं चीनी से पंचामृत बनाएं। फिर स्नान कराएं। अब चंदन और इत्र लगाएं। तुलसी दल और पुष्प अर्पित करें। गुड़, चना का सत्तू और मिश्री का भोग लगाएं। पूजा के अंत में विष्णु जी की आरती करें। इस प्रकार पूजन से अक्षय तृतीया को घर में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।


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