Move to Jagran APP

Ahoi Ashtami Vrat 2020: कब है अहोई अष्टमी, बच्चों की लंबी आयु के लिए किया जाता है व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Ahoi Ashtami Vrat 2020 महिलाओं के लिए एक विशेष पर्व अहोई अष्टमी भी माना जाता है। इस पर्व को खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन उपवास करती हैं साथ ही अहोऊ देवी की पूजा करती है। यह दिन देवी अहोई को समर्पित होती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:40 AM (IST)
Ahoi Ashtami Vrat 2020: कब है अहोई अष्टमी, बच्चों की लंबी आयु के लिए किया जाता है व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Ahoi Ashtami Vrat 2020: कब है अहोई अष्टमी, बच्चों की लंबी आयु के लिए किया जाता है व्रत

Ahoi Ashtami Vrat 2020: महिलाओं के लिए एक विशेष पर्व अहोई अष्टमी भी माना जाता है। इस पर्व को खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन उपवास करती हैं साथ ही अहोऊ देवी की पूजा करती है। यह दिन देवी अहोई को समर्पित होती है। इस दिन महिलाएं अपनी संतानों की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। साथ ही परिवार की सुख समृद्धि के लिए भी उपवास किया जाता है। अहोई अष्टमी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को है। यह दीपावली से एक हफ्ते पहले आता है। आइए पढ़ते हैं अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

loksabha election banner

अहोई अष्टमी मुहूर्त:

रविवार 8 नवंबर- शाम 5 बजकर 26 मिनट से शाम 6 बजकर 46 मिनट तक

अवधि- 1 घंटा 19 मिनट

अष्टमी तिथि आरंभ- 8 नवंबर, सुबह 7 बजकर 28 मिनट से

अष्टमी तिथि समाप्त- 8 नवंबर, सुबह 6 बजकर 50 मिनट तक

अहोई अष्टमी का महत्‍व:

अहोई अष्टमी व्रत का महत्व बहुत ज्यादा है। यह पर्व खासतौर से माताओं के लिए होता है। क्योंकि अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं अपने बच्चों के कल्याण के लिए व्रत करती हैं। इस पूरे दिन निर्जला उपवास किया जाता है और रात को चंद्रमा या तारों को देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। जो महिलाएं यह व्रत करती हैं वो शाम के समय दीवार पर आठ कोनों वाली एक पुतली बनाती हैं। दीवार पर बनाई गई इस पुतली के पास ही स्याउ माता और उसके बच्चे भी बनाए जाते हैं। फिर इसकी पूजा की जाती है। जो महिलाएं नि:संतान हैं वो भी संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत या उपवास करती हैं। यह व्रत दीपावली से एक हफ्ता पहले और करवा चौथ के 4 दिन बाद आता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.