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Ahoi Ashtami 2020: आपने भी रखा है उपवास तो जानें व्रत के ये आवश्यक नियम

Ahoi Ashtami 2020 संतान को सदा दीर्घायु रखने और खुशहाल जीवन जीने के लिये पूरे भारत में माताएं कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी का व्रत रखती है। अखंड सौभाग्य के व्रत करवा चौथ के बाद लगभग 4 दिन पश्चात ये व्रत आता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:04 AM (IST)
Ahoi Ashtami 2020: आपने भी रखा है उपवास तो जानें व्रत के ये आवश्यक नियम
Ahoi Ashtami 2020: आपने भी रखा है उपवास तो जानें व्रत के ये आवश्यक नियम

Ahoi Ashtami 2020: संतान को सदा दीर्घायु रखने और खुशहाल जीवन जीने के लिये पूरे भारत में माताएं कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी का व्रत रखती है। अखंड सौभाग्य के व्रत करवा चौथ के बाद लगभग 4 दिन पश्चात ये व्रत आता है। और दिवाली से 6 या 7 दिन पहले अहोई अष्टमी का व्रत होता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 08 नवंबर 2020 को है। ज्योतिषीय सूत्रों के अनुसार माता पार्वती और शिव जी की उपासना के इस पर्व का शास्त्रीय महत्व है। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा के अनुसार इस दिन आप संतान संबंधित किसी भी प्रकार की तकलीफ से मुक्ति पाकर संतान को खुशहाल बना सकती है।

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व्रत का मुहूर्त-

इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि सुबह 08 नवंबर को 07 बजकर 29 मिनट से 09 नवंबर को सुबह 06 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। ऐसे में अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को रखा जाएगा। शाम को 01 घण्टा 19 मिनट का शुभ मुहूर्त है। अतः आपको अहोई अष्टमी का पूजन शाम 05 बजकर 37 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट के बीच कर लेना चाहिए।

व्रत के आवश्यक नियम-

1. अहोई अष्टमी के दिन तारों अर्घ देते समय तांबे के लोटे का प्रयोग नही करना चाहिए।हमेशा स्टील या पीतल के लोटे का ही प्रयोग करना चाहिये।

2. अहोई अष्टमी के दिन घर से तामसिक चीजे प्रतिबंधित होती है। क्योंकि ऐसा करने से संतान की आयु छिन्न होती है।

3. अहोई अष्टमी के दिन दोपहर को सोना नहीं चाहिये। क्योंकि सोने से व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूर्ण फलों की प्राप्ति नही होती।

4. अहोई अष्टमी के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को दान अवश्य देना चाहिये। शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्रत के बाद देने दक्षिणा देने से उस व्रत के पूर्ण फल प्राप्त होते हैं।

5. अहोई अष्टमी के दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को अपने पास बैठाना चाहिये और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वह प्रसाद अपने बच्चों को खिलाना चाहिये।

6. अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं और न ही इस दिन खुरपी से कोई पौधा भी उखाड़े।

निसंतान दम्पतियों के लिये खास उपाय-

कुछ दंपति जो संतान प्राप्ति के सभी उपायों से थक चुके है उन्हें इस खास दिन कुछ सरल उपायों से लाभ मिल सकता है। जानते है क्या करना चाहिए।

*अहोई अष्टमी के दिन से 45 दिनों तक लगातार गणपति की मूर्ति पर बिल्व पत्र चढ़ाएं और हर दिन ‘ओम पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’ मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए। इससे आपकी संतान प्राप्ति की इच्छा की मनोकामना जल्द पूरी हो सकती है।

*अहोई अष्टमी के दिन से भैया दूज तक पारद शिवलिंग पर ब्रह्म मुहूर्त में नियम से गौ दुग्ध से अभिषेक करें। साथ ही माता गौरी से संतान प्राप्ति के लिए आशीर्वाद ले।

*संतान की प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करें। घर से सभी सदस्य फूल लगाएं और बीच में एक तुलसी का पौंधा भी लगाएं।

*निसंतान माताएं अहोई अष्टमी के दिन चांदी के 9 मोतियों को माला लाकर अहोई का ध्यान करते हुए लाल धागे में पिरो लें और उसकी एक माला बना लें। फिर उस माला को अहोई पूजा के दौरान अर्पित करते हुए संतान प्राप्ति की मनोकामना मांगे।

*संतान की प्राप्ति के लिए अहोई माता की पूजा करने के बाद भगवान शिव और पार्वती माता को दूध और भात का भोग लगाएं। साथ ही उस दिन बनाए भोजन का आधा हिस्सा गाय के लिए निकाल दें।शाम के समय पीपल पर दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा करें। ऐसा करने से अहोई माता की विशेष आशीर्वाद मिलता है। 


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