विश्वकर्मा जयंती: एलोरा की गुफाओं में करें भगवान विश्वकर्मा के दर्शन
बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर बनी एलोरा की गुफाओं के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यहां पर एक गुफा विश्वकर्मा के नाम पर बनी हैं। विश्वकर्मा जयंती पर यहां जा सकते हैं...
शानदार गुफाएं:
महाराष्ट्र में अजंता एलोरा की गुफाओं में बौद्ध धर्म की एक अनोखी छवि देखने को मिलती हैं। इसके अलावा यहां जैन व हिंदू धर्म से भी जुड़ी शानदार गुफाएं हैं। यहां पर शिल्पकला और चित्रकला को एक बार देखने के बाद लोगों की निगाहें हटने का नाम नहीं लेती हैं।
सृजन के देवता:
एलोरा की गुफाएं दैवीय ऊर्जा और शक्ति से भरपूर मानी जाती हैं। इन गुफाओं में 10 चैत्यगृह हैं। यह चैत्यगृह शिल्प देवता विश्वकर्मा को समर्पित हैं। यह वही विश्वकर्मा हैं, जिन्हें सृजन का देवता माना जाता है। इन्होंने रावण की सोने की लंका, विष्णु जी का सुदर्शन चक्र जैसी चीजों का निर्माण किया था।
विश्वकर्मा के दर्शन:
भगवान विश्वकर्मा की इस गुफा को वहां की क्षेत्रीय भाषा में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। इसे वहां पर एक बढ़ई का झोपड़ा, सुतार का झोपड़ा भी कहा जाता है। वैसे तो यहां पर साल भर सबसे ज्यादा बढ़ई, दर्शन करके भगवान विश्वकर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
जयंती पर भीड़:
वहीं विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर यहां पर अधिक भीड़ होती है। इस विशेष दिन पर भगवान विश्वकर्मा के दर्शन लाभकारी माने जाते हैं। इस गुफा की खास बात यह है कि इसके प्रवेश द्धार में घुसने पर भगवान बुद्ध की मूर्ति हैं। जिसका स्पर्श करना जरूरी माना जाता है।