Swaminarayan Akshardham Mandir: फिर खुले मंदिर के कपाट, जानें क्या हैं मंदिर की विशेषताएं
Swaminarayan Akshardham Mandir राजधानी दिल्ली में यमुना के पास स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया है। कोरोना के चलते काफी समय से यह मंदिर बंद था। मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन का समय निर्धारित किया गया है।
Swaminarayan Akshardham Mandir: राजधानी दिल्ली में यमुना के पास स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया है। कोरोना के चलते काफी समय से यह मंदिर बंद था। मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन का समय निर्धारित किया गया है। अभिषेक पूजा और सभी प्रदर्शनियां को फिलहाल अस्थायी रूप से बंद रखा गया है। अक्षरधाम मन्दिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है। इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है। यह मंदिर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह दुनिया में सबसे विशाल हिंदू मंदिर है। उसके चलते ही इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया।
स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर की विशेषताएं:
दश द्वार: यह द्वार प्रतीक है दसों दिशाओं का। यह वैदित शुभकामनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।
भक्ति द्वार: यह द्वार परंपरागत भारतीय शैली का है। भक्ति एवं उपासना के 208 स्वरूप भक्ति द्वार में मंडित हैं।
मयूर द्वार: यहां के स्वागत द्वारा में परस्पर गुंथे हुए भव्य मयूर तोरण एवं कलामंडित स्तंभों के 869 मोर नृत्य कर रहे हैं। यह शिल्पकला की अत्योत्तम कृति है।
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण:
यह मंदिर गुलाबी, सफेद संगमरमर और बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। इसमें किसी भी तरह के लोहे, स्टील या कंक्रीट का उपयोग नहीं किया गया है। इस मंदिर को बनाने में करीब 5 साल का समय लगा। इस मंदिर को श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख स्वामी महाराज के नेतृत्व में बनवाया गया था। इस मंदिर को 11 हजार से ज्यादा कारीगरों ने बनाया है। यह मंदिर 5 भागों में विभाजित है। यहां 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर होने के साथ 20,000 मूर्तियां भी शामिल हैं। मंदिर में ऋषियों और संतों की प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है। इस मंदिर में 2870 सीढ़ियां और एक कुंड भी मौजूद है।
फव्वारा शो:
इस मंदिर में हर रोज फव्वारा शो का आयोजन किया जाता है। इस शो में जन्म, मृत्यु चक्र का उल्लेख किया गया है। इसमें कई कहानियां बयां की जाती हैं।
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