Move to Jagran APP

यहां खुले में विराजमान हैं शनि

शनि शिंगणापुर महाराष्‍ट्र के शिंगणापुर पुर गांव में शनि देव का पवित्र स्‍थल है। इस स्‍थान की खासियत ये है कि यंहा शनि देव तो स्‍थापित हैं परंतु उनका कोई मंदिर नहीं है।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 04:39 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 09:54 AM (IST)
यहां खुले में विराजमान हैं शनि
यहां खुले में विराजमान हैं शनि

 बिन छत और छाया का मंदिर

loksabha election banner

महाराष्ट्र में यूं तो शनिदेव के अनेक स्थान हैं, पर उनमें शनि शिंगणापुर का एक अलग महत्व है। इस स्‍थान पर शनि देव हैं, लेकिन उनका मंदिर नहीं है। यहां लोगों के कई घर है पर किसी घर पर दरवाजा नहीं है। जी हां शनि के  इस शिंगणापुर गांव में लगभग तीन हजार जनसंख्या है पर किसी भी घर में दरवाजा नहीं है। कहीं भी कुंडी तथा कड़ी लगाकर ताला नहीं लगाया जाता। इतना ही नहीं, यहां के लोग आलमारी, सूटकेस आदि भी नहीं रखते। कहते हैं ऐसा शनि भगवान की आज्ञा से किया जाता है। लोग घर की मूल्यवान वस्तुयें, गहने, कपड़े, रुपए-पैसे आदि रखने के लिए थैली तथा डिब्बे या ताक का इस्‍तेमाल करते हैं। केवल पशुओं से रक्षा हो, इसलिए बांस का ढकना दरवाजे पर लगाया दिया जाता है। यहां कोई दुमंजिला मकान भी नहीं है। खास बात ये है कि शनि का प्रताप यहां ऐसा है कि आज तक यहां पर कभी चोरी नहीं हुई। यहां आने वाले भक्त भी अपने वाहनों में ताला नहीं लगाते, फिर भी कभी किसी वाहन की चोरी नहीं हुई।

स्‍वंयभू शनि का स्‍थान

इस जगह पर शनि भगवान की स्वयंभू मूर्ति है। ये काले रंग की 5 फुट 9 इंच ऊंची व 1 फुट 6 इंच चौड़ी मूर्ती है। ये मूर्ती संगमरमर के एक चबूतरे पर धूप में ही विराजमान है।  यहां शनिदेव आठों प्रहर धूप, आंधी, तूफान, जाड़ा, गर्मी और बरसात हर मौसम में बिना छत्र धारण किए स्‍थापित रहते हैं। यहां अमीर से लेकर साधारण लोगों तक भक्त हजारों की संख्या में देव दर्शनार्थ प्रतिदिन आते हैं। 

जानें शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा विधि

शनिवार होता है खास

शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस और सप्‍ताह के प्रत्येक शनिवार को देश के कोने-कोने से दर्शनाभिलाषी यहाँ आते हैं तथा शनि देव की पूजा, अभिषेक आदि करते हैं। प्रतिदिन सुबह 4 बजे और शाम 5 बजे  यहां उनकी आरती होती है। शनि जयंती पर ब्राह्मण शनि देव का  'लघुरुद्राभिषेक' करते हैं। यह रुद्राभिषेक सुबह 7 से शाम 6 बजे तक चलता है। श्री शिंगणापुर में प्रतिदिन करीब 13,000 लोग दर्शन करने आते हैं और शनि अमावस और शनि जयंती को लगने वाले मेले में इनकी संख्‍या 10 लाख तक पहुंच जाती है।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.