एसबीआई के एक बैंक मैनेजर के सपने से जुड़ी है बिहार के इस सूर्य मंदिर की कहानी
बिहार में इन दिनों छठ पर्व काफी धूमधाम से मनाया जा रहा। इसमें सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्वै है। आइए जानें बिहार के ऐसे ही अनोखे सूर्य मंदिर की कहानी...
By Abhishek TiwariEdited By: Published: Wed, 25 Oct 2017 03:10 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:10 PM (IST)
बिहार में बहुत फेमस है यह सूर्य मंदिर
बिहार के लखीसराय जिले में एक गांव है जिसका नाम पोखरामा है। यह गांव सूर्यवंशियों का गढ़ माना जाता है। गांव में एक प्राचीन सूर्य मंदिर है जिसकी ख्याति दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। छठ वाले दिन यहां काफी भीड़ जुटती है। इस मंदिरके निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी है। बताते हैं इस सूर्य मंदिर का निर्माण मोतिहारी स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर रामकिशोर सिंह ने करवाया था।
बैंक मैनेजर ने पीएफ की राशि निकाल करवाया निर्माण
सन 1998 में रामकिशोर को एक दिन सपने में साधु दिखाई दिया। उस साधु ने रामकिशोर को सपने में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर बनाने का कहा। सुबह उठते ही रामकिशोर ने यह बात अपने घरवालों को बताई और फिर उन्होंने पोखरामा गांव में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर की नींव डाली। मंदिर निर्माण में काफी पैसे लगने थे, ऐसे में मैनेजर ने अपने पीएफ की सारी राशि सूर्य मंदिर निर्माण कार्य में लगा दी। कृषि योग्य उपजाऊ कीमती जमीन पर करीब 20 लाख रुपये की लागत से वहां भव्य सूर्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है।
छठ के अवसर पर लगता है मेला
मंदिर के बनते ही यहां भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया।साल दर साल यह सूर्य मंदिर फेमस होता गया। मंदिर के विस्तृत भू भाग में कई अन्य मंदिर, तालाब एवं सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है। छठ के अवसर पर यहां व्यापक मेला का आयोजन होता है।
बिहार के लखीसराय जिले में एक गांव है जिसका नाम पोखरामा है। यह गांव सूर्यवंशियों का गढ़ माना जाता है। गांव में एक प्राचीन सूर्य मंदिर है जिसकी ख्याति दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। छठ वाले दिन यहां काफी भीड़ जुटती है। इस मंदिरके निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी है। बताते हैं इस सूर्य मंदिर का निर्माण मोतिहारी स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर रामकिशोर सिंह ने करवाया था।
बैंक मैनेजर ने पीएफ की राशि निकाल करवाया निर्माण
सन 1998 में रामकिशोर को एक दिन सपने में साधु दिखाई दिया। उस साधु ने रामकिशोर को सपने में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर बनाने का कहा। सुबह उठते ही रामकिशोर ने यह बात अपने घरवालों को बताई और फिर उन्होंने पोखरामा गांव में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर की नींव डाली। मंदिर निर्माण में काफी पैसे लगने थे, ऐसे में मैनेजर ने अपने पीएफ की सारी राशि सूर्य मंदिर निर्माण कार्य में लगा दी। कृषि योग्य उपजाऊ कीमती जमीन पर करीब 20 लाख रुपये की लागत से वहां भव्य सूर्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है।
छठ के अवसर पर लगता है मेला
मंदिर के बनते ही यहां भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया।साल दर साल यह सूर्य मंदिर फेमस होता गया। मंदिर के विस्तृत भू भाग में कई अन्य मंदिर, तालाब एवं सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है। छठ के अवसर पर यहां व्यापक मेला का आयोजन होता है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें