मान्यता है कि ,यहां शिव के त्रिशुल में नारियल बांधने से शराब की लत छूट जाती है
शिवनाथ नदी किनारे स्थित भगवान शिव मंदिर में हर सावन मास में श्रद्घालुओं को नाग जोड़ों के दर्शन होते हैं। हल्दी वार्ड के इस मंदिर में त्रिशुल पर नारियल बांधने से मनोकामनाएं भी पूरी
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शिवनाथ नदी किनारे स्थित भगवान शिव मंदिर में हर सावन मास में श्रद्घालुओं को नाग जोड़ों के दर्शन होते हैं। इस मंदिर में त्रिशुल पर नारियल बांधने से मनोकामनाएं भी पूरी होती है। यही मंदिर की प्रमुख विशेषता है। वर्ष 2012 में इस मंदिर की स्थापना की गई है। यहां शिवलिंग के साथ भगवान भोलेनाथ की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित है, जो मंदिर आने वाले श्रद्घालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु है।
हर पर्व में यहां पूजा-अर्चना होती है। वहीं सावन मास में मंदिर में विशेष आराधना कराई जाती है। मंदिर की देखरेख स्वर्ग शिव सांई धाम समिति के सदस्य करते हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि हर सावन मास में पूजा-अर्चना के दौरान नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग में लिपटा हुआ देखा जाता हैं। श्रद्घालुओं को भी इसके दर्शन होते हैं। मंदिर की विशेष मान्यता यह है कि यहां लगे भगवान शिव के त्रिशुल में नारियल बांधने से शराब सेवन करने वाले लोगों की शराब छूट जाती है। युवतियों को मन चाहा वर मिलता है। का कहना है कि मंदिर में मांगी गई हर मुरादें भी पूरी होती है। इस कारण मंदिर में श्रद्घालुओं की आस्था बनी हुई है।