3000 फिट की ऊंचाई पर बने इस गणेश मंदिर से प्रतिमा हो गई गायब
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के पास पहाड़ पर एक अति प्राचीन गणेश मंदिर है, जिसकी प्रतिमा लापता है। आइये जाने इस मंदिर की कहानी।
अर्से से गायब है प्रतिमा
बस्तर जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से 24 किमी दूर बैलाडीला की एक पहाड़ी है जिसका नाम है ढोलकल। यह स्थान बचेली वन क्षेत्र अंतर्गत आता है। इसी ढोलकल शिखर पर दुर्लभ गणेश प्रतिमा फूलगट्टा वन क्षेत्र में स्थापित थी। ये मंदिर समुद्र तल से 2994 फीट की ऊंचाई पर है। फिल्हाल ये प्रतिमा काफी अर्से से लापता है। इस बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं।
क्या है मंदिर की कहानी
दक्षिण बस्तर के भोगामी आदिवासी परिवार अपनी उत्पत्ति ढोलकट्टा (ढोलकल) की महिला पुजारी से मानते हैं। कहते हैं कि भगवान गणेश और परशुराम का युद्ध इसी शिखर पर हुआ था। इस युद्ध के दौरान भगवान गणेश का एक दांत टूट गया। इस घटना की याद में ही छिंदक नागवंशी राजाओं ने शिखर पर गणेश की प्रतिमा स्थापति की। चूंकि परशुराम के फरसे से गणेश जी का दांत टूटा था, इसलिए पहाड़ी की शिखर के नीचे के गांव का नाम फरसपाल रखा। पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार ढोलकल शिखर पर स्थापित दुर्लभ गणेश प्रतिमा 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। यह प्रतिमा ललितासन मुद्रा में विराजमान थी।