पाकिस्तान में हिंदू मंदिर
कटास राज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तरी भाग में चकवाल जिले में पोठोहार के पठारी क्षेत्र में नमक कोह पर्वत श्रंखला में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर के अतिरिक्त यहां पर और भी मंदिरों की श्रृंखलायें हैं। ये सभी मंदिर दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। कहते हैं कि जब माता पार्वती सती हुईं उस समय भगवान शिव की आंखों से टपके आंसुओं से वो सरोवर बना था, जिसमें सूखते पानी को लेकर पाकिस्तानी अदालत ने चिंता जताई है और ये स्थान चर्चा में आया।
इस स्थान है ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
जन श्रुतियों की मानें तो ये देव स्थान हजारों साल पुराना है। यहां स्थित मंदिर के बारे में मान्यता है कि उसका निर्माण श्री कृष्ण ने करवाया था और यहां स्थित शिवलिंग स्थापना उन्हीं के हाथों हुई थी। इस स्थान पर मौर्य सम्राठ अशोक ने स्तूप भी बनवाया था, साथ ही चौथी शताब्दी में भारत यात्रा पर आये चीनी यात्री फाहियान ने भी अपने यात्रा वृत्तांतों में स्थान का उल्लेख किया है। सिख गुरू नानाक देव जी को भी ये स्थान काफी प्रिय बताया जाता है। इसके आसपास खुदाई के दौरान 6000 से 7000 ईसा पूर्व की सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं।
यहीं पूछे थे यक्ष ने युधिष्ठिर से प्रश्न
कहते हैं महाभारत काल में पांडव बनवास के दिनों में इन्ही पहाड़ियों में अज्ञातवास के दौरान आये थे, और यही वह कुंड है जहां पांडव प्यास लगने पर पानी की खोज में पहुंचे थे। कुंड पर एक यक्ष का अधिकार था। पानी की तलाश में जब नकुल, सहदेव, भीम और अजुर्न सहित चारों भाई इस कुंड पर आये और यक्ष ने उन्हें आवाज़ दी और कहा कि इस पानी पर उसका अधिकार है, अगर पानी लेना है तो पहले उसके पश्नों के उत्तर देने होंगे। कोई पांडव उसके प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाया और पानी पीने की कोशिश करने पर यक्ष ने उनको मूर्छित कर दिया। अंत में चारों भाइयों को खोजते हुए युधिष्ठिर वहां पहुंचे और चारों भाइयों को मूर्छित पड़े देख कर पूछा की ये किसने किया तब यक्ष ने सारी बात बताई तो युधिष्ठिर ने कहा कि वे उत्तर देने के लिए प्रस्तुत हैं। तब यक्ष ने उनसे चर्चित प्रश्न पूछे और उनके चारों भाइयों को जीवित करके उन्हें धर्मराज का नाम दिया।