इस मंदिर में विराजमान है 5000 पुराना शिवलिंग, सोमवार को उमड़ती है भीड़
यह शिवलिंग 1940 में खुदाई के दौरान मिला था. इस शिवलिंग को लगभग 5000 पुराना बताया था. इसके अलावा और भी कई चीजें खुदाई में मिली थी.
भगवान शिव को विनाश का देवता कहा जाता है लेकिन अगर शिव के अर्थ को समझेंगे तो शिव विनाश नहीं बल्कि नवनिर्माण के देवता के रूप में नजर आएगे. धरती पर जब भी बुराई, पाप की वृद्धि होती है, भगवान शिव प्रलय करके पूरी सृष्टि को समाप्त कर देते हैं ताकि फिर से नव जीवन का प्रारंभ हो सके. शिव के अस्तित्व का प्रतीक ऐसा ही एक मंदिर गुजरात में स्थित है. जहां पर 5000 साल पुराना शिवलिंग रखा गया है.
5000 साल पुराना मंदिर
गुजरात के मोसाद के पास एक ऐसा मंदिर है जिसमें विराजमान शिवलिंग सदियों पुराना है. इस शिवलिंग का अस्तित्व 5000 साल पुराना बताया गया है. यह शिवलिंग 1940 में खुदाई के दौरान मिला था. इस शिवलिंग को लगभग 5000 पुराना बताया था. इसके अलावा और भी कई चीजें खुदाई में मिली थी.
चमत्कारी पूर्वा नदी में दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु
यह मंदिर गुजरात के नर्मदा जिला, देडियापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित है. इस मंदिर को जलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर तक भक्तों को पहुंचने के लिए मोसाद शहर से लगभग 14 किमी की दूरी तय करना पड़ती है. महादेव का यह मंदिर पूरना नदी के तट पर है. यह नदी पूर्व दिशा की ओर बहती है, इसीलिए इसे पूरन यानि पूर्वा नदी के नाम से जाना जाता है.
सोमवार को होती है विशेष पूजा
जलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. वहीं हर सोमवार यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. जलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी का कहना कि इस मंदिर को आज भी बहुत कम लोग ही जानते हैं. यहां बाहर से कम लोग ही शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं.