बिरला मंदिर: यह मंदिर समृद्धि की देवी की है
लक्ष्मी नारायण मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है और एक प्रमुख पर्यटन केन्द्र है। उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा 1938 में निर्मित यह शानदार मंदिर कनॉट प्लेस की पश्चिम दिशा में स्थित है। यह मंदिर लक्ष्मी
लक्ष्मी नारायण मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है और एक प्रमुख पर्यटन केन्द्र है। उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा 1938 में निर्मित यह शानदार मंदिर कनॉट प्लेस की पश्चिम दिशा में स्थित है। यह मंदिर लक्ष्मी (समृद्धि की देवी) और नारायण (संरक्षक) को समर्पित है। इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी द्वारा इस शर्त पर किया गया था कि इस मंदिर में सभी जाति के लोगों को प्रवेश की अनुमति है।
दिल्ली के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक यह मंदिर देवी लक्ष्मी (धन और संपत्ति की देवी) और नारायण (उनके पति और त्रिमूर्ति के पालक) को समर्पित है। इअके अलावा इस मंदिर के चारों ओर भगवान कृष्ण, शिव, गणेश, हनुमान और बुद्ध को समर्पित छोटे मंदिर भी हैं। यहाँ देवी दुर्गा – शक्ति की देवी, को समर्पित एक मंदिर भी है।
हिंदू मंदिर स्थापत्य कला की नगर शैली में बने इस मंदिर का निर्माण पंडित विश्वनाथ शास्त्री नाम के व्यक्ति के मार्गदर्शन में हुआ और इसके पूर्ण होने के बाद महात्मा गाँधी इसके उद्घाटन के लिए इस शर्त पर राज़ी हुए कि इस मंदिर में सभी धर्म और जातियों के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। 7.5 एकड के क्षेत्र में फैले हुए इस मंदिर का परिसर आकर्षक हरे उद्यानों और फव्वारों से मिलकर बना है जो प्रतिवर्ष हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, अधिकांशतः दीवाली और जन्माष्टमी के दौरान।
कनॉट प्लेस के पास मंदिर मार्ग पर स्थित इस मंदिर तक परिवहन के सभी साधनों द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है और सप्ताह में सात दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
कहां स्थित है: गोल मार्किट के नज़दीक,
मंदिर मार्ग, कनॉट प्लेस
नज़दीकी मेट्रो स्टेशन: आर.के.आश्रम मार्ग
समय: प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक (दर्शन का सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल अथवा सायंकाल की आरती)
प्रवेश: निःशुल्क
बंद रहने के दिन: कोई नहीं
फोटोग्राफी: प्रार्थना भवन में अनुमति नहीं है