अमरनाथ यात्रा: गडरिये ने ढूंढी गुफा
पवित्र गुफा की खोज के बारे में पुराणों में भी एक कथा प्रचलित है कि एक गडरिये को एक साधु मिला। उसने उस गडरिये को कोयले से भरी एक बोरी दी। गडरिया अपने कंधे पर लाद पर अपने घर को चल दिया। घर आकर उसने बोरी खोली तो वह आश्चर्य चकित हुआ। क्योंकि, कोयले की बोरी अब सोने के सिक्कों की हो चुकी थी। इसके बाद वह गडरिया साधु
पवित्र गुफा की खोज के बारे में पुराणों में भी एक कथा प्रचलित है कि एक गडरिये को एक साधु मिला। उसने उस गडरिये को कोयले से भरी एक बोरी दी। गडरिया अपने कंधे पर लाद पर अपने घर को चल दिया। घर आकर उसने बोरी खोली तो वह आश्चर्य चकित हुआ। क्योंकि, कोयले की बोरी अब सोने के सिक्कों की हो चुकी थी।
इसके बाद वह गडरिया साधु से मिलने व धन्यवाद देने के लिए उसी स्थान पर गया, जहां पर साधु से मिला था। परन्तु वहां उसे साधु नहीं मिला बल्कि ठीक उसी जगह एक गुफा दिखाई दी। गडरिया जैसे ही उस गुफा के अंदर गया तो उसने वहां पर देखा कि भगवान भोले शंकर बर्फ के बने शिवलिंग के आकार में स्थापित थे। उसने वापस आकर सबको यह कहानी बताई और इस तरह भोले बाबा की पवित्र अमरनाथ गुफा की खोज हुई। धीरे-धीरे दूर-दूर से भी लोग पवित्र गुफा एवं बाबा के दर्शन के लिए पहुंचने लगे।
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