श्रीखंड कैलाश यात्रा 16 जुलाई से
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की निरमंड तहसील के बागीपुल से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीखंड कैलाश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ 16 जुलाई श्रावण सक्रांति से किया जा रहा है।
रामपुर बुशहर [हिमाचल प्रदेश]। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की निरमंड तहसील के बागीपुल से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रीखंड कैलाश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ 16 जुलाई श्रावण सक्रांति से किया जा रहा है। इस यात्रा का महत्व बीते कुछ वर्षो में बहुत ज्यादा बढ़ा है, क्योंकि यह यात्रा शिव भक्तों के लिए धार्मिक आस्था के साथ-साथ रोमांच से भी भरपूर है। यात्रा के दौरान भक्तों को सिंहगाड़, थाचडू व भीमडवार होकर श्रीखंड यात्रा को पूरा करना पड़ता है, जहां पर प्रदेश के कोने-कोने से आए शिव भक्तों द्वारा यात्रा में जाने वाले लोगों के लिए खाने-पीने, ठहरने और अन्य इंतजाम किए जाते हैं। यात्रा के दौरान हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवडिय़े भी बीते कुछ वर्षो से पहुंचने लगे हैं।
यात्रा का आरंभ रामपुर से 35 किलोमीटर दूर बागीपुल या अरसू सड़क से किया जा सकता है और बागीपुल से कुछ ही दूरी के बाद जांव से पैदल यात्रा आरंभ की जाती है। यात्रा में सिंहगाड़, थाचडू और भीमडवार तीन पड़ाव पड़ते हैं, जिसमें जांव से सिंहगाड़ तीन किलोमीटर, सिंहगाड़ से थाचडू आठ किलोमीटर व थाचडू से भीमडवार आठ किलामीटर की यात्रा की जाती है। यात्रा के दौरान भीमवही, नैन सरोवर, पार्वती झरना और भीडवार भी विशेष आकर्षण हैं। भीमडवार से श्री खंड कैलाश यात्रा सात किलोमीटर का अंतिम पड़ाव होता है व भक्त कैलाश के दर्शन कर उस ही दिन भीमडवार पहुंच जाते हैं, क्योंकि किसी भी व्यक्ति के लिए इतनी ऊंचाई में रहना खतरे से खाली नहीं रहता है। कैलाश यात्रा करने वाले सभी भक्तों के अपने साथ गर्म कपड़े, कंबल, छाता, बरसाती और टार्च साथ रखने की सख्त जरूरत रहती है।
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