श्री खण्ड कैलाश यात्रा
हर साल की भांती इस वर्ष भी 16वी बार श्री खण्ड महादेव कैलाश यात्रा 16 जुलाई 2010 श्रावण संक्रांति से शुरू होने जा रही है और श्री खण्ड सेवा दल के तत्वाधान में यह यात्रा 25 जुलाई 2010 तक चलेगी।
हर साल की भांती इस वर्ष भी 16वी बार श्री खण्ड महादेव कैलाश यात्रा 16 जुलाई 2010 श्रावण संक्रांति से शुरू होने जा रही है और श्री खण्ड सेवा दल के तत्वाधान में यह यात्रा 25 जुलाई 2010 तक चलेगी।
यात्रा का संक्षिप्त विवरण-
आप रामपुर बुशैहर ( शिमला से 130 कि0मि0) से 35 किलोमीटर की दूरी पर बगिपुल या अरसू सड़क के रास्ते से पहुंच सकते है। बगीपुल से 7 कि0 मि0 जावं तक गाड़ी से जाया जा सकता है। जावं से आगे की यात्रा पैदल होती है। यात्रा के तीन पड़ाव सिंघ्गाद, थाचरु, तथा भीमद्वार की दूरी 9 कि0 मी0 है। इन तीनो पड़ावों में श्री खण्ड सेवा दल का लंगर दिन रात चलाया जाता है। भीमद्वार से श्री खण्ड कैलाश दर्शन 7 कि0 मि0 की दूरी पर है तथा दर्शन के बाद भीमद्वार आना अनिवार्य होता है।
दर्शनीय स्थल-
प्राकृतिक शिव गुफा देव्धांक , प्राचीन परशुराम मंदिर , दक्षिणेश्वर महादेव व् अम्बिका माता मंदिर निरमंड , संकटमोचन हनुमान मंदिर अरसू , गौर मंदिर जावं , सिंघगार , ब्रह्तीनाला , थाचरु ,जोग्निज्योत कालीघाटी ,धान्क्द्वार , कुंशा , भीमद्वार , बकासुर वद्ध , दुर्लभ फूलों की घाटी पार्वतीबाग , मां पार्वती की तपस्थली नैनसरोवर , महाभारत कालीन विशाल शिलालेख भीमवाही तथा कैलाश दर्शन।
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