मानसरोवर यात्रियों को पीना पड़ा बदबूदार पानी
विश्व प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा का उत्साह, उमंग व भोले में अटूट आस्था लिए चीन पहुंचे दूसरे दल के यात्रियों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा का उत्साह, उमंग व भोले में अटूट आस्था लिए चीन पहुंचे दूसरे दल के यात्रियों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र व गुजरात के यात्रियों ने आरोप लगाया कि चीन के पोर्टरों ने उनके साथ अभद्रता की। साथ ही वहां जो पानी पीने को मिला, उससे दुर्गंध आ रही थी।
कैलास मानसरोवर यात्रा का दूसरा दल मंगलवार को मानसरोवर यात्रा से लौटकर नैनीताल पहुंचा। इसमें 40 पुरुष व 11 महिलाएं शामिल थीं। 28 दिन की इस यात्रा में 12 दिन चीन में रहना पड़ता है। महाराष्ट्र के यात्री माली एमटी ने बताया कि चीन में भारतीयों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। पोर्टर ने उनके साथ अभद्रता की। हमारे प्रति उनका रवैया बिल्कुल अच्छा नहीं था। गुजरात के अहमदाबाद निवासी कुमुदिनी भट्ट ने बताया कि पोर्टर ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि पोर्टर ने न ही गौरीकुंड के बारे में बताया और न ही अन्य जगहों की जानकारियां दी। इन लोगों ने चीन में भोजन, रहने व शौचालय की व्यवस्था की भी आलोचना की। यात्रियों ने कहा कि इसकी शिकायत विदेश मंत्रालय से की जाएगी।
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