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Janmashtami 2022 Puja Samagri: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पूजन करने से पहले जरूर इकट्ठा कर लें ये पूजन सामग्री

Janmashtami 2022 Puja Samagri जन्माष्टमी का पर्व इस साल 18 अगस्त को मनाया जा रहा है। अगर आप भी जन्माष्टमी का त्योहार मना रहे हैं तो पहले से ही श्रीकृष्ण की ये पूजन सामग्री इकट्ठा कर लें जिससे बाद में किसी तरह की अड़चन का सामना न करना पड़ें।

By Shivani SinghEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 10:21 AM (IST)
Janmashtami 2022 Puja Samagri: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पूजन करने से पहले जरूर इकट्ठा कर लें ये पूजन सामग्री
Janmashtami 2022 Puja Samagri: जन्माष्टमी की संपूर्ण पूजन सामग्री

नई दिल्ली, Janmashtami 2022 Puja Samagri: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व है भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार गृहस्थ लोग 18 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी। इसके साथ ही कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी। अगर आप भी इस बार जन्माष्टमी का पर्व मना रहे हैं, तो पहले से ही पूजन सामग्री जान लें, जिससे श्रीकृष्ण का पूजा के समय किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़ें।

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Janmashtami 2022: 18 या 19 अगस्त? जानिए किस दिन मनाई जा रही है जन्माष्टमी, शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त

तिथि- 18 अगस्त 2022, गुरुवार

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक।

वृद्धि योग - 17 अगस्त दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए पूजन सामग्री

श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, सिंहासन या चौकी, पंच पल्लव, (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), पंचामृत, तुलसी दल, केले के पत्ते, दीपक के लिए तेल, मिट्टी या पीतल के दिएं, बन्दनवार, अर्घ्य देने के लिए लोटा। इसके साथ ही इत्र की शीशी, धूप बत्ती या अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, 5 यज्ञोपवीत, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, मौली, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खीरा।

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धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शक्कर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग, लौंग लगा पान का बीड़ा, श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूं), गुलाब और लाल कमल के फूल,, एक साफ थैली में हल्दी की गांठ। इसके साथ ही श्रीकृष्ण को अर्पित करने हेतु वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र, आधा मीटर सफेद कपड़ा, आधा मीटर लाल कपड़ा, सामर्थ्य के अनुसार पंच रत्न

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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