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गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी पर मंदिरों में विशेष पूजा

निर्जला एकादशी पर शुक्रवार को शहर के विभिन्न स्थानों पर मीठे पानी की छबीलें लगाई गई।

By Edited By: Published: Sat, 02 Jun 2012 12:13 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2012 12:13 PM (IST)
गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी पर मंदिरों में विशेष पूजा

पानीपत। निर्जला एकादशी पर शुक्रवार को शहर के विभिन्न स्थानों पर मीठे पानी की छबीलें लगाई गई। सरकारी कार्यालय भी इससे अछूते नहीं रहे। मंदिरों में विशेष पूजा पाठ किया गया। मीठे पानी से गले की प्यास बुझाकर राहगीरों ने भीषण गर्मी में राहत महसूस की।

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जेठ मास के शुक्ल पक्ष एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। देवी मंदिर, सेक्टर 11-12 सनातन धर्म शिव मंदिर, गंगाधाम मंदिर व अवध धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में निर्जला एकादशी पर व्रतधारियों ने विशेष पूजा अर्चना की। मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रही। शहर के जीटी रोड सहित, लघु सचिवालय तथा प्रमुख चौक चौराहों पर सैकड़ों मीठे पानी की छबीलें लगाई गई। भीषण गर्मी में सेवादार प्यासे राहगीरों को मीठे जल पिलाकर पुण्य अर्जित किए। पंडित राम प्रकाश पाठक ने निर्जला एकादशी का महात्मय सुनाते हुए कहा कि पांडव भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव व युधिष्ठिर प्रत्येक एकादशी को व्रत किया करते थे। भीम हृष्ट पुष्ट होने से खानपान में ज्यादा रुचि रखते थे। उपवास करना वह कठिन कार्य मानते थे। ऋषि वेद व्यास से उन्होंने एक बार सहज भाव से पूछा कि सभी भाई एकादशी व्रत करते हैं, लेकिन खानपान के अधिक शौकीन होने के कारण वे उपवास नहीं रख पाते हैं। उन्हें कोई ऐसा दिन बताएं, जिस दिन व्रत करके 24 एकादशी व्रतों का फल पा सकें। वेद व्यास ने उन्हें जेठ महीने के शुक्ल पक्ष एकादशी को व्रत करने की सलाह डे डाली। इस एकादशी को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

रामप्रकाश पाठक ने बताया कि निर्जला एकादशी पर व्रतधारियों ने मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की। पूजा पाठ के बाद लोगों ने दान पुण्य भी किए। मंदिर सभा की तरफ से तले हुए आलू का प्रसाद श्रद्धालुओं को बांटा गया। मंदिर परिसर में मीठे पानी की छबीलें लगाई गई। हजारों लोगों ने मीठे जल पीकर भीषण गर्मी में प्यास बुझाई।

निर्धन परिवारों को बांटे मटके-

भारतीय महिला कल्याण समिति की तरफ से जाटल रोड पर जल बचाओ शिविर लगाया गया। निर्धन परिवार व झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं को मिट्टी के मटके व फल वितरित किए गए। यह जानकारी समिति की प्रधान निर्मल दत्त ने दी।

उन्होंने बताया कि निर्जला एकादशी पर लोगों को पुण्य कार्य के साथ साथ जल संरक्षण का भी सुझाव दिया गया। समिति की संरक्षिका बृजरानी शर्मा ने बताया कि जेठ मास में भीषण गर्मी पड़ती है। गर्मी की वजह से जल का विशेष महत्व है। अन्न के बिना तो हम रह सकते हैं लेकिन जल के बिना जीवन नहीं चल सकता है। निर्जला एकादशी पर वस्त्र, फल व जलदान का विशेषज्ञ महत्व है। इस अवसर पर वीना भाटिया, उषा गुप्ता, अविनाश शर्मा, शशि, प्रभा जैन, डॉ. कमलेश रानी, निहारिका, मंजू गुप्ता, शारदा जैन, आशा सचदेवा व नीलम खुराना मौजूद थे।

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