किम जोंग-उन के बारे में जानिए प्रमुख बातें
किम जोंग उन उत्तर कोरिया के तीसरे राष्ट्र प्रमुख हैं। किम जोंग-उन अपने पिता किम जोंग-इल के बाद 2011 में उत्तर कोरिया के नेता बने। वह किम जोंग-इल और उनकी पत्नी को योंग-हुई की दूसरी संतान थे। उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग उनके दादा थे।
कहा जाता हैं कि किम जोंग उन की शुरुआती पढ़ाई उत्तर कोरिया से नहीं बल्कि स्विट्जरलैंड के इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बर्न से अंग्रेजी माध्यम से हुई है। उस स्कूल में किम 'चोल-पक' या 'पक-चोल' नाम से 1993 से लेकर 1998 तक थे। इसके बाद उन्होंने 1998 से 2000 के बीच बर्न में ही जर्मन लैंग्वेज स्कूल में भी पढ़ाई की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो बहुत शर्मीले स्वभाव के थे।
साल 2001 में किम जोंग स्विट्जरलैंड से वापस अपने देश उत्तर कोरिया आ गए थे और उसके बाद राजधानी प्योंगयांग में मिलिट्री यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलिट्री यूनिवर्सिटी में वह 2002 से 2007 तक थे, लेकिन उनकी पढ़ाई हमेशा घर पर ही होती थी।
किम जोंग-उन की शादी री सोल-जू से हुई है। उन्होंने 2009 में शादी की, हालांकि उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने 2012 में ही इसकी सूचना दी। आरोप है कि उनका पहला बच्चा 2010 में हुआ था।
जब उन्होंने उत्तर कोरिया का सर्वोच्च नेतृत्व ग्रहण किया था, तो उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया जो उन्हें अपने पिता के शासन से विरासत में मिले थे। उनमें उनके अपने अंकल, जैंग सॉन्ग-थेक (Jang Song-thaek) या चांग सॉन्ग-टैक (Chang Song-t'aek) भी थे। ऐसा माना जाता है कि किम जोंग- II के शासन के दौरान उनके अंकल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें शीर्ष सलाहकारों में से एक माना जाता था।
किम जोंग-उन के शासन में, उत्तर कोरिया ने अपने हथियार-परीक्षण कार्यक्रमों को जारी रखा। अप्रैल 2012 में, एक उपग्रह लॉन्च किया गया था जो टेकऑफ़ के तुरंत बाद विफल हो गया था। उसी वर्ष दिसंबर में, सरकार ने एक लंबी दूरी का रॉकेट लॉन्च किया, जिसने उपग्रह को कक्षा में रखा। फरवरी 2013 में उत्तर कोरिया ने अपना तीसरा सफल भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
उत्तर कोरिया ने तानाशाह किम जोंग उन के शासनकाल में कई परमाणु परीक्षण किए हैं। क्रूर तानाशाह किम को जो अच्छा लगता है वो करता है। चाहे वो पूरी इंसानियत के खिलाफ ही क्यों न हो और इसीलिए उसे दुनिया तानाशाह कहती है। एक तरफ जहां दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि इंसान एक सुरक्षित और आदर्श परिस्थिति में रह सके, वहीं कई ऐसी जगहें भी हैं जहां लोगों को बुनियादी मानवाधिकार भी हासिल नहीं हैं। निश्चित ही नागरिकों पर तमाम प्रतिबंध और क्रूरता की चर्चा होने पर नॉर्थ कोरिया का नाम सबसे पहले आता है। अजीबो-गरीब कानून के लिए भी उत्तर कोरिया जाना जाता है: