UP School Opens: गर्मी की छुट्टियों के बाद यूपी में खुले स्कूल, स्वागत में छात्रों को पहनाई माला, लौटी रौनक (Photos)

  • Story By: Shivam Yadav

गर्मी की छुट्टियों के बाद उत्तर प्रदेश में स्कूल फिर से खुल गए हैं। 1.32 लाख परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगभग दो करोड़ बच्चे लौटे हैं। स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है

जागरण टीम, लखनऊ। गर्मी की छुट्टियों के बाद एक बार फिर स्कूलों की रौनक लौट आई है। आज जुलाई की पहली तारीख पर राज्य के 1.32 लाख परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के द्वार खुल गए हैं, जिसमें करीब दो करोड़ बच्चे स्कूल लौटे हैं।

इस बार न सिर्फ ‘स्कूल चलो अभियान’ के दूसरे चरण की शुरुआत होगी, बल्कि पहली से तीसरी कक्षा तक के उन 45 लाख बच्चों को भी नई किताबें मिलेंगी, जो अप्रैल में बगैर किताबों के स्कूल आ रहे थे।

गर्मियों की लंबी छुट्टियों में बच्चे जहां परिवार के साथ घूमने-फिरने और मौज-मस्ती में व्यस्त थे, वहीं अब स्कूल खुलने की बजी घंटी और दोस्तों की हंसी-मजाक ने उनकी दुनिया को फिर से रंगीन कर दिया है। 

सुबह-सुबह स्कूल यूनिफार्म में सजे बच्चे, कंधों पर बस्ते टांगे और चेहरों पर मुस्कान लिए स्कूल बसों और गलियों में नजर आए। माता-पिता भी अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए उत्साहित दिखे।

बेसिक शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि स्कूल खुलते ही नव प्रवेश लेने वाले बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाए। हर स्कूल को निर्देश मिला है कि बच्चों को सहज, प्रेरक और उत्साहवर्धक माहौल मिले। 

‘स्कूल चलो अभियान’ का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा, जो 15 जुलाई तक चलेगा। इसका उद्देश्य अधिकतम बच्चों का नामांकन और स्कूल से उनका जुड़ाव सुनिश्चित करना है। 

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल के मुताबिक, सभी जिलों के बीएसए को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नामांकन अभियान में कोई कोताही न हो। जनप्रतिनिधियों, विद्यालय प्रबंधन समितियों, मातृ समूहों और स्थानीय समाजसेवियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। 

छुट्टियों के बाद मंगलवार को स्कूल खुलने पर प्रवेशोत्सव मनाया गया। सुबह आठ बजे बच्चों का स्कूल पहुंचना शुरू हुआ तो शिक्षक व शिक्षिकाओं ने बच्चों को माला पहनाकर स्वागत किया गया।


मैनपुरी में पहले दिन कम रही छात्र संख्या। प्राथमिक स्कूल पावर हाउस में 13 बच्चे ही पहुंचे। प्रधानाध्यापक अभिलाषा चौहान अन्य शिक्षकों संग व्यवस्था सुधारने में जुटी रहीं।