दीपावली पर 24 लाख दीयों से जगमग होगी रामनगरी अयोध्‍या, रोशन होंगे सरयू के घाट

  • Story By: Riya Pandey

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्‍या में भव्‍य दीपोत्‍सव की तैयार‍ियां पूरी हो चुकी है। राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह घाट के सभी 51 स्थलों पर 24 लाख दीयों को सज्जित करने की प्रक्रिया पूर्ण हो गई।

दीपोत्सव युगों पहले श्रीराम की लंका विजय की स्मृति में मनाया जाता है। दीपोत्सव का प्रत्येक संस्करण भव्यता का प्रतिमान गढ़ने वाला रहा है। सातवें संस्करण तक यह उत्सव भव्यता के अनेकानेक कीर्तिमान का परिचायक बन कर प्रस्तुत हो रहा है।


राम की नगरी में भव्‍य दीपोत्‍सव की तैयारियों के मद्देनजर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम घाटों पर सज्जित दीयों की गणना करेगी अगर किसी भी घाट पर दीये की गिनती कम मिली तो वहां पर अतिरिक्त दीये बिछाये जाएंगे।


दीपोत्सव के दिन एक स्वयंसेवक को 85 से 90 दीये जलाने का लक्ष्य दिया गया है। नोडल अधिकारी प्रो. संतशरण मिश्र ने बताया कि 11 नवंबर को सुबह नौ बजे से दीयों में बाती व तेल डाला जाएगा। निर्धारित समय पर इन्हें प्रज्वलित किया जएगा। भोजन समिति के संयोजक प्रो. चयन कुमार मिश्र भोजन व्यवस्था को पुख्ता करते रहे।


रामघाट, बिड़ला धर्मशाला, बड़ी देवकाली, गुप्तारघाट तथा भरतकुंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हो गए। इसके साथ ही लोगों को देश भर की सांस्कृतिक विधाओं को जानने का अवसर भी मिल रहा है। गुप्तारघाट पर मणिपुर के कलाकारों ने बसंत रास नृत्य तो सिक्किम के कलाकर्मियों ने सिंघी नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मनमोह लिया।


दीपोत्सव के दिन फरुवाही व ब्रज का लोकनृत्य देखने को मिलेगा। भरतकुंड में लोकगायन व राई नृत्य की प्रस्तुति हुई। बड़ी देवकाली पर दर्शकों को केरल का कथकली नृत्य देखने को मिला। इसके साथ दर्शकों ने बिहार का झिझया व आजमगढ़ का धोबिया लोकनृत्य देखा।

रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के साथ संपूर्ण रामनगरी को दिव्यता प्रदान करने का अभियान चल रहा है और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रामलला का विग्रह नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होगा। ऐसे में रामनगरी विजयोल्लास की स्मृति से निहाल हो रही है।

'अयोध्या दीपोत्सव' को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर दिए जलाए जाएंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 लाख दीए जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा है।

गौरतलब है कि 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटी दीपावली के दिन मेगा इवेंट के रूप में दीपोत्सव की शुरुआत की। पहले संस्करण में ही रामकी पैड़ी पर रिकॉर्ड एक लाख 87 हजार दीप जले।

दूसरा संस्करण उत्सव की परिपाटी को शिखर प्रदान करने वाला बना। पूर्व के कार्यक्रमों का पूरी गरिमा से पालन किए जाने के साथ प्रज्ज्वलित दीपों की संख्या तीन लाख 11 हजार तक जा पहुंची और सर्वाधिक दीप जलने के साथ रामनगरी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुई।

दीपोत्सव का तीसरा संस्करण भव्यता के और उच्च प्रतिमान स्थापित करने वाला बना। इस बार रामकी पैड़ी परिसर में एक साथ चार लाख से अधिक दीप रोशन हुए। चौथे दीपोत्सव में पैड़ी परिसर में ही छह लाख छह हजार दीप जलाए गए। जबकि एक लाख 51 हजार दीप 15 अन्य पौराणिक स्थलों पर प्रज्ज्वलित किए गए। 

दीपोत्सव का पांचवा संस्करण उत्सवधर्मिता का और भी नया अध्याय प्रशस्त करने वाला सिद्ध हुआ। इस बार कुल नौ लाख 41 हजार दीप दीप जलाए गए। वहीं दीपोत्सव के छठें संस्करण में अकेले पैड़ी परिसर में ही 15 लाख दीप जलाए गए। जबकि संपूर्ण नगरी में जलाए जाने वाले दीपों की संख्या 18 लाख से अधिक थी।