शिखर पर धर्म ध्वजा

  • Story By: Ambika Bajpai

यह जन्मभूमि पर राम मंदिर की पूर्णता के उद्घोष में सनातन का जयघोष था...। पांच दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति के रूप में धर्म ध्वजा शिखर पर थी और विह्वलता में कंपकंपाते हाथों से उसे प्रणाम करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखें सजल।

मंगलवार को अभिजित मुहूर्त (दोपहर 11:50 से 11:54 बजे तक) में वह चिर अभिलाषित क्षण आया, जब सनातन की धर्म ध्वजा शिखर पर थी। मात्र चार मिनट में मोटराइज्ड पुलिंग सिस्टम से धर्म ध्वजा मंिदर के शिखर पर पहुंच गई। धर्म ध्वजा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए पीएम के हाथ कंपित रहे। इस क्षण को शब्दों में बांधना उतना ही कठिन है, जितनी कठिन यात्रा इस आंदोलन के शिखर तक पहुंचने की।

प्रधानमंत्री के शब्दों में ‘आज अयोध्या नगरी सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है और हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है।’ 

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में बटन दबाकर 18 फीट की लंबाई और नौ फीट की चौड़ाई वाली ध्वजा फहराने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही मंच पर आए...दीर्घा से गूंजे जयघोष का उत्तर उन्होंने सियावर रामचंद्र की जय से दिया।

32 मिनट के संबोधन में उन्होंने सामाजिक समरसता, सहभागिता का भान कराते हुए कहा कि आज सदियों लंबे एक ऐसे यज्ञ की पूर्णाहुति हुई है, जिसकी पवित्र अग्नि 500 वर्षों तक प्रज्वलित रही। धर्म ध्वजा भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। 

इसका भगवा रंग, ॐ शब्द और कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है। यह ध्वज...संकल्प है, सफलता है। यह ध्वज...संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है। 

पीएम मोदी ने भगवान राम के चरित्र में सामूहिकता और सहभागिता की व्याख्या करते हुए कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है।

राम मंदिर परिसर में बने माता शबरी, वाल्मीकि, विश्वामित्र के मंदिर सर्वसमाज के प्रेमभाव का प्रतीक हैं। निषादराज मित्रता तो जटायु और गिलहरीजी बड़े संकल्प के लिए छोटे प्रयास का प्रतीक हैं। प्रत्येक देशवासी सप्तऋषियों के भी दर्शन करें। इन सबके योगदान ने एक राजकुमार को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाया। 

उन्होंने कहा कि हमने सहभागिता की भावना से पिछले 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान, श्रमिक, युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा है। सबके प्रयास से ही 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हमें विकसित भारत का निर्माण करना ही होगा। 

अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना से पूर्व परिसर का विहंगम दृश्य। एएनआइ 


अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना के बाद नमन करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। एएनआइ 

ध्वजारोहण के दौरान केसरिया पताका को शिखर की तरफ जाते हुए देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व संघ प्रमुख मोहन भागवत

पांच दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति के रूप में धर्म ध्वजा शिखर पर पहुंची।