आस्था की सीढ़ियों पर सनातन का प्रकाश, धरा से आकाश तक उजास
गंगा में उतरती आस्था की सीढ़ियों पर सनातन की ज्योति जगमगाई तो इसकी आभा से पूरा विश्व दीप्तिमान हो उठा। कार्तिक मास की विदाई में सूर्यदेव के अस्त होने से पूर्व ही मानो दीपकों की आभा का उदय हो गया।












