घर को दें सकारात्मक ऊर्जा
हर स्त्री का यही सपना होता है कि उसके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे। अगर आप भी फ्लैट ख़्ारीदने या मकान बनवाने की योजना बना रही हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आधुनिक जीवनशैली में लोगों के पास सारी सुख-सुविधाएं मौज़ूद हैं, लेकिन आर्थिक उन्न
हर स्त्री का यही सपना होता है कि उसके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे। अगर आप भी फ्लैट ख्ारीदने या मकान बनवाने की योजना बना रही हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आधुनिक जीवनशैली में लोगों के पास सारी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन आर्थिक उन्नति के साथ लोगों की व्यस्तता तेजी से बढती जा रही है। यही व्यस्तता उनके तनाव की सबसे बडी वजह है। अगर घर को व्यवस्थित करते समय वास्तुशास्त्र के नियमों को अपना लिया जाए तो इससे परिवार में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है। अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए :
-सुबह सोकर उठने के बाद थोडी देर के लिए घर की सारी खिडकियां और दरवाजे खोल दें। इससे पूरे घर में सूर्य का प्रकाश फैल जाता है, जो परिवार के सभी सदस्यों को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है।
-वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा कुबेर का स्थान होता है। इसलिए बिजनेस करने वाले लोगों को उत्तर दिशा के दरवाजे-खिडकियां ज्यादा से ज्यादा समय तक खोलकर रखनी चाहिए।
-घर की पूर्व दिशा में बने आंगन या बालकनी में तुलसी का पौधा लगाएं तो इसके सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इससे परिवार के सदस्यों का बौद्धिक विकास होता है और ईश्वर के प्रति आस्था बढती है।
-घर के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान कहा जाता है। इसे हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। ऐसी जगह पर कोई भी भारी फर्नीचर नहीं रखना चाहिए। फ्लैट्स की लॉबी उनके मध्य भाग में ही स्थित होती है। अत: परिवार की ख्ाुशहाली के लिए इस स्थान को हमेशा साफ और खुला रखना चाहिए।
-घर के मुखिया के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थित कमरे को सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि यहां रहने से मुखिया परिवार पर सही नियंत्रण रखते हुए सभी का समुचित मार्गदर्शन कर सकता है।
-घर की पूर्वोत्तर दिशा में पूजा स्थल बनाना चाहिए क्योंकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश इसी दिशा से होता है। पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों की विद्या-बुद्धि और सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है।
-पूर्व व उत्तर दिशाओं से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए इन दिशाओं में किसी तरह की गंदगी या कूडा-कबाड न रखें। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करेगी, जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड सकता है।
-घर की दक्षिण दिशा में बनी खिडकियों व दरवाजों पर हमेशा भारी परदे लगा कर रखें। इस दिशा से आने वाली सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश की आशंका होती है, जिससे रक्त एवं त्वचा संबंधी बीमारियों का ख्ातरा बना रहता है।
-किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। गैस स्टोव इस तरह रखें कि खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा में हो। इससे आपका मन प्रसन्न रहेगा और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
-परिवार की आर्थिक समृद्धि के लिए उत्तर दिशा में बने कमरों की दीवारों को हलके नीले रंग से पेंट कराएं।
-घर के लॉन,आंगन या बालकनी में अपनी सुविधा अनुसार कुछ पेड-पौधे जरूर लगाएं। इससे पूरे परिवार को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और घर के माहौल में सुख-शांति बनी रहती है।
-बच्चों की स्टडी टेबल को ऐसे व्यवस्थित करें कि पढते समय उनका मुख पूर्व दिशा की ओर हो। अगर ऐसा संभव न हो तो कोशिश यही होनी चाहिए कि पढते समय बच्चों का मुख उत्तर दिशा की ओर हो।
-नवदंपती का बेडरूम हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। उसकी दीवारों को पिंक कलर से पेंट करवाना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में ख्ाुशहाली आती है।
-डाइनिंग टेबल को ऐसे व्यवस्थित करें कि भोजन करते समय परिवार के किसी भी सदस्य का मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो।
अगर घर को व्यवस्थित करते समय वास्तुशात्र के इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो परिवार में हमेशा ख्ाुशहाली बनी रहेगी।
डॉ आनंद भारद्वाज, वास्तु कंसल्टेंट