जगह तो निकल ही आएगी
छोटे घरों में जगह की तंगी हमेशा बनी रहती है। घर को बड़ा तो नहीं किया जा सकता, लेकिन थोड़ी सी सूझबूझ की मदद से उसे आरामदायक और खुला ज़रूर बनाया जा सकता है। जगह घर में नहीं दिल में होनी चाहिए। जब भी छोटे घर की बात होती है
छोटे घरों में जगह की तंगी हमेशा बनी रहती है। घर को बडा तो नहीं किया जा सकता, लेकिन थोडी सी सूझबूझ की मदद से उसे आरामदायक और खुला जरूर बनाया जा सकता है।
जगह घर में नहीं दिल में होनी चाहिए। जब भी छोटे घर की बात होती है तब अकसर लोग यही जुमला दोहराते हैं। सुनने में यह बात अच्छी जरूर लगती है, पर छोटे से घर में खुली जगह बनाना वाकई बेहद मुश्किल काम है। अगर थोडी समझदारी और प्लानिंग के साथ घर को व्यवस्थित किया जाए तो मौजूदा न्यूनतम स्पेस का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके लिए दो तरीके से प्लानिंग करने की जरूरत होती है-पहला स्पेस ऑप्टिमाइजेशन यानी जगह की बचत करना और दूसरा स्पेस इल्यूजन यानी छोटी जगह के बडा होने का आभास देना। आइए जानते हैं कि छोटे से घर को व्यवस्थित करने के लिए क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं।
मल्टी फंक्शनल फर्नीचर
घरों में जगह की कमी को देखते हुए आजकल बाजार में फर्नीचर्स के कई ऐसे नवीनतम डिजाइन उपलब्ध हैं, जो स्पेस ऑप्टिमाइजेशन में सहायक होते हैं। छोटे घरों के लिए ऐसे फर्नीचर का चुनाव सबसे सही रहता है। फोल्डिंग टेबल, कुर्सिंयां या बेड ऐसे घरों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं। इसके अलावा सोफा-कम-बेड भी बहुत उपयोगी साबित होता है। जरूरत पडऩे पर ऐसे सोफे को खोलकर उसे आसानी से बेड बनाया जा सकता है। अपने ड्राइंग रूम के लिए ऐसे काउच का चुनाव करें, जिसमें सामान स्टोर करने की भी सुविधा हो। एक-दूसरे के भीतर समा सकने वाली नेस्टिंग टेबल्स भी स्पेस बचाने में आपकी मदद करती हैं। जरूरत पडऩे पर इन्हें आसानी से खींच कर अलग भी किया जा सकता है।
और भी है गुंजाइश
आमतौर पर लोग अपने रहने की जगह को फ्लोर प्लान के तौर पर देखते हैं। फिर बुक शेल्फ या ऐसी ही किसी स्टोरेज के लिए लोग फर्श पर ही जगह बनाने की कोशिश करते हैं। जबकि मकान या फ्लैट खऱीदते समय वर्ग फुट के रूप में आपको उसकी सीलिंग और दीवारों के स्पेस की भी कीमत चुकानी पडती है। अत: फ्लोर के अलावा इस जगह का भी पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। बेडरूम में कम ऊंचे शेल्फ की जगह सीलिंग तक की ऊंचाई के रैक, शेल्फ या सीलिंग में लॉफ्ट बनाए जा सकते हैं, जिसमें वैसी चीजें रखी जा सकती हैं, जिनकी अकसर जरूरत नहीं पडती। इस तरह फ्लोर से जगह बचाकर आप उसे खुला-खुला बना सकती हैं।
शीशे की करामात
शीशे के प्रयोग से कमरे में स्पेस इल्यूजन यानी कमरे में ज्य़ादा जगह होने का आभास पैदा किया जा सकता है। दीवारों पर बडे शीशों का प्रयोग करें, आर्ट पीस कांच के फ्रेम में लगाएं। लकडी के टेबल की जगह कांच के टेबल टॉप का इस्तेमाल करें। शीशे के इस्तेमाल से कमरे के चारों ओर रोशनी को रिफ्लेक्ट करके बडी जगह का भ्रम पैदा किया सकता है। खिडकी की सामने वाली दीवार पर शीशे के प्रयोग से अधिकतम प्राकृतिक रोशनी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही इससे कमरे में दोहरी खिडकी होने का आभास होता है, जिससे आपका कमरा बडा दिखाई देता है।
सादगीपूर्ण डिजाइन
कमरे को बडा दिखाने के लिए बेहद जटिल डिजाइन वाले फर्नीचर की जगह रिफ्लेक्टिव मटीरियल का इस्तेमाल करें। इसके लिए किचन कैबिनेट या ऐसी ही अन्य जगहों पर सरल डिजाइन वाले पैनल कैबिनेट बनवा लेने चाहिए। किसी भी पारदर्शी मटीरियल से बने फर्नीचर रोशनी को रिफ्लेक्ट करके कमरे को बडा दिखाते हैं। इसके अलावा कुर्सियों, डाइनिंग टेबल और बुक शेल्फ आदि के लिए ऐसे डिजाइन चुनें, जो दूर से ही बिलकुल स्पष्ट दिखाई दें।
रंगों का संतुलित चुनाव
हल्के रंग खुलेपन का आभास देते हैं, जिससे हर चीज बडी दिखाई देती है। इसलिए कमरे में हल्के और कूल लुक देने वाले रंगों का प्रयोग करें। किसी भी रंग के सबसे हल्के शेड का चुनाव करें। मोनोक्रोमेटिक कलर स्कीम यानी एकवर्णी रंग कमरे के आकार को बडा दिखाने में सहायक होंगे। रंगों में पैटर्न के प्रयोग से बचें। पैटर्न कमरे में विजुअल क्लटर पैदा करते हैं, जिससे कमरा छोटा दिखाई देता है।
सीमित हो सजावट
शो पीसेज, फ्लॉवर वास और बडे फोटो फ्रेम की वजह से घर ज्य़ादा भरा हुआ दिखाई देता है। इसलिए कम, लेकिन क्लासी सजावट का नियम अपनाएं। अगर आप बहुत सी चीजों को सजाना चाहती हैं तो उन्हें एक साथ रखने के बजाय थोडी जगह छोडकर यानी रोटेशन में सजाएं। इससे आपका घर खुला और व्यवस्थित लगेगा।
विनीता
(इंटीरियर डिजाइनर पायल कपूर से बातचीत पर आधारित)