अपनों से शेयर करें कुछ जरूरी बातें
मुश्किलें बता कर नहीं आतीं और ऐसे मौकेपर कानूनी दस्तावेजों के न मिलने से परेशानी और ज्यादा बढज़ाती है। परिजनों को ऐसी दिक्कतों से बचाने के लिए बेहतर यही होगा कि हम अपने जरूरी कागजात के बारे में उन्हें जरूर बताएं।
मुश्किलें बता कर नहीं आतीं और ऐसे मौकेपर कानूनी दस्तावेजों के न मिलने से परेशानी और ज्यादा बढज़ाती है। परिजनों को ऐसी दिक्कतों से बचाने के लिए बेहतर यही होगा कि हम अपने जरूरी कागजात के बारे में उन्हें जरूर बताएं।
जरूरी कागजात अकसर लोग बहुत संभालकर रखते हैं, पर उन्हें इतना भी सहेज कर न रखें कि उनके बारे में आपके परिवार के सदस्यों को कुछ भी मालूम ही न हो। अन्यथा किसी संकट की घडी में परिवार के सदस्यों को अनावश्यक भागदौड और तनाव का सामना करना पड सकता है।
सबसे जरूरी दस्तावेज
जन्म प्रमाणपत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र, मेडिक्लेम का कार्ड, शिक्षा से जुडे सभी सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र आदि जरूरी कागजात एक स्थान पर सुरक्षित रखें। इन चीजों के बारे में आपके परिवार के करीबी लोगों को जरूर मालूम होना चाहिए। गंभीर बीमारी, दुर्घटना या किसी अनहोनी के बाद उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया में इन कागजात की हमेशा जरूरत पडती है।
बीमा का ब्योरा
अपनी सारी पॉलिसियों की सूची बनाएं और उसमें अपने नॉमिनी का नाम भी दर्ज करें। वह पॉलिसी जिस एजेंट के मार्फत ली गई है, उसका पता और फोन नंबर भी उसी लिस्ट के साथ नोट करके रखें। लिस्ट में पॉलिसी नंबर और उसकी मच्योरिटी की तारीख्ा का भी उल्लेख करें। इस लिस्ट को लॉकर में संभाल कर रखें।
पीएफ और पेंशन के पेपर्स
अगर आप जॉब में हैं तो अपनी सारी सैलरी स्लिप एक निश्चित जगह पर संभाल कर रखें और उसके बारे में आपके परिवार वालों को भी मालूम होना चाहिए। अगर आप रिटायर हो चुके हैं तो पेंशन अकाउंट नंबर एक डायरी में नोट करके रखें और अपने जीवनसाथी को उसके बारे में जरूर बताएं।
अन्य जरूरी जानकारियां
इन्वेस्टमेंट संबंधी सभी पेपर्स एक जगह सुरक्षित रखें। अगर कोई संपत्ति कहीं गिरवी रखी है तो उसके दस्तावेज्ाों की फोटो कॉपी रखें। अपने सारे बैंक खातों से संबंधित विवरण, पीपीएफ अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉज्िाट और रिकरिंग आदि की जानकारी दर्ज करें। इसके अलावा एक डायरी में नॉमिनी का भी नाम नोट करके रखें। अगर आपने किसी बैंक में लॉकर रखा है तो अपने जीवनसाथी या बेटे/बेटी को यह जरूर बताएं कि उसकी चाबियां कहां रखी हैं, आपने किस बैंक में लॉकर लिया है और उसमें कौन सी चीजें रखी गई हैं। यह भी न भूलें
-पति-पत्नी को एक-दूसरे के डीमैट अकाउंट, उसके डिपॉजिटरी पार्टनर और सिक्योरिटी मनी के बारे में पता होना चाहिए। अपने लाइफ पार्टनर को म्युचूअल फंड, शेयर्स और सोने-चांदी के निवेश की भी जानकारी दें।
-अगर आपने किसी व्यक्ति या संस्था से ऋण ले रखा है या किसी को उधार दिया है तो उसका पूरा उल्लेख किसी डायरी में अवश्य करें। आपकी पत्नी/पति को यह जरूर मालूम होना चाहिए कि वह डायरी कहां रखी है।
-यह बिलकुल सही है कि हमें अपने ई-मेल अकाउंट या ऑनलाइन बैंकिंग के पासवड्र्स किसी के भी साथ शेयर नहीं करने चाहिए। इसी तरह डेबिट/क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर परिवार के सदस्यों को भी न बताएं। फिर भी आपातकालीन स्थिति के लिए सारे पासवर्ड्स की सूची लॉकर में सुरक्षित रखें।
-निवेश संबंधी कागजात की फोटो कॉपी कराकर उसे एक फाइल में सुरक्षित स्थान पर रखें और किसी विश्वसनीय व्यक्ति उसकी जानकारी जरूर दें।
-सूचनाओं में होने वाले परिवर्तनों को अपडेट करते रहें क्योंकि अधूरी जानकारी किसी काम की नहीं होती।
सखी फीचर्स
(सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रेखा अग्रवाल से बातचीत पर आधारित)