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परफेक्ट शॉपिंग गाइड

फेस्टिव सीजन आते ही लोगों के चेहरे खिल उठते हैं। त्योहारों के स्वागत में दुकानें सज जाती हैं, लोग अपना शॉपिंग बैग और एटीएम कार्ड संभालते हुए घर से निकल पड़ते हैं ख़्ारीदारी के लिए। त्योहारों के स्वागत का उत्साह कुछ ऐसा होता है कि जल्दबाजी में शॉपिंग करते

By Edited By: Published: Thu, 01 Oct 2015 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2015 11:37 AM (IST)
परफेक्ट शॉपिंग गाइड

फेस्टिव सीजन आते ही लोगों के चेहरे खिल उठते हैं। त्योहारों के स्वागत में दुकानें सज जाती हैं, लोग अपना शॉपिंग बैग और एटीएम कार्ड संभालते हुए घर से निकल पडते हैं ख्ारीदारी के लिए। त्योहारों के स्वागत का उत्साह कुछ ऐसा होता है कि जल्दबाजी में शॉपिंग करते वक्त कुछ न कुछ गडबडी की आशंका बनी रहती है। ऐसी ही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर सखी दे रही है कुछ ऐसे टिप्स, जो त्योहारों की शॉपिंग में आपके लिए मददगार साबित होंगे।

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अगर करनी हो कपडों की ख्ारीदारी...

त्योहारों की शॉपिंग लिस्ट में कपडों की जगह सबसे ऊपर होती है। किसी भी इंसान के व्यक्तित्व को निखारने में आउटफिट्स का बहुत बडा योगदान होता है। इसलिए कपडों की ख्ारीदारी के दौरान आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

1. शॉपिंग के लिए उसी दिन निकलें जब मौसम अच्छा हो और आपका मूड भी। इससे आप बिना परेशान हुए शॉपिंग को एंजॉय कर पाएंगे।

2. मार्केट के लिए निकलने से पहले ही निश्चय कर लें कि आपको क्या ख्ारीदना है। इससे आपका समय बर्बाद नहीं होगा।

3. कपडों की शॉपिंग के लिए अलग फंड रखें और सारी चीजें उसी सीमित बजट में ख्ारीदें। इससे थोडी बचत भी होगी।

4. कपडे ख्ारीदने के लिए हमेशा वैसी शॉप में जाएं जहां थ्री-वे मिरर वाले ट्रायल रूम की व्यवस्था हो।

5. आउटफिट्स की शॉपिंग के दौरान बैग में हैंड सैनिटाइजर रख लें और हर ट्रायल के बाद अपने हाथ साफ करें।

6. जूते या कॉम्प्लेक्स फुटवेयर के बजाय कुछ ऐसा पहनें, जिससे ट्रायल के दौरान परेशानी न हो।

7. कपडों की शॉपिंग के लिए अपने साथ किसी ऐसी दोस्त को ले जाएं, जिसका ड्रेस सेंस अच्छा हो।

8. अगर आपके साथ छोटे बच्चे हों तो उन्हें व्यस्त रखने के लिए साथ में उनके मनपसंद खिलौने, विडियो गेम्स, बिस्किट, वेफर्स और जूस जैसी चीजें रखें।

9. कपडों की ख्ारीदारी में कभी भी जल्दबाजी न करें। समय लेकर निकलें और कई शॉप्स व स्टोर्स में कपडे देखने के बाद पूरी तसल्ली से शॉपिंग करें।

10. कुछ भी ख्ारीदने से पहले ट्राई जरूर करें क्योंकि हर ब्रैंड का साइज अलग होने से कई बार बाद में दिक्कत आती है।

11. शर्ट, कुर्ती, ट्राउजर, लेगिंग, जींस या टॉप जैसे आउटफिट्स की शॉपिंग पर जाने से पहले एक बार अपना वॉर्डरोब अच्छी तरह चेक कर लें, ताकि बाजार जाने के बाद गलतफहमी में वैसी ही कोई दूसरी चीज न उठा लाएं।

12. फेस्टिव शॉपिंग करते समय ऐसे आउटफिट्स का चयन करें, जिन्हें त्योहार के बाद भी पहना जा सके और वे बहुत ज्य़ादा भडकीले न हों।

13. हो सकता है, सेल्समैन आपसे बार-बार वैसे आउटफिट्स ख्ारीदने का आग्रह करे, जो आपको पसंद न हों। इसलिए उसकी बातों में न आएं और अपनी जरूरत के हिसाब से शॉपिंग करें।

14. ऐसे कपडे का चुनाव करें, जिन्हें घर में आसानी से धोया जा सके। वैसी ड्रेसेज खऱीदने से बचें, जिन्हें हमेशा ड्राई क्लीनिंग की जरूरत पडती है।

15. यदि ज्य़ादा ख्ारीदारी करनी हो तो असुविधा से बचने के लिए अपने साथ शॉपिंग बैग जरूर ले जाएं।

16. फॉर्मल आउट्फिट्स लेते समय चेक कर लें कि उसके साथ आपको नई बेल्ट, टाई या फुटवेयर की जरूरत तो नहीं है।

17. कपडे ख्ारीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी ख्ाास तरह के फैब्रिक से आपको स्किन एलर्जी तो नहीं होती।

18. छोटे बच्चों के लिए शॉपिंग करते समय उन्हें ट्रायल दिलवाना न भूलें।

19. अगर बच्चे ट्रायल में आनाकानी करते हैं या आप उन्हें साथ न लाए हों तो शॉपिंग से पहले उनका नाप लेना न भूलें। फिर उसी के हिसाब से कपडे ख्ारीदें।

20. बच्चों के कपडे सुंदर होने के साथ आरामदेह भी होने चाहिए। ध्यान रहे कि उनमें कोई चुभने वाली चीज न लगी हो।

21. उनके लिए हमेशा सही फिटिंग के कपडे ख्ारीदें। साइज से ज्यादा बडी ड्रेसेज दिखने में अच्छी नहीं लगतीं। बच्चों की ड्रेसेज ज्य़ादा टाइट नहीं होनी चाहिए। इससे भी उन्हें परेशानी हो सकती है।

22. ऑफ सीजन सेल के लालच में जबर्दस्ती कुछ भी न ख्ारीद लें। कपडे चाहे जितने सस्ते मिल रहे हों, लें वही जिनकी आपको वाकई जरूरत हो।

23. घर पहुंचने के बाद कपडों से टैग्स हटाने से पहले दोबारा उन्हें चेक कर लें। कोई भी गडबडी होने पर अगले दिन चेंज करवा लें।

24. कपडों को समय रहते टेलर की दुकान में भेज दें, वर्ना आपकी ड्रेसेज त्योहार के मौके पर सिलकर तैयार नहीं हो पाएंगी।

25. टेलर के पास से जैसे ही कपडे सिलकर आएं, उन्हें पहनकर जांच लें, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

26. भीड से बचने के लिए संडे के बजाय किसी वीक डे पर शॉपिंग करें।

जब जाएं ज्यूलरी ख्ारीदने

मौसम है त्योहारों का और घर की तमाम जरूरी चीजों के अलावा ज्यूलरी ख्ारीदने का भी सही समय यही है। करवाचौथ और धनतेरस में ज्यूलरी बाजार की रौनक बढ जाती है। आप भी अगर ज्यूलरी ख्ारीदने का मन बना चुकी हैं तो कुछ जरूरी बातों का रखें ध्यान।

27. ज्यूलरी हमेशा विश्वसनीय दुकानों से ही ख्ारीदें और उसमें बीआइएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स) हॉलमार्क जरूर चेक करें।

28. चांदी से बने गहने ख्ारीदते समय उसके एक हिस्से को हलके हाथों से दबा कर देखें। अगर वह हिस्सा आसानी से नहीं मुड रहा तो सकता है कि चांदी में मिलावट हो। याद रखें लचीलापन असली चांदी की पहचान है।

29. कई दुकानों में ज्यूलरी का मेकिंग चार्ज बहुत ज्य़ादा लिया जाता है। अपने परिचितों से किसी अच्छी दुकान के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद ही ज्यूलरी ख्ारीदने जाएं और मोलभाव करने में संकोच न बरतें।

30. सोने की ज्यूलरी ख्ारीदते समय उसका कैरेट जरूर चेक करें। असली सोना वैसे तो 24 कैरेट का होता है, लेकिन ज्यूलरी 22 कैरेट की ही होती है। इससे कम कैरेट की ज्यूलरी की कीमत भी कम होनी चाहिए। इन बातों की पूरी जांच-परख करने के बाद ही गहने ख्ारीदें।

31. ज्यूलरी ख्ारीदने से पहले अपना बजट सुनिश्चित कर लें, ताकि बाजार पहुंच कर आपको किसी तरह की असुविधा न हो।

32. ज्यूलरी के नए ट्रेंड और डिजाइंस के बारे में अच्छी तरह रिसर्च करके जाएं।

33. पसंद की गई ज्यूलरी को पहन कर जरूर देखें। इससे आपको पता चल जाएगा कि वह आप पर जंच रही है या नहीं।

34. डायमंड ज्यूलरी ख्ारीदते समय कट, कलर, क्लैरिटी और कैरेट इन चार चीजों का ध्यान जरूर रखें।

35. मोती और अन्य कीमती रत्नों की ज्यूलरी ख्ारीदते समय उसकी शुद्घता की परख जरूर करें।

36. अगर आप रत्न ख्ारीदने जा रहे हैं तो इसकी पूरी जानकारी आपको इंटरनेट पर आराम से मिल जाएगी। धोखाधडी से बचने के लिए अच्छी तरह रिसर्च करके जाएं।

37. आजकल बाजार में कम कैरेट और गोल्ड पॉलिश की ज्यूलरी किफायती रेंज में उपलब्ध होती है। अगर आप ज्य़ादा खर्च करने के मूड में नहीं हैं तो आपके लिए ऐसी ज्यूलरी मुफीद रहेगी।

38. आर्टिफिशियल ज्यूलरी के डिजाइंस में ज्य़ादा वरायटी मिलती है और ये बहुत आकर्षक होती हैं, लेकिन इन्हें ख्ारीदने में सावधानी बरतें क्योंकि ये भी काफी महंगी होती हैं। इसलिए ऑर्टिफिशियल ज्यूलरी ख्ारीदते समय उसके ब्रैंड की विश्वसनीयता का ध्यान रखें।

39. एंटीक ज्यूलरी ख्ारीदते वक्त किसी अनुभवी व्यक्ति को साथ ले जाएं। अन्यथा एंटीक के नाम पर ठगी भी हो सकती है।

40. रत्नजडित ज्यूलरी ख्ारीदते समय धोखाधडी से बचने के लिए उससे जुडी लैब रिपोर्ट जरूर चेक करें।

41. अगर किसी को गिफ्ट देने के लिए ज्यूलरी ख्ारीद रहे हैं तो उसकी पसंद और नापसंद के बारे में पहले ही जान लें ताकि बार-बार बाजार जाने की नौबत न आए।

42. अगर आप अपने लिए कस्टमाइज्ड ज्यूलरी बनवा रही हैं तो इसके डिजाइन, मटीरियल और कीमत के बारे में पहले से ही तय कर लें। इससे समय की बचत होगी।

43. सोने की कीमत में रोज उतार-चढाव आ रहे होते हैं। ऐसे में आप अपने पुराने सोने के गहने को एक्सचेंज करके नए भी ख्ारीद सकती हैं। इससे आपको अच्छे दाम पर नए गहने बिना किसी नुकसान के मिल जाएंगे।

44. कोई भी ज्यूलरी ख्ारीदने से पहले उसकी रीसेल वैल्यू के बारे में भी अच्छी तरह मालूम कर लें, ताकि बाद में उसे बदलने या बेचने पर आपको कोई नुकसान न हो।

45. फेस्टिव सीजन में ज्यूलरी पर कई तरह के डिस्काउंट ऑफर भी मिलते हैं, जिनका लाभ उठाया जा सकता है।

समय है घर सजाने का

त्योहार अपने साथ ढेर सारी ख्ाुशियां लेकर आते हैं। ऐसे माैके पर हम भी अपने घर को सजाने-संवारने में कोई कसर नहीं छोडते। छोटी-बडी सजावटी चीजों से घर को सजाने का शौक हर किसी को होता है। कैसे करें घर के सजावटी सामान की ख्ारीदारी, आइए जानें सखी के साथ।

46. सजावटी चीजों की शॉपिंग लिस्ट बनाने से पहले अपने घर का अच्छी तरह निरीक्षण कर लें, ताकि अनावश्यक ख्ारीदारी से बचा जा सके।

47. डेकोरेटिव चीजों की शॉपिंग में विविधता होनी चाहिए। अगर आपने पहले से ही घर को हैंडीक्राफ्ट की चीजों से सजा रखा है तो इस बार कुछ नए नॉन-ट्रडिशनल डेकोर आइटम्स ख्ारीदें।

48. फर्नीचर्स जैसी महंगी चीजें सेल से भी ख्ारीदी जा सकती हैं।

49. घर में पडे पुराने फर्नीचर्स को हटाने के बजाय उन्हें पेंट और पॉलिश करवा कर पैसे बचा सकती हैं।

50. पूरे घर को एक ही बार में सजाने का विचार छोड दें। त्योहार के समय कुछ जरूरी सजावटी चीजों से भी अपने घर को सुंदर बना सकती हैं।

51. परदे ख्ारीदने से पहले दरवाजों की लंबाई और चौडाई इंचटेप से नाप लें, ताकि बार-बार बाजार जाने से बचा जा सके।

52. इसी तरह दूसरी चीजों की भी नाप लेकर जाएं, जैसे-फ्रिज कवर, सोफा कवर, टेबल टॉप और वंदनवार आदि।

53. नए बेड कवर या कुशन कवर ख्ारीदने से पहले घर में स्टॉक को चेक कर लें, ताकि बेवजह फजूलखर्ची न हो।

54. अगर आपका बजट सीमित है तो महंगी और भारी-भरकम चीजें ख्ारीदने के बजाय कुछ हलकी-फुलकी छोटी सजावटी वस्तुएं ख्ारीदें।

55. अपने बजट में कॉस्ट कटिंग करने के लिए आप घर की कुछ सजावटी चीजों से समझौता कर सकती हैं। जैसे- टेबल या डोर मैट्स, कोस्टर और लैंपशेड आदि।

56. ऑनलाइन बाजार से आप नए ट्रेंड और कीमत के बारे में पता कर सकती हैं, जो आपकी ख्ारीदारी में मददगार साबित होगी।

57. घर में पहले से मौजूद पीतल के सजावटी सामान की पॉलिश या उसे एक्सचेंज करवा कर भी घर के इंटीरियर को नया लुक दे सकती हैं।

58. बाजार में चल रहे फेस्टिव एक्सचेंज ऑफर्स का फायदा उठाएं। इससे कई बार कम पैसे में अच्छी चीजें मिल जाती हैं।

59. एक ही बार पूरे घर का इंटीरियर बदलने के बजाय थोडा-थोडा करके सजावटी वस्तुएं ख्ारीदें।

60. सिरैमिक्स के वासेज्ा या गमलों के बजाय फाइबर से बने डिजाइनर गमले ख्ारीद सकती हैं। ये किफायती होने के साथ सुंदर भी दिखते हैं।

61. अगर आपके पास पहले से मिट्टी के गमले मौजूद हैं तो उन्हें टेराकोटा कलर से पेंट करवा के नया लुक दे सकती हैं। इससे नए गमले ख्ारीदने का ख्ार्च बच जाएगा।

62. बच्चों के कमरे को उनकी तसवीरों केकोलाज या पोस्टर से सजाएं।

63. बैलकनी को डेकोरेटिव लाइट्स, कंदील और कागज की रंग-बिरंगी झालरों से सजाएं।

भावनाओं से सजाएं उपहार

त्योहारों के अवसर पर एक-दूसरे को उपहार देने का चलन बहुत पुराना है। इसके लिए लोग पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। अगर आप भी गिफ्ट ख्ारीदने जा रही हैं तो आपको इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

64. गिफ्ट ख्ारीदने से पहले अपना बजट तय करना बहुत जरूरी है कि इस महीने आप गिफ्ट की शॉपिंग में लगभग कितने पैसे खर्च करेंगी। इस बजट की अधिकतम सीमा पहले से ही निर्धारित कर लें और ध्यान रखें कि किसी भी हाल में उससे ज्य़ादा ख्ार्च न हो।

65. कुल बजट तय करने के बाद उन लोगों की एक सूची बनाएं, जिनके लिए आपको उपहार ख्ारीदना है। इसके अलावा यह भी तय कर लें कि किन लोगों के लिए किस तरह की चीजें ख्ारीदेंगी। किसी एक व्यक्ति के गिफ्ट पर आप कितना ख्ार्च कर सकती हैं, इसकी भी एक सीमा निर्धारित कर लें।

66. अगर ज्य़ादा लोगों के लिए ढेर सारे उपहार ख्ारीदने हों तो ख्ारीदारी से पहले थोडा मार्केट रिसर्च करके यह जरूर मालूम कर लें कि कौन सी चीजें कहां ज्य़ादा अच्छी और सस्ती मिलेंगी।

67. ज्य़ादातर शहरों में कपडों, खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिए अलग-अलग मॉर्केट होती है, जहां इन चीजों की ज्य़ादा वरायटी थोक के दर से सस्ते में मिल जाती हैं। अपने किसी अनुभवी दोस्त से इस बारे में जानकारी हासिल करने के बाद ही शॉपिंग पर निकलें।

68. अगर आपका कोई करीबी रिश्तेदार या दोस्त किसी दूसरे शहर में रहता है तो ऑनलाइन उपहार भेजना भी अच्छा विकल्प है, लेकिन इसके लिए किसी विश्वसनीय वेबसाइट का ही चुनाव करें।

69. जिस व्यक्ति के लिए उपहार ख्ारीदा जा रहा है, उसकी पसंद और रुचियों का पूरा ध्यान रखें। अगर आपके किसी दोस्त को बागवानी का शौक है तो उसे ख्ाूबसूरत पौधे गिफ्ट कर सकती हैं। इसी तरह साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए किताबों से अच्छा कोई दूसरा उपहार नहीं हो सकता।

70. आजकल पर्सनलाइज्ड़ गिफ्ट का चलन है। ऐसे उपहार आपके करीबी लोगों को अपनत्व का एहसास दिलाते हैं। जैसे किसी ख्ाूबसूरत शोपीस के साथ अपने प्रिय दोस्त या रिश्तेदार के नाम लिखा गया प्यार भरा संदेश। कॉफी मग, पिलो कवर, वॉल क्लॉक या की-रिंग पर दोस्तों के साथ अपनी कोई यादगार तसवीर प्रिंट करवा कर आप उन्हें गिफ्ट कर सकते हैं।

71. अगर आप गिफ्ट के लिए टेराकोटा या शीशे से बना कोई सामान ख्ारीदती हैं तो उसे इस तरह पैक करवाएं कि ले जाते समय वह टूटे नहीं।

72. गिफ्ट के मामले में कीमत नहीं बल्कि भावनाओं की अहमियत होती है। यह जरूरी नहीं है कि लोगों को केवल महंगे उपहार ही पसंद आते हैं। इसलिए उपहार ख्ारीदते समय उसकी कीमत के बारे में बहुत ज्य़ादा न सोचें, कई बार कम कीमत में भी बहुत सुंदर और उपयोगी चीजें मिल जाती हैं।

73. अच्छी पैकिंग मामूली से उपहार की सुंदरता में चार चांद लगा देती है। इसके लिए आप घर में रखी कुछ पुरानी चीजों जैसे गोटा, किनारी, रिबन और मोतियों का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप अपने गिफ्ट को बिलकुल नए अंदाज में पेश करना चाहती हैं तो इसके लिए इंटरनेट की भी मदद ले सकती हैं।

जरूरत को दें

दें तरजीह

अपने घर से स्त्रियों को बेहद लगाव होता है और वे उसे हमेशा सजा-संवार कर रखना चाहती हैं। इसीलिए त्योहारी मौसम में वे घरेलू उपकरण और बर्तनों की भी शॉपिंग करती हैं। ज्ााहिर है आपकी भी कुछ ऐसी प्लानिंग होगी। अगर आप भी बर्तनों या घरेलू उपकरणों की शॉपिंग करने जा रही हैं तो आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

74. हमेशा किसी अच्छी शॉप से विश्वसनीय ब्रैंड के बर्तन खऱीदें।

75. नॉन स्टिक फ्राइंगपैन, कडाही या प्रेशर कुकर जैसी चीजें ख्ारीदते समय पैसे बचाने की कोशिश न करें। सस्ते नॉनस्टिक बर्तन सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं और ऐसे प्रेशर कुकर का इस्तेमाल भी असुरक्षित होता है।

76. ऐसी चीजें ख्ारीदते समय भारत सरकार द्वारा दिए गए गुणवत्ता के निशान आइएसआइ की जांच जरूर कर लें।

77. त्योहारों के अवसर पर कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स पर ग्राहकों को विशेष छूट का भी ऑफर देती हैं। आप चाहें तो इसका पूरा फायदा उठा सकती हैं।

78. अगर आप अपने घर के लिए माइक्रोवेव अवन ख्ारीदना चाहती हैं तो इसके लिए अपने परिवार की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए। तीन-चार लोगों के परिवार के लिए 20 लीटर का माइक्रोवेव ठीक रहता है।

79. माइक्रोवेव में जितने ज्य़ादा कंट्रोल पैनल अवन के बाहर होंगे, उसका इस्तेमाल उतना ही सुविधाजनक होगा। इससे कुकिंग के दौरान भी आप अपने अवन की सेटिंग्स बदल सकती हैं।

80. अगर आप स्वादिष्ट खाने की शौकीन हैं तो अपने लिए ऐसे माइक्रोवेव का चुनाव करें, जिसमें कई ऑप्शन मौजूद हों, ताकि आप अपनी सारी मनपसंद चीजें आसानी से घर पर ही बना सकें।

81. अगर आप वॉशिंग मशीन ख्ारीदना चाहती हैं और आपके घर में अकसर पानी की दिक्कत होती है तो आपके लिए सेमी ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन उपयुक्त रहेगी। इसके लिए ज्य़ादा पानी की जरूरत नहीं होती और इसके इस्तेमाल से बिजली की भी बचत होती है।

82. अगर आपके घर में वॉटर सप्लाई सही ढंग से होती है तो आप फुल ऑटोमैटिक वॉश्ंिाग मशीन का इस्तेमाल कर सकती हैं।

83. अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आप कपडों के दाग्ा-धब्बों से परेशान रहती हैं तो आजकल कुछ वॉशिंग मशीनों में स्टेन रिमूविंग की भी सुविधा होती है।

84. अक्टूबर के महीने से हलकी सर्दी की शुरुआत हो जाती है। इस मौसम में कई कंपनियां फ्रिज और एसी पर ऑफ सीजन डिस्काउंट देती हैं। अगर आप गर्मियों के लिए फ्रिज या एसी ख्ारीदना चाहते हैं तो इस छूट का फायदा उठा सकते हैं।

85. अगर आपके कमरे का आकार 100 से 150 वर्ग फुट है तो इसके लिए 1 टन की क्षमता वाला एसी ठीक रहता है। इसी तरह 200 से 250 वर्गफुट वाले कमरे के लिए 2 टन का विंडो एसी पर्याप्त होता है।

86. अगर आपके कमरे का आकार 250 वर्ग फुट से बडा है तो इसके लिए स्प्लिट एसी का चुनाव ठीक रहता है।

87. आजकल फ्लैट्स बहुत छोटे होते हैं। इसलिए फ्रिज ख्ारीदने से पहले सुनिश्चित कर लें कि उसे कहां रखेंगी, फ्रिज को बार-बार हटाया नहीं जा सकता। इसलिए उसके साइज का चुनाव सोच-समझकर करें।।

88. अगर आपके घर में फ्रोजन सब्जियों, नॉनवेज और आइसक्रीम की ज्य़ादा खपत होती है तो अपने लिए डबल डोर वाले ऐसे फ्रिज का चुनाव करें, जिसमें डीप फ्रीजर का आकार बडा हो।

89. फ्रिज के लिए ऐसे एडजस्टेबल शेल्व्स का चुनाव करें, जिन्हें अपनी जरूरत के अनुसार हटाया या लगाया जा सके। इससे फ्रिज में बडे आकार के बर्तनों या फलों के लिए आसानी से जगह बनाई जा सकती है।

90. अगर आपका परिवार बडा है तो उसके लिए वॉटर एंड आइस डिस्पेंसर स्टोर के अटैच्मेंट वाला फ्रिज ख्ारीदें। इससे बार-बार फ्रिज का दरवाजा खोलना नहीं पडता और पूर परिवार के लिए ठंडे पानी की जरूरत भी आसानी से पूरी हो जाती है। गैजेट्स के बिना शॉपिंग अधूरी

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स युवा पीढी की पहली पसंद हैं। इसलिए त्योहारों की शॉपिंग के दौरान ज्य़ादातर परिवारों में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी ख्ारीदे जाते हैं। अगर इस बार आप भी ऐसी कोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तु ख्ारीदने की योजना बना रहे हैं तो इन बातों का ख्ाास तौर पर ध्यान रखें।

91. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की रीसेल वैल्यू नहीं के बराबर होती है। इसलिए जब आपको पूरा भरोसा हो कि आप उसका इस्तेमाल अच्छी तरह कर पाएंगे, तभी ख्ारीदें।

92. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का बाजार बहुत बडा है और अलग-अलग ब्रैंड्स की चीजों की कीमत में काफी भिन्नता है। मार्केट रिसर्च करने के बाद ही कोई वस्तु ख्ारीदें।

93. दूसरों से प्रभावित होने के बजाय अपनी जरूरत के अनुकूल चीजें खरीदें। अगर आप बहुत ज्य़ादा टैक्नोसैवी नहीं हैं तो मुश्किल फीचर्स वाली चीजें खऱीदने से बचें।

94. यदि आप ज्य़ादा टेक्नोसैवी हैं तो आपको बाजार में उपलब्ध नवीनतम मॉडल ही ख्ारीदना चाहिए।

95. जरूरी नहीं कि चीजों के मॉडल और दाम पता करने के लिए आप बाजार के चक्कर लगाएं। सामान चाहे जहां से ख्ारीदें, लेकिन नवीनतम मॉडल, उसमें मौजूद सुविधाओं, उपयोगिता, गुणवत्ता और मूल्य जानने के लिए इंटरनेट सर्वोत्तम साधन है। इससे आप घर बैठे सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

96. अगर आप बडे बजट का सामान लेने जा रहे हैं तो उसे ख्ारीदने से पहले अपने किसी ऐसे भरोसेमंद दोस्त की राय जरूर लें, जो पहले ऐसी चीजें ख्ारीद चुका हो।

97. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर अकसर नए-नए ऑफर्स आते रहते हैं। कभी डिस्काउंट तो कभी पुराने के बदले नया और कभी एक के साथ एक फ्री...। हडबडी में कोई फैसला न करें, नुकसान हो सकता है।

98. अगर वह इलेक्ट्रॉनिक वस्तु वॉरंटी या गारंटी के दायरे में हो तो दुकानदार या वेबसाइट आपको कंपनी के सर्विस सेंटर का पता बता देते हैं। कई बार वहां पहुंचने के बाद पता चलता है कि कंपनी केवल हार्डवेयर को दुरुस्त करने की गारंटी या वॉरंटी देती है। सॉफ्टवेयर ठीक करने की वॉरंटी नहीं होती है। ऐसी सभी बातों के बारे में पहले से ही मालूम कर लें।

99. प्रोडक्ट ख्ारीदने से पहले एक बार उसकी कंपनी की वेबसाइट पर चेक कर लें कि कंपनी वह प्रोडक्ट अभी बना रही है या नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि कंपनी उसे डिस्कंटिन्यूड प्रोडक्ट्स की श्रेणी में डाल चुकी है। अगर ऐसा है तो उसे न ख्ारीदें, क्योंकि जिस प्रोडक्ट का उत्पादन बंद हो जाता है, बाजार में उसके पाट्र्स नहीं मिलते।

100. बच्चों की ज्िाद पर उन्हें महंगे गैजेट्स दिलाने से बचें, क्योंकि वे इन्हें संभाल कर नहीं रख पाते। इससे कई बार नुकसान हो सकता है।

101. अंत में, चाहे कपडे हों या ज्यूलरी, सजावटी वस्तुएं हों या बर्तन, घरेलू उपकरण हों या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स इन सभी चीजों की रसीदें, बिल और वॉरंटी काड्र्स संभाल कर रखें। ख्ाास तौर से घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स की आफ्टर सेल सर्विस और रिटर्न पॉलिसीज्ा के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही उन्हें ख्ारीदने का निर्णय लें।

प्रस्तुति : सखी फीचर्स


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