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नाम की लीला

बच्चों के नाम रखने को लेकर आजकल नए-नए प्रयोग नज़र आ रहे हैं। कुछ पेरेंट्स अपने नाम के अक्षरों को मिलाकर नाम गढ़ रहे हैं तो कुछ अपने बच्चों के विलायती नाम रख रहे हैं। सखी ने कुछ अलग नाम वाले युवाओं से गुफ्तगू की।

By Edited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 12:45 AM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 12:45 AM (IST)
नाम की लीला

बच्चों के नाम रखने को लेकर आजकल नए-नए प्रयोग नजर आ रहे हैं। कुछ पेरेंट्स अपने नाम के अक्षरों को मिलाकर नाम गढ रहे हैं तो कुछ अपने बच्चों के विलायती नाम रख रहे हैं। सखी ने कुछ अलग नाम वाले युवाओं से गुफ्तगू की।

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शेक्सपीयर के मशहूर नाटक 'रोमियो एंड जूलिएट' के किरदार जूलिएट का एक मशहूर डायलॉग है- 'नाम में क्या रखा है।' लेकिन आज के युवा अपने नाम को लेकर बेहद संजीदा हैं। पेरेंट्स भी अपने बच्चों के नाम रखने के लिए हर तरह की मशक्कत करते हैं। बच्चे के जन्म से पहले ही उसका नाम तय करने की कवायद शुरू हो जाती है। इंटरनेट, नेम बुक्स और विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से मदद ली जाती है। इन कवायदों का ही नतीजा है कि आज बच्चों के एक से बढकर एक रचनात्मक नाम रखे जा रहे हैं। आइए कुछ अलहदा नाम वाले युवाओं से जानते हैं उनके अनुभव।

मॉम-डैड के नाम का कॉम्बो

निदिप, 20 साल

मेरे पापा का नाम निराकार है और मां का नाम दीपाली। पापा के नाम का 'नि और मां के नाम का 'दिप मिलाकर मेरा नाम निदिप बना। मुझे लगता है कि मेरे पेरेंट्स ने मेरा नाम तय करने के लिए काफी मशक्कत की। वो मुझे इनोवेटिव नाम देना चाहते थे और इसमें सफल भी रहे। उन्होंने नाम रखते वक्त यह नहीं सोचा था कि इसका कोई अर्थ है या नहीं। उन्होंने बस एक प्रयोग किया था। लेकिन मैं मैच्योर हुआ तो मैंने जिज्ञासावश इंटरनेट पर अपने नाम का अर्थ तलाशा। मुझे पता लगा कि निदिप का मतलब एक विशेष ड्रग होता है। मैंने तय किया है कि अपने बच्चों का नाम रखते वक्त मैं अपने और अपनी वाइफ के नाम के अक्षर मिलाकर कुछ इनोवेशन करूंगा। इन दिनों छोटे और स्टाइलिश नामों का चलन है। क्योंकि ये तुरंत प्रभाव डालते हैं। मुझे एलेग्जैंडर जैसे ब्रिटिश नाम बहुत पसंद है। अगर मेरे पास ऑप्शन होता तो मैं इस नाम का शॉर्टफॉर्म एलेक्स रखता।

नहीं बोल पाती थी अपना नाम रेविका, 21 साल

मेरे नाम का अर्थ है सूर्य की किरणें। यह नाम मुझे मेरे दादाजी ने दिया है। मेरा नाम मेरे व्यक्तित्व के एकदम अनुरूप है। मैं जहां भी जाती हूं, माहौल को ख्ाुशनुमा बना देती हूं। ठीक उसी तरह जैसे सूर्य की किरणें अंधेरे को उजाले में बदल देती हैं। बचपन में मैं ख्ाुद ही अपने नाम का उच्चारण नहीं कर पाती थी। 'र को 'ल ही बोलती थी जिसके चलते मेरे मुंह से रेविका की जगह लेविका शब्द निकलता था। मुझे अपना नाम बेहद पसंद है। इसमें एक अलग ही एटीट्यूड और स्टाइल है। जब कोई मेरा नाम पुकारता है तो मैं आत्मविश्वास से भर उठती हूं।

ये हैं चलन में

शिवेन

अरात्विक

अरात्रिका

सरगम

डिजायर

विधात्री

सृजन

अशुम

स्वास्तिका

कुहू

केसिया

निवेष

केसर

मैगी

चहक

पौषाली

ध्वनि

नि:शब्द

प्रत्यय

नोबिता

गलत उच्चारण से त्रस्त अनुष भसीन, 21 साल

अनुष एक तारे का नाम है। मेरा नामकरण मेरी मौसी ने किया था। यह नाम उन्होंने किसी किताब में पढा था। मैंने आज तक अपने सिवा अनुष नाम वाले किसी और व्यक्ति को नहीं देखा। यह देखकर बहुत गर्व महसूस होता है। लेकिन यह देखकर खीझ भी होती है कि लोग मेरे नाम का अकसर गलत उच्चारण कहते हैं। कोई अनोउष कहता है तो कोई अपनी सुविधा के हिसाब से अनुज ही कह देता है।

स्वीडेन की रानी का नाम

सिल्वी, 21 साल

मेरी बुआ स्वीडेन में रहती हैं। वहां की रानी का नाम सिल्विया है। मेरी बुआ को यह नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने थोडा सा परिवर्तन कर इसे मेरे पेरेंट्स को मेरे लिए सुझा दिया। उन्हें भी नाम पसंद आया और उन्होंने इसे फाइनल कर दिया। कभी-कभी मुझे लगता है कि मेरा नाम कॉमन होता तो अच्छा रहता क्योंकि ज्य़ादातर लोगों का इसका मतलब नहीं पता होता। एक कजिन मुझे इवलिस नाम से पुकारती है जो मेरे नाम के अक्षर रिवर्स करने से बनता है। दोस्त अकसर मजाक में सिली कहते हैं। लेकिन जब लोग कहते हैं कि मेरा नाम बहुत यूनीक है, तो गर्व महसूस होता है। इसलिए मैं कहूंगी कि मेरे मन में अपने नाम को लेकर मिश्रित भाव हैं। अगर मुझे अपना नाम बदलने का मौका मिलता तो मैं सिया नाम चुनती।

सफलता नाम से जुडी नहीं

अगर कुछ बच्चों के नाम क्लिष्ट होने के चलते लोग उसका उच्चारण गलत करते हैं या उनका मजाक उडाते हैं तो अकसर वे 'आइडेंटिटी क्राइसिस के शिकार हो जाते हैं। लेकिन नाम की वजह से कभी कोई सफल या असफल नहीं होता।

-डॉ. गौरव गुप्ता, मनोचिकित्सक, तुलसी हेल्थ केयर हॉस्पिटल

अजब-गजब नाम

भारत के कई गांवों और कस्बों में उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों और मशहूर व्यक्तियों से प्रेरित नाम रखने की प्रथा है। हाइकोर्ट, कलेक्टर, राष्ट्रपति, राज्यपाल जैसे नाम भी रखे जाते हैं।

हैरानी का सबब

दिशांक, 24 साल

दिशांक का मतलब होता है वह स्थान जहां से दिशाएं शुरू होती हैं। मुझे यह नाम बहुत पसंद है क्योंकि यह सबसे अलग है। जब मेरे पेरेंट्स मेरा बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने गए तो वहां मौजूद अधिकारी भी नाम सुनकर हैरान रह गए। नाम का अर्थ जानने के बाद वे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने इसकी तारीफ भी की। मेरे पेरेंट्स ने मेरा नाम रखने से पहले बाकायदा इंटरनेट पर रिसर्च किया था जिसके बाद उन्होंने दो नाम फाइनल किए थे- दिशांक और दिशांत। दिशांत का मतलब होता है वह स्थान जहां

दिशाओं का अंत होता है। आख्िारकार मॉम-डैड ने दिशांक नाम चुना

क्योंकि यह नाम आरंभ का संदेश दे रहा था।

ब्रैंड आधारित नाम

एक शोध के अनुसार पाश्चिमी देशों में महंगी कारों, घडिय़ों और कपडों के ब्रैंड्स पर आधारित नाम रखने का चलन बढ रहा है।

नाम के विपरीत आचरण

सात्विक, 19 साल

सात्विक का अर्थ होता है शुद्ध। मुझे यह नाम मेरे पापा ने दिया है।

मुझे अपना नाम पसंद तो है, लेकिन कई बार मैं अपने नाम से मेल न खाने वाला आचरण करता हूं। दोस्तों के साथ बाहर फास्ट फूड खाना, घूमने जाना मुझे बहुत पसंद है और ये चीजें 'सात्विक जैसे नाम वाले व्यक्ति को सूट नहीं करती हैं। अपने नाम की वजह से मेरी हर जगह अच्छी इमेज बनती है। मुझे लगता है कि नाम मानसिकता पर काफी असर डालता है। आजकल बहुत सारे लोग सलेब्रिटीज से प्रेरित नाम रख लेते हैं। लेकिन मुझे यह बिलकुल भी पसंद नहीं है।

ज्योति द्विवेदी


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