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सरगम भुलाए हर गम

व्यस्त जीवनशैली ने कई तकलीफें दी हैं हमें, मगर सरगम के सात स्वर कई दुखों या पीड़ाओं से उबार सकते हैं। अब तो म्यूजिक थेरेपी के जरिये कई रोगों का उपचार भी किया जाने लगा है। तो इस सारेगामा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, खुश रहें और गुनगुनाएं।

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 03:35 PM (IST)
सरगम भुलाए हर गम

व्यस्त जीवनशैली ने कई तकलीफें दी हैं हमें, मगर सरगम के सात स्वर कई दुखों या पीडाओं से उबार सकते हैं। अब तो म्यूजिक थेरेपी के जरिये कई रोगों का उपचार भी किया जाने लगा है। तो इस सारेगामा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, खुश रहें और गुनगुनाएं।

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कहते हैं, संगीत में वह ताकत है, जो कई तनावों से निजात दिला सकती है। वर्कआउट करते हुए, सुबह की सैर या शाम की चाय के वक्त संगीत का साथ दिन को दिलचस्प बना देता है। मधुर व कर्णप्रिय संगीत से कई रोगों के उपचार में भी मदद मिलती है।

म्यूजिक थेरेपी

आजकल संगीत के जरिये कई रोगों का इलाज किया जाने लगा है। संगीत दबाव-तनाव और बेचैनी से मुक्त करता है और मन को सुकून देता है। एकाग्रता के लिए भी यह जरूरी है। नए शोधों से पता चला है कि यह कई तरह के दर्द को कम करता है। कहते हैं, प्रेग्नेंसी के दौरान संगीत सुनने से भ्रूण का विकास बेहतर होता है और उसमें संगीत के प्रति लगाव पैदा होता है। इन्सोम्निया या अनिद्रा की स्थिति में भी संगीत कारगर है। सोने से पहले 15-20 मिनट धीमा संगीत सुनने से नींद अच्छी आती है। डेस्क जॉब या कंप्यूटर के आगे कई घंटे काम करने वाले लोगों को भी संगीत सुनने से राहत मिलती है। यह हृदय संबंधी रोगों में भी मददगार है। बच्चों में एकाग्रता की कमी हो तो उन्हें संगीत सुनाएं, साथ ही वाद्य यंत्र बजाने को दें, इससे उन्हें लाभ होगा। बांसुरी, हार्मोनिका जैसे वाद्य यंत्र फेफडों या सांस की समस्या में बहुत कारगर हैं। संगीत सुनने से मस्तिष्क में हॉर्मोन डोपामाइन का स्राव होता है। यही केमिकल यौन संबंधों को आनंददायक बनाता है।

शोध बताते हैं

1. यूएस के माइंड बॉडी वेलनेस सेंटर और लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक संगीत सुनने या बजाने से तनाव कम होता है। गिटार या सितार बजाते समय होने वाली उत्तेजना ऐसे हॉर्मोंस का स्राव करती है, जिससे मन-शरीर संतुलित रहता है।

2. स्कॉटलैंड में हुए एक शोध के अनुसार वाद्य यंत्र बजाने से दिमाग तेज होता है। जो लोग इंस्ट्रूमेंट्स बजाते हैं, उन्हें भविष्य में डिमेंशिया, अल्जाइमर्स और मनोवैज्ञानिक समस्याएं कम होती हैं।

3. नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने पाया कि रोज डेढ घंटा रियाज करने से दिल की धडकन सुचारु रहती है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में राहत मिलती है।

4. यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा के पेन रिसर्च सेंटर में हुए अध्ययन में पाया गया कि संगीत से शरीर में होने वाले दर्द में कमी आ सकती है। इसकी एक वजह यह भी है कि गाते या बजाते समय संगीत पर ही ध्यान केंद्रित रहता है, इसलिए दर्द पर ध्यान नहीं जाता।

5. मिशिगन यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के अनुसार कम उम्र से संगीत सीखने वाले लोग भविष्य में अपने करियर में सफल रहते हैं।

6. आत्मविश्वास जगाने के लिए लोग काफी समय और ऊर्जा खर्च करते हैं। यूएस के डेली न्यूज पेपर 'द हफिंग्टन पोस्ट' ने अमेरिका और ब्रिटेन में हुए कई अध्ययनों के आधार पर आत्मविश्वास जगाने के लिए कुछ टिप्स प्रस्तुत किए हैं। जैसे, इंटरव्यू पर जाने से पहले तेज संगीत सुनने से आत्मविश्वास बढता है। नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन में पाया गया कि यदि उदासी या अकेलापन महसूस कर रहे हों तो फास्ट बीट वाला संगीत सुनें। इससे मन में जोश और ऊर्जा का संचार होता है।

गुनगुनाएं भी

हर कोई गायक नहीं होता, लेकिन हर व्यक्ति में गुनगुनाने की क्षमता होती है। बाथरूम सिंगिंग ही सही, मगर गुनगुनाने की आदत कई तरह के स्ट्रेस से बचाने में कारगर है। इससे ऊर्जा और स्फूर्ति मिलती है। गले की कई तकलीफें कम होती हैं। जैसे रोज सीधे ट्रैक पर वॉक या जॉगिंग करते हैं, मगर बीच-बीच में असमतल जगहों पर ब्रिस्क वॉक करें तो कमर, थाइज की मसल्स का वर्कआउट होता है और फेफडे खुलते हैं, ठीक उसी तरह गुनगुनाने, आलाप लेने, आरोह-अवरोह में चढऩे-उतरने से गले और फेफडों का व्यायाम होता है। इससे आवाज भी खुलती है।

इंदिरा


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