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जोखिम थोड़ा फायदा ज्यादा

जो लोग जोखिम से घबराते हैं, लेकिन निवेश का फायदा भी उठाना चाहते हैं। वैसे लोगों के लिए म्युचुअल फंड से जुड़ा गिल्ट फंड एक बेहतर विकल्प है, जो उन्हें कम जोखिम के साथ आकर्षक रिटर्न देता है।

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 03:10 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 03:10 PM (IST)
जोखिम थोड़ा फायदा ज्यादा

जो लोग जोखिम से घबराते हैं, लेकिन निवेश का फायदा भी उठाना चाहते हैं। वैसे लोगों के लिए म्युचुअल फंड से जुडा गिल्ट फंड एक बेहतर विकल्प है, जो उन्हें कम जोखिम के साथ आकर्षक रिटर्न देता है।

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मध्यमवर्ग के नौकरीपेशा लोगों के लिए बचत कर पाना बेहद मुश्किल होता है। अगर किसी तरीके से वे थोडे पैसे बचा भी लेते हैं तो समझ नहीं पाते कि इस जमा पूंजी का निवेश कैसे किया जाए, ताकि कम जोखिम के साथ ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। इस दृष्टि से म्युचुअल फंड के तहत आने वाले गिल्ट फंड फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

क्या है गिल्ट फंड

गिल्ट फंड म्युचुअल फंड का ही हिस्सा है और यह निश्चित आय वाले डेट फंड की श्रेणी में आता है। म्युचुअल फंड कंपनियां इसके तहत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले 10 साल के बॉण्ड, 91 दिन से 180 दिन के ट्रेजरी बिल या रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित इसी तरह के अन्य माध्यमों में निवेश करती हैं। फंड की अधिकांश पूंजी सामान्यत: लंबी अवधि के लिए निवेश की जाती है।

आमदनी पर टैक्स नहीं

गिल्ट फंड में कुछ टैक्स फ्री बॉण्ड भी होते हैं। जिनसे हुई आमदनी पर टैक्स नहीं लगता। साथ ही निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार इसे कभी भी नकदी में बदल सकता है। सरकार की गारंटी होने की वजह से गिल्ट फंड में निवेश पर जोखिम नहीं होता है। रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दरों में आने वाले उतार-चढाव से गिल्ट फंड का रिटर्न भी प्रभावित होता है। जब ब्याज दरें घटती हैं तो गिल्ट फंड पर ज्यादा रिटर्न मिलता है और दरों में वृद्धि होने पर इससे प्राप्त होने वाला रिटर्न घटता है। ब्याज दरों के बढऩे से रिटर्न में होने वाले नुकसान की भरपाई पूंजीगत लाभ से हो जाती है, जिसे महंगाई के साथ आकलन करके निकाला जाता है। इसलिए जब ब्याज दर अपनी चरम सीमा पर हो और भविष्य में उसके घटने की संभावना हो तो वह अवधि गिल्ट फंड में निवेश के लिए सर्वाधिक अनुकूल मानी जाती है।

इनकम फंड का विकल्प

इसे म्युचुअल फंड की सभी स्कीमों में सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें पूंजी का निवेश शेयर बाजार के बजाय सरकारी प्रतिभूतियों वाले बॉण्ड में किया जाता है। हालांकि, इनकम फंड में म्युचुअल फंड की अन्य स्कीमों की तुलना में थोडा कम रिटर्न मिलता है।

फायदेमंद है लिक्विड फंड

इसे मनी मार्केट फंड भी कहा जाता है।

इसकी अधिकांश पूंजी उन तय आय वाले माध्यमों में निवेश की जाती है, जिनकी परिपक्वता अवधि एक साल से कम होती है। कम अवधि के लिए पैसा लगाने की सुविधा की वजह से इस मनी मार्केट फंड को छोटी अवधि के बेहतरीन निवेश विकल्प के रूप में देखा जाता है। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त माना जाता है, जो बेहतर रिटर्न के लिए अपना पैसा बचत खाते के बजाय कहीं और रखना चाहते हैं। इसका एक फायदा यह है कि आप जब चाहें तब इससे अपने पैसे निकाल सकते हैं। इसके लिए सिर्फ 1 प्रतिशत एग्जिट चार्ज देना पडता है।

शॉर्ट टर्म फंड में भी नफा

यह भी डेट फंड की श्रेणी में आता है। इसकी अधिकांश पंूजी तय अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की जाती है। इसकी अवधि सामान्यत: तीन महीने से दो साल तक होती है। एफडी के मुकाबले इसमें ज्यादा रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है। वैसे, निवेशक जो एक साल से अधिक समय के लिए डेट फंड में पैसा लगाते हैं, उन्हें टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है।

कैसी हो रणनीति

अगर आप लगातार निवेश करना चाहते हैं तो लंबी अवधि के गिल्ट फंड और इनकम फंड का चुनाव करें। किसी भी निवेश में जोखिम और रिटर्न के संतुलन को ध्यान में रखना चाहिए। यदि आप बेहद छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो तीन से छह महीने तक के डेट फंड में पैसा लगाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। यदि निवेशक में जोखिम उठाने की क्षमता हो तो उसे लंबी अवधि के गिल्ट फंड में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम के साथ फायदा भी अधिक मिलता है।

अगर इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो गिल्ट फंड से अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

सखी फीचर्स

(वित्तीय मामलों के सलाहकार एम. के. अरोडा से बातचीत पर आधारित )


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