खुद को करना है साबित: बिपाशा बसु
जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ावों का सामना करने के बाद बिपाशा आज भी मजबूती से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाए हुए हैं। उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी खबरें अकसर ही आती रहती हैं, पर उनका नकारात्मक प्रभाव वे अपने करियर पर कभी नहीं पडऩे देतीं। तमाम किरदार निभाते हुए भी वे
जिंदगी के तमाम उतार-चढावों का सामना करने के बाद बिपाशा आज भी मजबूती से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाए हुए हैं। उनकी निजी जिंदगी से जुडी खबरें अकसर ही आती रहती हैं, पर उनका नकारात्मक प्रभाव वे अपने करियर पर कभी नहीं पडऩे देतीं। तमाम किरदार निभाते हुए भी वे अपनी पहचान बिपाशा के तौर पर कायम रखना चाहती हैं।
संकल्पों की उडान
बिपाशा फिलहाल ताबडतोड फिल्में नहीं कर रही हैं। उन्हें लगता है कि अब कमर्शियल और आर्टिस्टिक सिनेमा में बैलेंस करके चलने का वक्त आ चुका है। उन्होंने संकल्प लिया है कि अब उन्हें ऑफबीट फिल्मों की भी झडी लगानी है। उनका कहना है, 'मैं लगातार ग्रोथ हासिल करना चाहती हूं। मेरा मानना है कि हर फिल्म हमें एक पायदान आगे बढाती है। लिहाजा अब मुझे वैसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना, जिनसे मेरी क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगे। इन दिनों फिल्म 'निया' की शूटिंग कर रही हूं।'
इंडस्ट्री के साइड इफेक्ट्स
वे बताती हैं कि ग्लैमर इंडस्ट्री ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, पर इसके साइड इफेक्ट्स भी हैं। सलेब्रिटी होना कोई आम बात नहीं है, उन्हें कई मुश्किलों का सामना मुस्कुराते हुए करना पडता है। इस दुनिया में आने के बाद कोई सामान्य जिंदगी नहीं जी पाता। ऐसे में जब किसी के संबंध टूट रहे हों या फिल्में न चल रही हों तो परेशान होना लाजिमी है। उस समय सबसे अच्छा यही होता है कि मुसीबत के आगे हथियार न डालकर आगे बढते जाओ।
दोहरा है मापदंड
हिंदी सिनेमा कथ्य परक हो रहा है। कई तब्दीलियां हो रही हैं, पर अभिनेत्री को लेकर सौतेला बर्ताव जारी है। सबको पता है कि जब तक आप जवान और सुंदर हैं तभी तक आपके पास काम है। उसके बाद आपको फिल्में मिलनी बंद हो जाएंगी। जबकि अभिनेताओं के साथ ऐसी समस्या नहीं है। जो बदलाव आ रहे हैं वे सतही और न के बराबर हैं।
बदलती है छवि
जिस तरह की फिल्मों से करियर की शुरुआत कर लो, उनकी छवि से निकलना बहुत कठिन होता है। न चाहते हुए भी लोग उन्हीं किरदारों से आपको जानने लगते हैं। वे आगे कहती हैं, 'लोग मेरी सेक्स सिंबल इमेज की चर्चा आज भी करते हैं। मैं मॉडलिंग की दुनिया से आई थी, जहां अभिनय से कोई वास्ता नहीं होता। मुझे फिल्मों में भी लोगों ने एक मॉडल के तौर पर कास्ट किया। एक बार लोग आपको कास्ट कर लें तो फिर टाइपकास्ट करने लगते हैं। नतीजतन मुझ पर लेबल चस्पा कर दिया गया।
बदलाव की है उम्मीद
इंडस्ट्री को इतना कुछ देने के बाद अब वे जोरदार बदलाव की ओर अग्रसर हैं। अब वे परिपक्व हो गई हैं। उन्होंने निजी जीवन और फिल्मी करियर में तालमेल बैठाना सीख लिया है। वे ध्यान रखती हैं कि फिल्मों में
अलग-अलग कैरेक्टर निभाते हुए भी बिपाशा बसु के रूप में उनकी पहचान बरकरार रहे। आज वे उस मुकाम पर हैं जहां सभी उनकी इज्जत करते हैं। खुद को भीड से अलग साबित करने का जितना स्कोप मिलता है, उसका फायदा वे उठाती हैं।
अमित कर्ण