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10 सवाल इंटीरियर के

इंटीरियर को लेकर मन में तमाम तरह के सवाल होते हैं। हमारे रीडर्स के ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब दे रहीं हैं डिज़ाइनर्स डेन की इंटीरियर डिज़ाइनर कविता जमील।

By Edited By: Published: Sun, 04 Sep 2016 11:10 AM (IST)Updated: Sun, 04 Sep 2016 11:10 AM (IST)
10 सवाल इंटीरियर के
मुझे येलो कलर बहुत पसंद है। मैं अपने घर में इस रंग का इस्तेमाल करना चाहती हूं। कुछ ऐसा सुझाव दीजिए जिससे मुझे इसका इस्तेमाल दीवारों पर न करना पडे। मैं किस तरह की होम एक्सेसरीज का इस्तेमाल कर सकती हूं? येलो का कौन सा शेड बेहतर लगेगा? पलक गुप्ता, लखनऊ पीला रंग बहुत ताजगी देने वाला रंग है। इसका इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि यह ब्राइट कलर्स की श्रेणी में आता है। अगर आप दीवार को पेंट नहीं करवाना चाहती हैं तो डैफोडिल का बुके, कुछ कुशन कवर्स, लैंपशेड्स या एक-दो स्टूल्स पर पीले रंग का सूरजमुखी कलर वाला कपडा लगाएं। कोई सीनरी जिसमें पीला रंग प्रमुख हो, उसे भी लगाया जा सकता है। आप हाथ से बुनी हुई छोटी-छोटी पीली दरियों का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इससे आपके घर का लुक बदल जाएगा और काफी रौनक भी नजर आएगी। मैं अपने कमरे में व्हाइट कार्पेट लगाना चाहती हूं। हमारे घर में जगह कम है और आसपास काफी धूल वाला वातावरण है। ऐसे में मेरे लिए सही विकल्प क्या है? मुझे कार्पेट या दरी पहचानने का सही तरीका भी बताएं। मनीषा सिंह, जबलपुर अगर आपके घर के आसपास का वातावरण धूल भरा है तो आप लाइट कलर का कार्पेट ले सकती हैं क्योंकि गहरे रंग पर धूल ज्यादा दिखती है। रही बात कार्पेट या दरी की पहचान करने की तो वह उनकी बनावट से होती है। इनकी बुनाई स्क्वेयर इंच के हिसाब से होती है। इनको लेते समय उनके पीछे की गठानों की दूरी जरूर देखें। जितनी कम दूरी पर और घनी गठानें होंगी, कार्पेट भी उतनी ही अच्छी क्वॉलिटी का होगा। आप अपने घर के वातावरण कोदेखते हुए वॉल टु वॉल कार्पेट न लगाएं और एक बडे कार्पेट की जगह छोटे-छोटे कार्पेट्स भी लगा सकती हैं। इससे उनकी मेंटेनेंस में आसानी रहेगी। मेरी जुडवां बेटियां अभी बहुत छोटी हैं। वे दीवारों पर पेन व पेंसिल से कुछ न कुछ बनाती रहती हैं। कुछ ऐसा सुझाव दीजिए कि दीवारें खराब न हों और बच्चियां चित्रकारी भी कर सकें। अलका अजीत, लखनऊ न तो दीवारों पर बार-बार पेंट करवाया जा सकता है और न ही बच्चियों की उभरती प्रतिभा को दबाया जा सकता है। आप कमरे की दीवारों पर चार फीट ऊंची टेंपरेरी पैनलिंग लगवा सकती हैं या फिर दीवारों पर चार फीट ऊंचाई तक बाइंडिंग पेपर या कॉरोगेटेड शीट लगा दें। उस पर आप ऑरिगेमी द्वारा बनाए फूल या कार्टून कैरेक्टर्स के कट आउट्स भी लगा सकती हैं। बच्चियों के कमरे की दीवारों पर छोटी हाइट वाले वुडेन फ्रेम्स (जिसके अंदर पेपर लगा हो और गंदा होने पर उसे हटाया जा सके) लगवा दें लेकिन इनकी हाइट जमीन से एक फुट ऊपर और अधिकतम तीन या साढे तीन फुट तक होनी चाहिए जिससे कि बच्चे उस पर आसानी से चित्रकारी कर सकें। इसके लिए आप सॉफ्ट पिन बोर्ड का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। मेरे किचन में पहले से कैबिनेट्स बने हुए हैं। अब मैं इसे मॉड्यूलर बनाना चाहती हूं। क्या पहले से बने कैबिनेट्स काम आ सकते हैं? कम समय और खर्च में मॉड्यूलर किचन कैसे बनवा सकती हूं? शेफाली टिबरेवाल, गोरखपुर मॉड्यूलर किचन अकसर स्पेस को देखते हुए बनाए जाते हैं। आप अपने ऐसे पुराने कैबिनेट्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, जिनके दरवाजे लंबे हों। हालांकि मेरा सुझाव है कि आप इन्हें नए तरीके से ही बनवाएं, इससे समय व पैसे दोनों की ही बचत होगी। मेरा एक बेटा 5 वर्ष का और दूसरा 2 वर्ष का है। नए फ्लैट में बच्चों का अलग से कमरा बनवाया है। इनकी उम्र को देखते हुए उसे किस तरह से सेट करूं और कितने साल बाद फिर से रेनोवेट करना होगा? कृपया यह भी बताइए कि इनके लिए बंक बेड ठीक रहेगा या कुछ और। गुलनाज भारती, वाराणसी छोटे बच्चों के बेडरूम को डिजाइन करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आजकल के बच्चे बहुत हाईटेक हैं और उन्हें तकनीक की जानकारी है। मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम्स खेलते हुए उनकी इमैजिनेशन में सिर्फ उनके गेम्स से जुडे हुए किरदार ही रहते हैं। बच्चों के बेडरूम की दीवारों को ज्यादा न रंगते हुए आप फन का एलिमेंट जरूर लाएं। अगर आप बेड बनवा रही हैं तो उसमें सीढी लगवा दें और हर सीढी पर कुछ सॉफ्ट टॉयज या कारों के मॉडल्स रख सकती हैं। दीवारों पर 7 फीट की ऊंचाई तक लकडी के गुटके या रॉक क्लाइंबिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले हुक्स लगवा दें। क्लिपबोर्ड भी लगवा दें जिस पर बच्चे डिजाइंस बना सकें। इस क्लिपबोर्ड को आप फ्रेम के रूप में भी बना सकती हैं। इस तरह की सजावट से बच्चे में रचनात्मक सोच के साथ ही उसके शारीरिक विकास में भी मदद मिलेगी। कमरे में कम से कम फर्नीचर रखें। इस तरह की डेकोरेशन करवाने के बाद अगले 5-10 सालों तक आपको रूम रेनोवेट करवाने की जरूरत नहीं पडेगी। मेरे घर में बुजुर्ग सास-ससुर रहते हैं। उनके कमरे को मैं किस तरह से सजाऊं कि उन्हें सुकून भी मिले और सेफ्टी भी बनी रहे? रूपाली शर्मा, आगरा बुजुर्गों का साथ हमारे लिए बहुत जरूरी होता है और उनकी खुशियों का ख्याल रखते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि वे अपनी लाइफस्टाइल में ज्यादा और लगातार बदलाव नहीं चाहते। उनकी सुरक्षा भी बहुत अहम है। उनके बेड के पास एक अलार्म स्विच या घंटी की व्यवस्था करें जिससे कि जरूरत पडऩे पर वे आपको सचेत कर सकें। उनकी दवाइयों के लिए आप बेड के साथ में दराजों वाली एक टेबल रखें, जिसमें उनकी जरूरत का सामान रखा जा सके। इनके वॉशरूम में आप सीट के साथ रॉड जरूर लगवाएं ताकि जरूरत पडऩे पर वे उसका सहारा ले सकें। दरवाजे पर नॉब वाला हैंडल लगवाना सही रहता है जिसको कभी जरूरत पडऩे पर बाहर से भी खोला जा सके। मेरे घर में बहुत सी फोटोग्राफ्स और सीनरीज लगी हैं लेकिन वे बहुत आकर्षक नहीं लगतीं। उनके लिए मुझे सही तरह की लाइटिंग अरेंजमेंट के बारे में बताएं जिससे कि घर की सजावट सुंदर दिखे । रश्मि सहाय, अलीगढ आपकी दीवारों पर लगी हुई तसवीरों की शोभा तभी बढेगी, जब उन पर सही तरीके से लाइट का अरेंजमेंट किया जाएगा। तसवीरों के ऊपर ज्यादातर फोकस लाइटिंग का प्रयोग करना चाहिए। ये पिक्चर्स को उभारने के काम आता है। बाजार में विभिन्न तरह की लाइटिंग उपलब्ध है, जिसमें से आपको डे लाइट, ब्राइट लाइट और चीयरफुल लाइट का चयन करना होगा। लाइट फिक्सचर्स के बारे में पता कर लें, उसके हिसाब से ही कुछ खरीदना बेहतर रहेगा। हमारे नए घर में कांच की बडी-बडी खिडकियां हैं। क्या उन्हें साफ करने में दिक्कत आएगी? मुझे लगता है कि कमरे की खूबसूरती कांच के पारदर्शी दिखने में ही है। क्या मुझे उन्हें बदलवा कर लकडी की खिडकियां लगवा लेनी चाहिए या कांच की सही देखरेख की जा सकती है? इन पर किस तरह के परदे लगवाऊं? प्रिया भारद्वाज, गुडग़ांव शीशे की खिडकियां बहुत उपयोगी होने के साथ ही लाइट आने का माध्यम भी होती हैं। लेकिन उनकी सबसे बडी कमी होती है कि वे गर्मियों में अत्यधिक गर्म और सर्दियों में उतनी ही ठंडी हो जाती हैं। इन खिडकियों पर परदे लगाते समय आप अपने घर की साज-सज्जा को ध्यान में रखें। सूरज की तेज रोशनी से परदे के रंग उडऩे की आशंका होती है इसलिए आप परदे तीन लेयर्स में लगाएं। पीछे वाली लेयर हलके रंग की हो, जिससे कि उसका रंग उडऩे पर ज्यादा पता न चले, बीच वाली लेयर आप शीयर कर्टेंस की लगा सकती हैं, जिससे आपकी प्राइवेसी बनी रहेगी और आपकी ग्लास विंडोज खूबसूरत भी नजर आएंगी और सामने वाली लेयर को अपने कमरे की सजावट के हिसाब से लगाएं। अगर खिडकियों से बहुत ज्यादा रोशनी और धूप आती है तो आप सन कंट्रोल फिल्म या सन ब्लाइंड फिल्म भी लगा सकती हैं। विंडो को आप डिटर्जेंट से साफ न करें क्योंकि उससे शीशे पर दाग पड जाते हैं। इन्हें किसी माइल्ड क्लीनर से अखबार के द्वारा साफ कर सकती हैं।

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