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आखिर इस दर्द की दवा क्या है

सेक्स खुशी प्रदान करने वाली क्रिया है, लेकिन कई बार यह पीड़ादायक भी होती है। दर्द के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इन सारी वजहों से सेक्स क्रिया बाधित न हो, इसलिए सही समय पर ट्रीटमेंट और काउंसलिंग जरूरी है। दर्द की वजहों और निदान के बारे में बता रहे हैं सखी के एक्सप‌र्ट्स।

By Edited By: Published: Wed, 01 Aug 2012 12:55 AM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2012 12:55 AM (IST)
आखिर इस दर्द की दवा क्या है

खुशी देने वाला साथ जब दर्द देने लगे तो इसका अर्थ है कि कुछ तो गडबड है। सेक्स संबंधों में दर्द की कई वजहें हो सकती हैं। कई बार स्त्रियां यह सोच कर दर्द सहन कर लेती हैं कि कहीं पार्टनर हर्ट न हो। लेकिन समस्या ज्यादा समय तक छिपाने से वह गंभीर हो सकती है। प्यार की राह में दर्द की मुख्य वजहें क्या हैं, आइए जानें।

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डर या कोई घटना

मैरिज काउंसलर और वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. भागरानी  कालरा कहती हैं, इंटरकोर्स  में दर्द की वजह मानसिक ज्यादा होती है। ऐसे समाज में जहां सेक्स को हश-हश अफेयर बना दिया गया हो और जहां लडकियों को शरीर के प्रति जरूरत  से ज्यादा  सावधान होने की शिक्षा दी जाती हो, वहां शादी के बाद भी वे सेक्स संबंधों के प्रति खुल नहीं पातीं। सेक्स उनके लिए हौवा बन जाता है। दूसरी ओर पति को खुश रखने की शिक्षा भी उन्हें दी जाती है। इन दो नई स्थितियों के बीच वे तालमेल नहीं बिठा पातीं। अतीत में हुई यौन हिंसा, पेरेंट्स के खराब रिश्तों या प्रेम संबंधों के कडवे अनुभवों के कारण भी सेक्स से नफरत हो जाती है।

क्या करें

खुद  को सेक्स ऑब्जेक्ट  न समझें। पार्टनर को दोस्त समझें और उससे अपनी फीलिंग्स  शेयर करें। पति को भी ऐसी स्थिति में सहयोग और धैर्य का परिचय देना होगा। पत्नी के साथ कोई हादसा हुआ हो तो उसके प्रति संवेदनशील नजरिया रखें। काउंसलर  की सलाह लें। समय के साथ यह समस्या ठीक हो जाती है।

पहली बार सेक्स

फोर्टिस  हॉस्पिटल  दिल्ली में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. संजीवनी खन्ना कहती हैं, शादी के बाद पहली बार इंटरकोर्स  में हल्का दर्द होता है। कुछ सेशंस के दौरान ऐसा हो सकता है, लेकिन दर्द कई महीनों के बाद भी बना रहे तो मानसिक या शारीरिक समस्या हो सकती है। तब इसे नजरअंदाज  नहीं किया जाना चाहिए।

क्या करें

कपल्स  के बीच अच्छा संवाद जरूरी  है। शुरुआती दौर में थोडी हिचक होती है। जैसे-जैसे पति-पत्नी एक-दूसरे से खुलने लगते हैं, हिचक खत्म  होती है और सेक्सुअल  संबंध भी बेहतर होते हैं। सेक्स को महज  शारीरिक क्रिया न बनाएं, बल्कि भावनात्मक लगाव भी रखें।

फोरप्ले में कम समय

वैवाहिक मामलों की सलाहकार डॉ. वसंता आर. पत्रे कहती हैं, कई बार पुरुष सेक्स के मामले में स्वार्थी होता है। वह फोरप्ले  में समय नहीं लगाना चाहता। सेक्स संबंधों में फोरप्ले  की बडी भूमिका है। स्त्री मन से तैयार न हो और सिर्फ पुरुष की ख्ाुशी के लिए सेक्स संबंध बना ले तो दर्द होगा। यह स्थिति आगे भी बनी रहे तो परिणाम घातक हो सकते हैं।

क्या करें

फोरप्ले  में पर्याप्त समय लगाना जरूरी  है। कई स्त्रियों को फोरप्ले में सेक्स से भी ज्यादा खुशी मिलती है। सेक्स एंजॉय  करना दोनों का अधिकार है और आपसी रिश्ते भी तभी मजबूत  हो सकते हैं, जब एक-दूसरे की इच्छा का सम्मान किया जाए।

रोग भी है दर्द की वजह

डॉ. खन्ना कहती हैं, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी  डिजीज (पीआईडी), एंड्रोमैट्रियोसिस,  यूट्राइन फायब्रॉयड्स  या ओवरियन सिस्ट  के कारण भी इंटरकोर्स  में दर्द हो सकता है। इसके अलावा बढती आयु में हार्मोनल  बदलावों या मेनोपॉज के कारण भी दर्द की शिकायत हो सकती है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी सेक्स प्रक्रिया तकलीफदेह होती है। लेकिन दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। कभी-कभी वजाइना  की मसल्स  टाइट होने के कारण दर्द होता है। शादी के शुरुआती दौर में कपल्स को यूटीआई की समस्या भी हो सकती है, जिसे मेडिकल भाषा में हनीमून सिस्टाइटिस  कहा जाता है। यह यूरेथ्रा में ई.कोलाइ बैक्टीरिया के पनपने से हो सकता है। इस संक्रमण में यूरिनेशन  में तेज  दर्द, जलन या बार-बार यूरिनेशन की शिकायत हो सकती है। इसमें यूरिन  का रंग बदल सकता है और प्यूबिक बोन के ऊपर दर्द हो सकता है।

क्या करें

यह आम समस्या है, जिसमें डॉक्टर ओरल लिक्विड्स  या एंटीबायोटिक्स  लेने की सलाह दे सकते हैं। इलाज के दौरान इंटरकोर्स  से दूर रहना अच्छा है। अगर वजाइना  की मसल्स  टाइट होने के कारण दर्द हो तो ल्युब्रिकेंट  का प्रयोग करें। कई बार गंभीर रोगों, सर्जरी या किसी मानसिक आघात के कारण भी सेक्स संबंधों में दर्द हो सकता है।

पुरुषों को भी होता है दर्द

पुरुषों को भी सेक्स के दौरान दर्द की शिकायत हो सकती है। एग्जीमा या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के अलावा यदि फोरस्किन बहुत टाइट हो तो पहली बार सेक्स के दौरान दर्द होता है। फोरस्किन  खुली न हो तो इसके लिए छोटी सी सर्जरी की जरूरत पडती है। यूटीआई  या प्रोस्टेट ग्लैंड  में इन्फ्लेमेशन  की समस्या से भी पुरुषों को दर्द हो सकता है।


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