नजर न लग जाए कैमरे की
पिछले कुछ समय से टेक्नो-सेवी यंगस्टर्स के बीच हनीमून या फर्स्ट नाइट की फिल्म बनाने या फोटोज खींचने का ट्रेंड सा चल निकला है। इसमें अनैतिक कुछ नहीं है, लेकिन कई बार ऐसी तसवीरें मुसीबत का सबब बन जाती हैं। दांपत्य और सेक्स जीवन को बेहतर बनाए रखना है तो प्लीज माइंड द गैप के उसूल पर चलते हुए टेक्नोलॉजी को अपने बेडरूम से उचित दूरी पर बनाए रखें।
एक अभिनेत्री आजकल तलाक के लिए कोर्ट के दरवाजे खटखटा रही हैं। उनकी शिकायत है कि उनके पति ने न सिर्फ उनके साथ क्रूरता भरा व्यवहार किया, बल्कि वह अंतरंग पलों की तसवीरें सार्वजनिक करने की धमकी भी दे रहा है..।
कुछ साल पहले ऐसी ही एक खबर सुर्खियों का हिस्सा बनी थी। पत्नी के तलाक मांगने से आहत पति ने बदला लेने की ठानी। गुस्से में उसने अंतरंग क्षणों की निजी तसवीरें इंटरनेट पर अपलोड कर दीं और साथ में पत्नी का कॉन्टैक्ट नंबर लिख दिया। पत्नी के पास जब अजीबोगरीब फोन कॉल्स आने लगे तो उसका माथा ठनका और उसने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। लेकिन इस पूरे दौर में पत्नी का जीना दुश्वार हो गया। उसे मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो गई।
हाल में ही एक नवविवाहित भारतीय लडकी ने अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की कि उसका पति यौन विकृति से ग्रस्त है। उसने तलाक के आवेदन में कहा कि उसका पति हनीमून के लिए उसे सिंगापुर ले गया, जहां उसके साथ शारीरिक-मानसिक दुर्व्यवहार किया गया और क्रूर ढंग से संबंध बनाए गए। पति ने अंतरंग पलों की फिल्म भी बनाई। पत्नी जान बचा कर भारत लौटी।
ये कुंठाग्रस्त और विकृत मानसिकता वाले लोगों की कहानी है। मगर कई बार जरा सी चूक से मुश्किल खडी हो जाती है। पिछले वर्ष दिल्ली के आसपास रहने वाले तीन दंपतियों को इस चूक के कारण शर्मसार होना पडा। उनके फोन से निजी पलों की तसवीरें सोशल साइट पर अपलोड हो गई। एक युवक ने मजाक में पत्नी की कुछ निजी तसवीरें खींचीं, मगर उन्हें डिलीट करना भूल गया। फिर किसी दिन उसने अपने फोन से सोशल साइट में लॉगऑन किया। गलती से उसके स्मार्ट फोन पर ऑटो सिंक का बटन दब गया और तसवीरें सार्वजनिक हो गई। ऐसा ही दो अन्य मामलों में भी हुआ। उनका वैवाहिक जीवन खतरे में पडा ही, सामाजिक तौर पर भी शर्मसार होना पडा।
ये कैसा ऑब्सेशन
कैमरा या सेल्फी ऑब्सेस पीढी कई बार नासमझी में या जानबूझ कर ऐसी गतिविधियों में शामिल हो जाती है, जिनके परिणाम भयंकर हो सकते हैं। कुछ समय के थ्रिल या रोमांच के लिए खींची जाने वाली तसवीरों के दुष्परिणामों से ज्यादातर कपल्स अनभिज्ञ हैं।
अनुप्रिया (काल्पनिक नाम) बंगलुरू की आइटी कंपनी में काम करती हैं। शादी एनआरआइ से हुई। इस दंपती ने हनीमून के दौरान कई तसवीरें सेलफोन और कैमरे से खींचीं थीं और कैमरे से फिल्म भी बनाई थी। हनीमून से लौटते हुए रास्ते में इनका बैग चोरी हो गया, जिसमें इनके दांपत्य के महत्वपूर्ण दस्तावेजों समेत कैमरा और कई अन्य कीमती सामान भी थे। घटना के तीन-चार महीने बाद भी अनुप्रिया सदमे से उबर नहीं पाई हैं। कैमरे में मौजूद खास पलों का कोई दुरुपयोग न हो, यह भय उन्हें लगातार परेशान करता है।
एक्सपर्ट्स के पास ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जिनमें पति-पत्नी ने अंतरंग तसवीरें खिंचवाई। बाद में तलाक की नौबत आई तो ये तसवीरें मुसीबत का सबब बन गई। ऐसी अवांछित स्थिति आने के बाद इन तसवीरों को वापस लेना भी अकसर टेढी खीर साबित होता है। तलाक के लिए आवेदन करने वाले पति-पत्नी ऐसी तसवीरों को लेकर अकसर दुविधा और भय से घिरे रहते हैं।
टेक्नोलॉजी और रिश्ते
मनोवैज्ञानिक सलाहकार विचित्रा दर्गन कहती हैं, पिछले पांच-छह वर्षो से टेक्नोलॉजी ने घरों में अपनी जगह बना ली है। ये छोटे-छोटे डिवाइसेज बेडरूम में भी घुसपैठ कर चुके हैं। टेक्नोसेवी पीढी जिंदगी के खास पलों को भी पिक्चर परफेक्ट बनाने की चाह रखने लगी है। यादगार लमहों की तसवीरें कैमरे में कैद करने की ललक होना बुरा नहीं है, लेकिन बेहद अंतरंग पलों को कैमरे से देखना नया शौक है और इसमें जरा सी चूक कपल्स का जीवन खतरे में डाल सकती है। पहले दंपती निजी जिंदगी को सार्वजनिक करने से पहले सौ बार सोचते थे। टेक्नोलॉजी के बढते चलन ने कुछ भी पर्सनल नहीं रहने दिया। सामाजिक वर्जनाएं टूट रही हैं। लोग सोशल साइट्स पर इंटीमेट तसवीरें तक पोस्ट करने लगे हैं। हर व्यक्ति को अपने लिए एक अघोषित सीमा-रेखा तय करनी चाहिए। क्योंकि जरूरत से ज्यादा पर्सनल शेयरिंग न सिर्फ पीडा पहुंचाती है बल्कि रिश्ते में भी दरार डाल सकती है।
सेक्सुअल एटिकेट्स
निजी पलों को कैमरे में कैद करना अनैतिक नहीं है। एक हद तक यह स्वाभाविक चाह है कि शादी की यादें ताउम्र बनी रहें। मगर मुश्किल तब खडी होती है, जब स्थितियां प्रतिकूल हों या पार्टनर से रिश्ते बिगड जाएं। जरा सी असावधानी से कब शौक शॉक में बदल जाए, नहीं कहा जा सकता। पति-पत्नी का रिश्ता सबसे नजदीकी होता है, लेकिन यह सबसे नाजुक भी है। रिश्ते की बेहतरी के लिए हर कपल को सेक्स के कुछ अलिखित नियमों का पालन करना चाहिए। क्या हैं ये सेक्सुअल एटिकेट्स, जानें-
-घर में दरवाजे-खिडकियां होती हैं, जिनमें कुंडियां लगी होती हैं। पर्दे भी लगाए जाते हैं। ऐसा सिर्फ हवा, धूप, रोशनी के लिए नहीं, प्राइवेसी के लिए भी किया जाता है। इस प्राइवेसी का सम्मान किया जाना चाहिए।
-स्त्री-पुरुष की सेक्स डिजायर्स अलग-अलग हो सकती हैं। किसी को सार्वजनिक रूप से प्रेम-प्रदर्शन करना अच्छा लग सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि उसके पार्टनर को भी यह अच्छा लगे। अपने साथ ही पार्टनर की इच्छाओं का मान रखना भी जरूरी है।
-टेक्नोलॉजी को बेडरूम से बाहर रखें, क्योंकि यह न सिर्फ निजता में खलल डालती है, बल्कि कपल्स की सेक्स लाइफ पर भी इसका बुरा असर पडता है। इस बारे में तमाम शोध और अध्ययन पहले ही हो चुके हैं।
-हर कपल के लिए उसके दांपत्य की पहली रात यादगार होती है। यदि इन पलों को कैमरे या फोन में कैद कर रहे हैं तो पहले एक-दूसरे की रजामंदी जरूर लें और फिर इनकी सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था भी करें।
-सोशल साइट्स पर निजी तसवीरें पोस्ट करते हुए अच्छी तरह सोच-समझ लें कि क्या इन्हें शेयर करना जरूरी है? कहीं इससे रिश्ते पर कोई आंच तो नहीं आएगी?
-सेक्स में कुछ भी नैतिक-अनैतिक नहीं होता। लेकिन दोनों में से कोई एक असहमत है तो दूसरे को उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए। सेक्स तभी बेहतर होगा, जब दोनों की इच्छा शामिल हो। जोर-जबर्दस्ती या इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बनाए गए सेक्स संबंध रेप की श्रेणी में ही आते हैं।
-माना कि दांपत्य में भरोसा सबसे जरूरी है। मगर भरोसा एक दिन में नहीं बनता, वक्त के साथ पनपता है। पहली ही रात में इतना भरोसा न कर लें कि बाद में पछताना पडे।
इंदिरा राठौर