अभी तो ये आगाज है
शादी के बाद पहली रात, यानी हमसफर के साथ नई शुरुआत। यह आरंभ है एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण का। नए सफर का आग़्ााज़्ा अच्छा होगा तो दांपत्य जीवन की भावी यात्रा भी शुभ होगी। दिल में उम्मीदों के बेशुमार फूल खिलाएं और इस शुभ घड़ी का दिल
शादी के बाद पहली रात, यानी हमसफर के साथ नई शुरुआत। यह आरंभ है एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण का। नए सफर का आग्ााज्ा अच्छा होगा तो दांपत्य जीवन की भावी यात्रा भी शुभ होगी। दिल में उम्मीदों के बेशुमार फूल खिलाएं और इस शुभ घडी का दिल से स्वागत करें।
शादी की पहली रात के बारे में हिंदी फिल्मों में कुछ ज्य़ादा ही दिखाया गया है। रीअल लाइफ फिल्मों से अलग होती है। सुहागरात वह महत्वपूर्ण रात है, जहां से नवदंपती एक-दूसरे को जानने-समझने की शुरुआत करते हैं। इन पलों के प्रति वर-वधू के मन में ख्ाुशी, रोमांच, उत्साह के साथ ही डर, घबराहट, तनाव व चिंता भी होती है। यह स्वाभाविक है, क्योंकि अब तक अनजान रहे दो शख्स साथ मिलकर वैवाहिक जीवन का आग्ााज्ा करने जा रहे हैं। कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो भावी जीवन की बुनियाद मज्ाबूत हो सकती है।
ऐसी भी जल्दी क्या है
ये पल हसीन, मगर नाज्ाुक हैं। जो भी कहें, ध्यान रखें कि पार्टनर पर इसका क्या प्रभाव पडेगा। किसी भी अनचाही स्थिति से बचना दोनों के लिए बेहतर होगा। सेक्स संबंधों के लिए जल्दबाज्ाी इन ख्ाूबसूरत पलों को बर्बाद कर सकती है, इसलिए पहले एक-दूसरे के साथ कंफर्टेबल हों, नए साथी को स्पेशल फील करवाएं और कुछ रोमैंटिक बातें करें। यह आपसी संवाद, तारीफ और प्रेम का एहसास रोमैंस की राह को सुगम करने में कारगर होगा।
तुम्हारा पास्ट क्या है
भूल कर भी इन महत्वपूर्ण क्षणों में अतीत का चिट्ठा न खोलें। ये पल सिर्फ आपके हैं, इन्हें हमेशा के लिए दिल में संजो लें। किसी भी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करना सुंदर शुरुआत को नष्ट कर सकता है। पार्टनर का अतीत कैसा था या क्या पहले उसका कोई संबंध था...ऐसे सवाल मूर्खतापूर्ण और ग्ौर-ज्ारूरी हैं। महत्वपूर्ण यह है कि पति-पत्नी एक सूत्र में बंध चुके हैं और दोनों को एक-दूसरे का हाथ थाम कर आगे बढऩा है। इन पलों का उपयोग आपसी भरोसा, प्रेम व समझदारी बढाने में करें। साथ का आनंद लें।
भूल-चूक लेनी-देनी माफ
इस रोमैंटिक रात को रिश्तेदारों की किचकिच, पैसे की खिटखिट या लेन-देन जैसी बातों में बर्बाद न करें। माना कि मनी मैटर्स महत्वपूर्ण हैं और शादी के दौरान हुई ग्ालतफहमियों को दूर किया जाना चाहिए, मगर इन सबके लिए फस्र्ट नाइट का चुनाव भूल साबित हो सकता है। यह रात रोमैंस और प्यार के एहसास को जीने के लिए है। इसीलिए तो वर-वधू के कमरे को महकते फूलों से सजाया जाता है, ताकि वे इन ख्ाास पलों को प्रकृति की ख्ाूबसूरती के संग गुज्ाारें। इन पलों की सुंदरता को बरकरार रखना उन्हीं के हाथ में है।
प्रेम के सबक
लव गुरु, कामसूत्र, पोर्न साइट्स या दोस्तों के िकस्से... अमूमन सेक्स ज्ञान यहीं से मिलता है लोगों को। मगर यह सच है कि प्रेम नैचरल एहसास है और इसे कहीं से सीखा नहीं जा सकता। प्रेम को न तो पैदा किया जा सकता है, न इसका रिहर्सल किया जा सकता है। इसलिए हिंदी फिल्म का हीरो न बनें, क्योंकि शादी की यह फिल्म तीन घंटे नहीं, जीवन भर के लिए चलनी है। दोस्त-मित्र, लव गुरु सब अनुत्तीर्ण हो सकते हैं और इस परीक्षा में सिर्फ विवेक और व्यावहारिक बुद्धि ही अच्छे माक्र्स दिला सकती है। स्थिति की गंभीरता को समझें और उसी के अनुकूल व्यवहार करें।
प्रेमी ही रहें उपदेशक नहीं
'मैं चाहता हूं कि तुम मेरे माता-पिता की सेवा करो, उनका सम्मान करो, उनकी आज्ञा का पालन करो, सुबह उठ कर उनका चरण स्पर्श करो, मेरे भाई-बहनों को अपना समझो, मेरे परिवार के प्रति समर्पित रहो...। नई-नवेली का घूंघट उठाते ही ऐसे प्रवचन या उपदेश देने की गुस्ताख्ाी बिलकुल न करें। कहीं ऐसा न हो कि उसे लगे कि वह बेडरूम में नहीं, सत्संग हॉल में बैठी है और कोई संत-महात्मा प्रवचन दे रहे हैं। जीवन-दर्शन और नैतिक-पारिवारिक संस्कारों को सिखाने के आगे और मौके आएंगे। िफलहाल माहौल को सहज बनाए रखें।
डर्टी टॉक्स को नो-नो
आमतौर पर पहली रात का रूढ अर्थ सेक्स संबंधों से ले लिया जाता है। मगर ऐसा ज्ारूरी नहीं कि शुरुआत सेक्स संबंधों से हो। यदि एक के भी मन में कोई हिचक है तो पहले उसे दूर करने का प्रयास करें। इन पलों में सेक्सुअल फैंटसीज्ा के बारे में बात करने से बचें। साथी से कोई असहज सेक्स डिमांड न करें। सेक्स के बारे में कोई भी ऐसी बातचीत न शुरू करें, जो साथी को नागवार लगे। अच्छा तो यह होगा कि इस रात को रोमैंस के लिए ही सुरक्षित रखें। सेक्स संबंधों को अपने बीच उसी तरह आने दें, जैसे कोई मधुर संगीत धीमे-धीमे कानों में घुलता है। एक-दूसरे के प्रति प्यार होगा, तभी सेक्स संबंध भी बनेंगे।
सेक्स एटिकेट्स
पहली बार एक कमरे में पार्टनर का साथ रोमांचित करता है मगर ऐसे में थोडा धैर्य भी ज्ारूरी है। इंटीमेट संबंधों का पहला एहसास स्वस्थ और सकारात्मक रहना चाहिए। सेक्स डिज्ाायर्स हों, मगर ओवर एक्साइटमेंट से बचें, वर्ना इस एहसास को बुरे अनुभव में बदलते देर नहीं लगेगी। घबराहट, डर या एक्साइटमेंट की स्थिति में थोडी देर लंबी-गहरी सांस लें। शांत-सहज रहते हुए ख्ाास पलों का आनंद लें।
सेक्स क्रिया के दौरान पार्टनर से संवाद बनाए रखें। आइ कॉन्टेक्ट रखें, साथी की फीलिंग्स का ध्यान रखें, उसकी तारीफ करें और ऐसी बातें करें जो उसे अच्छा महसूस कराएं। उसके चेहरे के भाव पढें, ताकि पता चल सके कि वह क्या सोच रही है और उसे क्या अच्छा लग रहा है। यदि नई दुलहन सेक्स के लिए तैयार नहीं है तो उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव न डालें या उसके इंकार पर नाराज्ागी का भाव न ज्ााहिर करें। दबाव में बनाए गए संबंध से दोनों ही नाख्ाुश रहेंगे। प्यार का पहला एहसास अच्छे मन व माहौल में पनपना चाहिए। यह एक रात का नहीं, सारी उम्र का साथ है। इसमें प्यार तभी बढेगा, जब दोनों एक-दूसरे के प्रति पूरी तरह समर्पित रहेंगे। सेक्स संबंधों में दोनों की ख्ाुशी व संतुष्टि महत्वपूर्ण है। यदि पार्टनर समझदार है तो वह उस पल का इंतज्ाार करेगा जब उसकी साथी मन से तैयार हो।
व्यावहारिक बातें
1. सेक्स संबंधों के दौरान कॉण्डोम का इस्तेमाल करना न भूलें, क्योंकि कोई भी लडकी पहली बार में प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती। यह पुरुष की ज्िाम्मेदारी है कि वह अपनी दुलहन की भावनाओं का ख्ायाल रखते हुए सुरक्षित सेक्स संबंध बनाए। लडकी को भी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिल कर सुरक्षित गर्भ निरोधक पिल्स की जानकारी कर लेनी चाहिए, ताकि प्रेग्नेंसी और किसी भी यौन संक्रमण से बचा जा सके।
2. दोस्तों के दबाव में आकर शादी की पहली रात में एल्कोहॉल का सेवन न करें, ताकि जीवनसाथी के साथ शुरुआत पूरे होशोहवास के साथ हो। याद रखें, आपकी इस हरकत से पार्टनर हर्ट भी हो सकता है।
3. पहली बार में सेक्स संबंधों से संतुष्टि न मिले तो दुखी न हों। ज्ारूरी नहीं कि पहली बार का संसर्ग संतोषजनक हो। सेक्स क्रिया तभी आनंद देती है, जब दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे के साथ सुरक्षित और कंफर्टेबल होते हैं। अरेंज्ड मैरिज में प्यार और सम्मान की भावना धीरे-धीरे विकसित होती है। इसलिए पहली बार विफल होने पर मन में कोई अपराध-बोध न पालें। यह सिर्फ एक शुरुआत है! याद रखें, अभी तो आपने दांपत्य जीवन की किताब का पहला पन्ना ही खोला है, इसके रोमांचक अध्याय तो आगे खुलेंगे।
इंदिरा राठौर