Move to Jagran APP

शादी के बाद भी जारी है दोस्ती: भावना बलसावर-करण शाह

टीवी धारावाहिक 'देख भाई देखÓ और 'ज़्ाबान संभाल केÓ से पहचान बनाने वाली भावना बलसावर ने शादी की है निर्माता-निर्देशक और पूर्व मॉडल-ऐक्टर करण शाह से। अब इनकी शादी को चार साल होने जा रहे हैं। इनकी 12 साल की दोस्ती शादी में कैसे बदली, जानते हैं इस मस्त और

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 01:15 PM (IST)
शादी के बाद भी जारी है दोस्ती: भावना बलसावर-करण  शाह

वरिष्ठ अभिनेत्री शोभा खोटे की बेटी भावना बलसावर टीवी का चर्चित चेहरा हैं। कॉमेडी से दर्शकों को गुदगुदाना ही उनकी पहचान है। अभी सब टीवी पर चल रहे धारावाहिक 'गुटरगूं में इशारों-इशारों में अपनी बात कहती दिखती हैं। इनके हमसफर करण शाह रिलाइंस बिग पिक्चर्स में क्रिएटिव प्रोड्यूसर और कंसल्टेंट हैं। एक सीरियल में साथ काम करने के दौरान दोस्ती हुई। फिल्मी अंदाज्ा में करण ने शादी के लिए प्रपोज्ा किया और आख्िारकार 12 साल की दोस्ती शादी में बदल गई।

loksabha election banner

वो पहली मुलाकात

करण शाह : हमने धारावाहिक 'नो प्रॉब्लम में साथ काम किया था। भावना काम के प्रति समर्पित और समय की पाबंद हैं। शूटिंग पर सबसे पहले पहुंचने वालों में थीं वह। यह 12 साल पहले की बात है। शादी के बाद भी हमारे बीच कुछ नहीं बदला है। दोस्ती जारी है। बस इसे शादी का नाम दे दिया है हमने। 12 साल के इंतज्ाार की एक वजह यह भी थी कि यह मेरी दूसरी शादी है। पहली शादी टूट गई, मगर तलाक में समय लगा।

भावना : हमारे बीच पहली नज्ार का प्यार जैसा कुछ नहीं था। वर्ष 2010 में अपनी बर्थडे पार्टी में इन्होंने दोस्तों के सामने मुझसे अचानक पूछा 'विल यू मैरी मी? तब तक मैंने शादी के बारे में सोचा नहीं था। मगर दोस्तों के सामने हां कह दिया। मैं इन्हें पसंद तो करती थी, लेकिन शादी को लेकर बहुत नहीं सोच पाती थी। एक बार हम कई दोस्तों ने गोवा घूमने का प्रोग्राम बनाया। वहीं एक शाम इन्होंने मुझे मिलने बुलाया। ये पहले वहां गए, बाकी दोस्त बाद में पहुंचे। मुझे कहा गया कि अच्छी तरह ड्रेसअप होकर पहुंचना होगा। जब हम इनकी बताई जगह पर गए तो वहां एक टूटी कुर्सी थी। मुझे लगा कि यह कोई मज्ााक होगा। मगर तभी करण आए और मेरी आंखों में पट्टी बांधकर किसी जगह पर ले गए। वह एक सुंदर सा गार्डन था। वहां सफेद टेंट लगा था। चारों ओर फूल सजे थे। पेडों पर लाइटिंग की गई थी। वायलिन पर मधुर संगीत बज रहा था। परी-लोक जैसा माहौल था वह। उस दिन 15 अगस्त था और करण ने मुझे प्रपोज्ा किया। इस बात पर मेरा ख्ाूब मज्ााक बना कि स्वतंत्रता दिवस के दिन मैंने अपनी आज्ाादी खो दी।

बेहतर समझदारी की ज्ारूरत

करण : किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए उसकी नींव मज्ाबूत होनी चाहिए। आपसी समझ और अटूट विश्वास से रिश्ते में गहराई आती है। कई स्त्रियां शादी के बाद पति पर बंदिशें लगाती हैं। मगर हमने तय किया है कि एक-दूसरे को पूरा स्पेस देंगे। देखिए, हमारा प्रोफेशन ऐसा है कि चाह कर भी एक-दूसरे को बहुत समय नहीं दे सकते। इसी दिनचर्या के साथ हमें एडजस्ट करना है।

भावना : ज्िांदगी में एक दोस्त की ज्ारूरत हमेशा होती है। दोस्ती का रिश्ता कभी फीका नहीं पडता। दिन भर एक-दूसरे की जासूसी करते रहे तो शादी कैसे निभेगी? करण साफ दिल के इंसान हैं। ज्िांदादिल, ऊर्जावान और केयरिंग हैं। कई लोग इन्हें मुंहफट भी कहते हैं। हमारे लिए शादी काग्ाज्ा पर साइन मात्र है। शादी के बाद कुछ भी नहीं बदला। बस, घर बदलने से मेरा ट्रैवल टाइम बढ गया है।

अलग आदतें-अलग स्वभाव

करण-भावना : हम किसी भी बात में एक जैसे नहीं हैं, यही हमारे रिश्ते की विशेषता है। मुझे खाना पकाने का शौक है और भावना को खाने का। हमें देश-विदेश घूमने का शौक है। जहां भी जाते हैं, वहां के खानपान और संस्कृति को आत्मसात करते हैं। इसके अलावा हमारी दिनचर्या अलग-अलग है। भावना सुबह पांच बजे उठ कर जॉगिंग पर जाती हैं, मैं आठ-साढे आठ बजे तक उठता हूं। भावना के शूटिंग पर जाने से पहले जाग जाता हूं, ताकि उसे बाय बोल सकूं। भावना समय की पाबंद हैं। शादी के बाद भी वैसी ही हैं, शूटिंग पर सबसे पहले पहुंच जाती हैं।

भावना : मुझे सुबह जल्दी उठने की आदत है। करण नॉनवेज खाना अच्छा बनाते हैं। गोवा जाते हैं तो इनके दोस्त एवं मम्मी भी इनसे नॉनवेज बनाने की गुज्ाारिश करती हैं। हमें फिल्में देखने और घूमने का शौक है। हम कंबोडिया, वियतनाम, साउथ अमेरिका आदि कई देशों की सैर कर चुके हैं।

व्यस्तता और रिश्ते

करण : मेरा काम व्यस्त करने वाला भले ही हो, मगर बंधा-बंधाया रुटीन नहीं है। कई बार फोन पर ही मेरे सारे काम हो जाते हैं। मगर भावना को तो शूटिंग के लिए हमेशा मौजूद रहना होता है। बीच में समय मिलता है तो हम घूमने का प्लान बना लेते हैं।

भावना : प्लानिंग मेरे लिए मुश्किल होती है। शूटिंग की तारीखों का ख्ायाल रखना पडता है। फिर भी समय निकाल ही लेते हैं हम।

भावना : मैं पर्दे पर कॉमेडी करती हूं, मगर निजी ज्िांदगी में संजीदा, शर्मीली और इंट्रोवर्ट हूं। करण के दोस्त ही मेरे दोस्त हैं। करण के स्कूल के दोस्त अब भी इनके टच में हैं। मैं संबंधों के मामले में थोडी कच्ची हूं। मेरे हज्बैंड ही मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं। एक बात और, मुझे पेट्स का बहुत शौक है। उनके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। मुझे स्विमिंग अच्छी लगती है। पानी देख कर ख्ाुद को रोक नहीं पाती। नृत्य भी करती हूं। मैंने गोपी किशन जी महाराज से नृत्य की तालीम ली है। जय बोराडे जी से बैले सीखा है। हाल ही में उनका निधन हुआ है। कॉमेडी के ऑफर्स इसलिए आते हैं, क्योंकि मेरी कॉमिक टाइमिंग अच्छी है। मेरा मानना है कि कॉमेडी सिखाई नहीं जाती, नैचरली आती है। बतौर कलाकार मैं हर रोल करना चाहती हंू। मुझे नकारात्मक किरदार भी करने की चाह है।

करण : मुझे तो ज्िांदगी जीने का पैशन है। फोटोग्राफी का शौक है। मैं भी जानवरों का शौकीन हूं। ख्ाुद भी वैसा ही हूं। (हंसते हुए) मेरे जैसे जानवर को भावना पाल रही हैं।

शादी को लेकर बदले हैं युवा

करण : मुझे नहीं लगता कि युवा शादी से भाग रहे हैं। हां, शादी के प्रति उनकी सोच बदल रही है। लडकियां शादी से पहले आत्मनिर्भर होना चाहती हैं और यह कोई ग्ालत बात नहीं है। मुझे लगता है, मच्योर उम्र में ही शादी होनी चाहिए, इससे अच्छी समझदारी पनपती है।

भावना : मैंने भी लेट मैरिज की है। इस उम्र तक अपने विचार, सोच और व्यक्तित्व का निर्माण हो चुका होता है तो कई बार शादी के बाद एडस्टमेंट मुश्किल भी होता है। आजकल ज्िांदगी बहुत फास्ट हो गई है। इमोशंस भी फास्ट हैं। आसानी से प्यार हो जाता है और फिर आसानी से मोहभंग भी हो जाता है। जबकि रिश्ते को समय और स्पेस देना ज्ारूरी होता है। छोटे-छोटे झगडों के कारण आजकल शादियां टूट रही हैं। पहले लोग निभाने के बारे में सोचते थे, पर अब ज्ारा सी बात पर अलग हो जाते हैं। शादी खट्टा-मीठा रिश्ता है। दुख-सुख में साथ देने वाला कोई शख्स ज्िांदगी में होना ज्ारूरी है। इसके लिए शादी से बेहतर कुछ नहीं। इसलिए शादी की नींव को हमेशा मज्ाबूत बनाए रखना चाहिए।

तसवीर के दो पहलू

करण : सफलता-विफलता ज्िांदगी का हिस्सा हैं। अंधेरा न हो तो रोशनी की कीमत क्या होगी! ज्िांदगी में हार-जीत का संतुलन ज्ारूरी है। कई बार सही समय पर सही मौका मिलने से भी सफलता मिलती है। मैं अपने अनुभवों से यह बात कह रहा हूं। हमारी इंडस्ट्री में एक सेकेंड में ही लोग आसमान पर बैठा देते हैं तो दूसरे ही क्षण गिरा देते हैं।

भावना : विफलता का स्वाद नहीं चखेंगे तो सफलता का मज्ाा नहीं ले पाएंगे। ज्िांदगी में उतार-चढाव तो आते हैं। िकस्मत की भी भूमिका होती है। पर हर स्थिति के लिए ख्ाुद को तैयार रखना चाहिए। मैं परेशान या तनावग्रस्त होती हूं तो कुकिंग करती हूं। करण भी तनाव में खाना बनाने लगते हैं। मैंने करण से ही सीखा है कि खाना बनाने से तनाव दूर होता है।

तकरार में छिपा है प्यार

करण : जब भावना नाराज्ा होती हैं तो तीन से चार घंटे फोन नहीं उठातीं। यह संकेत उनकी नाराज्ागी का होता है। मैं खुद ऐक्टर रहा हूं। शूटिंग की दिक्कतों को समझता हूं। इसलिए पता रहता है कि ग्ाुस्से में फोन नहीं उठाएंगी।

भावना : वो रिश्ता ही क्या, जिसमें तकरार न हो। हर पति-पत्नी में झगडा होता है। छोटी-छोटी बातों पर हम नाराज्ा हो जाते हैं और उम्मीद है आगे भी होते रहेंगे। मगर करण मनाते बहुत सही ढंग से हैं। मोबाइल पर स्माइली और मज्ोदार मेसेज भेजते हैं। किचन में जाकर मेरे लिए खाना बनाते हैं। ख्ौर, ग्ाुस्सा शांत होता है तो मैं सॉरी बोल कर झगडा ख्ात्म भी कर देती हूं।

स्मिता श्रीवास्तव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.