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उलझनें सखी की

कुछ विशेष स्थितियों में ऐसा हो सकता है पर यह बात पूरी तरह सही नहीं है। दरअसल कुछ लोग इसे मेनोपॉज़ल समस्याओं से जोड़कर देखते हैं।

By Edited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 11:56 AM (IST)
उलझनें सखी की
मैं 25 वर्षीया कामकाजी अविवाहिता हूं। आजकल मेरे रिश्ते की बात चल रही है। इस दौरान कई लडकों से मेरी मुलाकात हो चुकी है पर कहीं भी बात नहीं बन पा रही। अब मैं इस प्रक्रिया से तंग आ चुकी हूं। मैंने अपने माता-पिता से कहा है कि वे कुछ दिनों के लिए मुझे अकेला छोड दें पर वे मेरी बात मानने को तैयार नहीं हैं। इस समस्या का क्या समाधान है? एन. पी., जमशेदपुर आप परेशान न हों। हर लडकी को जीवन में एक बार ऐसे मुश्किल दौर से गुजरना पडता है। इसलिए ज्य़ादा भावुक होकर सोचने के बजाय इन बातों को सहजता से स्वीकारना सीखें। अगर कभी लडके वाले शादी से इंकार कर देते हैं तो इस बात को अपने दिल पर न लें और जब तक वास्तव में कोई लडका पसंद न आए, शादी न करें। दबाव में आकर रजामंदी न दें। शादी दो इंसानों की जिंदगी से जुडा मामला है। इसमें जरा भी जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। जहां तक पेरेंट्स की बात है तो उनका चिंतित होना स्वाभाविक है। अगर वे आपके लिए योग्य वर ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर आपका नजरिया व्यावहारिक होगा तो इन छोटी-छोटी बातों से आपको कोई तनाव नहीं होगा। परेशान न हों। देर से ही सही, पर आपके लिए परफेक्ट मैच जरूर मिल जाएगा। मैं 46 वर्षीया होममेकर हूं। मेरा बेटा बारहवीं कक्षा में है और बेटी दसवीं में। आजकल मुझे बहुत ज्य़ादा अकेलापन महसूस होता है क्योंकि मेरे पति अपने बिजनेस में व्यस्त रहते हैं। बच्चों की अलग दुनिया है, जहां उन्हें पेरेंट्स की जरूरत महसूस नहीं होती। मैं खुश रहने की पूरी कोशिश करती हूं पर उदासी मेरा पीछा नहीं छोडती। इससे बाहर कैसे निकलूं? आर. एस., गुडग़ांव अभी आपकी उम्र इतनी ज्य़ादा नहीं है कि आपको अकेलापन महसूस हो। शायद आप अपने बारे में ज्य़ादा सोचती हैं। इसीलिए आपको अकेलापन महसूस होता है। बच्चों के बडे होने के बाद उनके प्रति आपकी जिम्मेदारियां खत्म नहीं होतीं बल्कि उनका स्वरूप बदल जाता है। अब भले ही आपके बच्चे रोजमर्रा के छोटे-छोटे कार्यों के लिए आप पर निर्भर न हों लेकिन इसी उम्र में बच्चों के करियर की दिशा तय होती है। पढाई और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग का चुनाव जैसी जरूरतों के लिए उन्हें आपके सहयोग और मार्गदर्शन की जरूरत है। अभी आपके सामने बहुत बडी जिम्मेदारियां हैं। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने बच्चों का भविष्य संवारने पर ध्यान दें। पति चाहे कितने ही व्यस्त क्यों न हों, उनके साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने की कोशिश करें। अंत में सबसे जरूरी बात, अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। मैं 26 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को अभी 6 महीने ही हुए हैं। पति के व्यवहार से मुझे ऐसा महसूस होता है कि वह किसी और से प्यार करते हैं। वह मेरे प्रति बेहद उदासीन हैं। इससे मैं बहुत तनावग्रस्त हूं। उनसे इस बारे में सीधे कुछ भी पूछते हुए डर लगता है पर वह अकसर देर रात तक मोबाइल पर चैटिंग करते हैं। मैंने जब भी उनका फोन चेक करने की कोशिश की तो मुझे ऐसा लगा कि वह दस मिनट पहले हुई चैटिंग की डिटेल को भी डिलीट कर देते हैं। मैं समझ नहीं पा रही कि मुझे क्या करना चाहिए? एन. एस. शर्मा, लखनऊ किसी भी इंसान को परखने के लिए छह महीने का समय पर्याप्त नहीं होता। हो सकता है कि आपका शक सही हो। फिर भी केवल एक शक के आधार पर रिश्ते में कडवाहट न आने दें। मान लीजिए अगर शक गलत निकला तो बाद में आपको बहुत ग्लानि होगी। अपने अच्छे व्यवहार से पति का दिल जीतने की कोशिश करें। अगर घर में केयरिंग पत्नी हो तो पुरुषों के ऐसे रिश्ते ज्य़ादा दिनों तक नहीं टिक पाते। भलाई इसी में है कि आप कुछ दिनों के लिए इन बातों को नजरअंदाज करके पति और ससुराल वालों के साथ अपने संबंध बेहतर बनाने की कोशिश करें। अगर आप अपनी शादी को लेकर गंभीर हैं तो आपके पति आपको ज्य़ादा समय तक इग्नोर नहीं कर पाएंगे और जल्दी ही उनके साथ आपके संबंध भी सहज हो जाएंगे। मैं 21 वर्षीया अविवाहिता हूं। दो साल पहले मेरे पिता का स्वर्गवास हो गया था। मेरे बडे भाई की शादी हो चुकी है। इस घटना के बाद से भाभी का व्यवहार बदल गया है। वह अकसर मेरी मां को कोसती रहती हैं। मैं पढाई के साथ पार्ट टाइम जॉब भी करती हूं, ताकि भाई-भाभी पर अतिरिक्त खर्च का बोझ न पडे। फिर भी वह हमारे साथ बहुत बुरा बर्ताव करती हैं। मां को उदास देखकर मुझे बहुत दुख होता है। मैं बहुत चिंतित हूं। मेरी भाभी की ऐसी आदतें कैसे सुधरेंगी? एल. एम., भोपाल अपनी भाभी से इस बारे में शांतिपूर्वक बातचीत करें और उन्हें बताएं कि उनके ऐसे व्यवहार से आपको दुख होता है। कभी अकेले में भाई से भी इस समस्या पर बातचीत करें पर उनसे भाभी की बुराई न करें। उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि आपकी मां बहुत अकेली हैं। इसलिए हमें उनका पूरा खयाल रखना चाहिए। घरेलू कार्यों में भाभी की मदद करें। कभी-कभी उनके साथ बाहर घूमने जाएं। छोटी-छोटी कोशिशों से घर का माहौल खुशनुमा रहेगा और भाभी का व्यवहार भी निश्चित रूप से सुधर जाएगा। प्रचलित धारणा : चालीस की उम्र के बाद स्त्रियों के जीवन में उदासीनता आने लगती है। एक्सपर्ट की राय : कुछ विशेष स्थितियों में ऐसा हो सकता है पर यह बात पूरी तरह सही नहीं है। दरअसल कुछ लोग इसे मेनोपॉजल समस्याओं से जोडकर देखते हैं। इस उम्र में हॉर्मोन संबंधी बदलाव की वजह से कुछ स्त्रियों में तनाव या मूड स्विंग जैसे लक्षण नजर आते हैं लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। अगर जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया हो तो हर हाल में खुश रहा जा सकता है। डॉ. जयंती दत्ता, क्लनिकल साइकोलॉजिस्ट

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