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आत्मा की आवाज है गायकी

दिल्ली के सिंगर अमन त्रिखा ने बहुत कम समय में लोगों को अपनी आवाज का दीवाना बना दिया है। गीत 'हुक्का बार' और 'पो पो पो पो पो...', आज भी लोगों की जुबान पर छाए हुए हैं। हाल ही में उनके गीत 'हम तुम्हें कैसे बताएं' की काफी चर्चा हो

By Edited By: Published: Fri, 20 Feb 2015 02:28 PM (IST)Updated: Fri, 20 Feb 2015 02:28 PM (IST)
आत्मा की आवाज है गायकी

दिल्ली के सिंगर अमन त्रिखा ने बहुत कम समय में लोगों को अपनी आवाज का दीवाना बना दिया है। गीत 'हुक्का बार' और 'पो पो पो पो पो...', आज भी लोगों की जुबान पर छाए हुए हैं। हाल ही में उनके गीत 'हम तुम्हें कैसे बताएं' की काफी चर्चा हो रही है। सखी ने पूछे अमन से कुछ सवाल।

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1. आपकी'नजर में गायकी क्या है?

मेरी नजर में गायकी आत्मा की आवाज है, जिसकेजरिये हम सीधे दूसरी दुनिया में चले जाते हैं। ऊपर वाले से रिश्ता बनाने का भी यह जरिया है।

2. गायन के लिए जरूरी क्या है?

सबसे पहले इंसान होना बहुत जरूरी है। दिल साफ होगा, तभी आवाज भी साफ और सुरीली होगी। रियाज इसमें बडी भूमिका निभाता है। बनावटीपन और शॉर्टकट के जरिये क्षणिक सफलता तो मिल सकती है, लंबी और बडी नहीं।

3. गायकी कई तरह की होती है?

जी हां, हर मौके और समय के लिए संगीत है। आप इससे अलग नहीं हो सकते। सुबह में भैरवी, शाम में यमन के अलावा हम कुछ और नहीं गा सकते। प्रेम रस और वीर रस आदि के लिए भी गीत-संगीत हैं। सभी समय के हिसाब से सही हैं। सबकी बराबर अहमियत है।

4. कैसे गीत गाना पसंद हैं?

मैंने अभी तक जितने भी गीत गाए हैं, सभी में कुछ न कुछ अलग जरूर है। मैं हर तरह के गीत गाना चाहता हूं।

5. पसंदीदा गायक-गायिका कौन हैं?

मैं जिन लोगों को सुनते हुए बडा हुआ हूं, वे हैं रफी साहब, किशोर दा, लता जी, आशा जी, औरयही मेरे पसंदीदा हैं। वैसे आज के सिंगर में मैं सोनू निगम, श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान को पसंद करता हूं।

6. किस संगीतकार के साथ गाने की इच्छा रखते हैं?

ए.आर. रहमान के साथ। मैं उनके गाए बहुत से गीत अपने शो में अकसर गाता हूं। वैसे कई और संगीतकार भी हैं, जो आज अच्छा काम कर रहे हैं। उनमें साजिद-वाजिद, सचिन-जिगर, प्रीतम व अमित त्रिवेदी आदि हैं, जिनके साथ गाना चाहता हूं।

7. ...और गीतकार की बात करें तो?

गुलजार साहब, जावेद अख्तर, संदीपनाथ, इरशाद कामिल, अमिताभ भट्टाचार्या के साथ काम करना चाहूंगा।

8. शास्त्रीय संगीत गाना चाहेंगे?

बिलकुल चाहेंगे। सीखा है और सीख रहा हूं। आगे तक यह जारी रहेगा।

9. आज के गीतों की उम्र बडी नहीं होती। इसकी वजह?

अब हर रोज ढेरों गाने रिलीज हो रहे हैं। पहले गीत कम बनते थे। फिल्में कम बनती थीं, गाने भी कम आते थे। तब गीतकार जो गीत लिखते थे, उसमें उस समय के साथ आज के वक्त से जुडऩे की भी ताकत थी। आज के गीत विषय पर होते हैं, यह वजह भी है।

10. करियर का टर्निंग प्वॉइंट?

इस बारे में मैं दो बातें कहना चाहूंगा। एक तो शो 'सुरक्षेत्र', जिसने मुझे अनगिनत लोगों के सामने गाने का अवसर दिया। उसके जरिये मैं आशा जी, रूना लैला जी, आबिदा परवीन जी, हिमेश जी और आतिफ असलम जैसे लोगों के करीब आने का मौका दिया। दूसरी बात यह कहूंगा कि जब मैं किसी शो के लिए ऑडिशन देता था तो शुरू में ही मैं छंट जाता था। मैं सोचता था कि दूसरों में खास क्या है जो मुझमें नहीं। मैं घर आकर रोता था, उस बारे में सोचता था। उस बुरे समय ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। इनके साथ ही हिमेश सर का नाम लूंगा। उन्होंने मौका दिया गीत गाने का और फिर मौका मिलता जा रहा है।

11. गायकों की भीड है। कैसे खुद को अच्छा और अलग साबित करेंगे?

यहां बस एक बात ध्यान रखना है कि जो भी करो, अपने लिए करो। गायकी दूसरे के लिए नहीं की जा सकती। जब आप ऐसा सोचेंगे, आपकी राह अलग हो ही जाएगी, जो सफलता की ओर जाती है। लोग आपको बुलाकर गवाएंगे।

रतन


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