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़उलझनें सखी की

किसी भी हाल में उम्मीद का साथ न छोड़ें। अपने पति के लिए किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट की व्यवस्था करवाएं। अगर आपको घरेलू कार्यो की वजह से ज्यादा थकान महसूस होती है तो पति की देखभाल के लिए किसी अटेंडेंट की व्यवस्था करवा दें।

By Edited By: Published: Fri, 02 Aug 2013 12:24 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2013 12:24 AM (IST)
़उलझनें सखी की

मैं 59 वर्षीया होममेकर हूं। मेरे दोनों बेटे अपनी नौकरी की वजह से दूसरे शहरों में रहते हैं। मेरे पति सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। ब्रेन स्ट्रोक की वजह से वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनकी देखभाल के लिए पिछले साल मैंने अपनी जॉब से वीआरएस ले लिया। मैं अपने पति का पूरा खयाल रखती हूं, पर उनका व्यवहार बहुत चिडचिडा हो गया है। हमारे बेटे-बहू कभी-कभी मिलने आते हैं, पर मैं एक दिन के लिए भी घर से बाहर नहीं निकल पाती। मेरे जीवन में गहरी उदासी भरती जा रही है। मैं इस मनोदशा से कैसे बाहर निकलूं?

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पी., एल. वाराणसी

किसी भी हाल में उम्मीद का साथ न छोडें। अपने पति के लिए किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट की व्यवस्था करवाएं। अगर आपको घरेलू कार्यो की वजह से ज्यादा थकान महसूस होती है तो पति की देखभाल के लिए किसी अटेंडेंट की व्यवस्था करवा दें। वैसे तो आप दोनों की पेंशन ही पर्याप्त होगी, फिर भी अगर पैसों की वजह से पति के उपचार में कोई रुकावट आए तो अपने दोनों बेटों से आग्रह करें कि वे अपने पिता के इलाज और उचित देखभाल के लिए प्रतिमाह निश्चित रकम भेजें। अपने घर का माहौल खुशनुमा बनाने की कोशिश करें। डीवीडी पर वैसी फिल्में देखें जो आप दोनों को पसंद हों। अगर वह पढने में असमर्थ हैं तो उन्हें पत्र-पत्रिकाएं पढकर सुनाएं। रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर बुलाएं। अपने लिए थोडा समय जरूर निकालें। खानपान और सेहत का ध्यान रखें। पति की देखभाल के लिए आपका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।

मैं 25 वर्षीया विवाहिता हूं। दो साल पहले हमारी अरेंज्ड मैरिज हुई थी। दरअसल मेरी ननद की शादी मेरे भाई से हुई है। ससुराल में मैं अच्छी तरह एडजस्ट करने की कोशिश करती हूं, लेकिन मेरे मायके वालों के साथ ननद का बर्ताव अच्छा नहीं है। वह अकसर उन्हें भला-बुरा कहती रहती हैं। उनके बहकावे में आकर सास-ससुर मेरे साथ सख्ती से पेश आने लगे हैं। यहां तक कि पति भी मेरे साथ रुखाई से पेश आते हैं। वह अकसर मुझे धमकाते हैं कि अगर तुम्हारे घर में मेरी बहन को जरा भी तकलीफ हुई तो हम तुम्हें भी चैन से जीने नहीं देंगे। मुझे बहुत घबराहट हो रही है। समझ नहीं पा रही कि ऐसी परेशानी से कैसे बाहर निकलूं?

आर. एम., पटना

सबसे पहले आप अपने पति का विश्वास जीतने की कोशिश करें। परिवार के किसी भी सदस्य के सामने ननद की बुराई बिलकुल न करें। अगर आपके मायके में कोई भी अप्रिय स्थिति हो तो उसके बारे में पहले अपनी मां से पूरी जानकारी लें। सही मौका देखकर पति को सच्चाई बताते हुए उनकी राय मांगें। ध्यान रखें कि इस बात की चर्चा आपके पति तक ही सीमित रहे। सबसे पहले आप अपना दांपत्य जीवन संभालें। जब पति आपके साथ होंगे तभी आप मायके वालों की मदद कर पाएंगी। ससुराल की सभी धार्मिक गतिविधियों में पूरे उत्साह से शामिल हों। इससेउनके मन में आपके प्रति प्यार और विश्वास पैदा होगा। आप चिंतित न हों। उन्हें जल्द ही यकीन हो जाएगा कि इस मामले में आपकी कोई गलती नहीं है।

मैं 27 वर्षीया अविवाहिता हूं और एक अच्छी कंपनी में जॉब करती हूं। पिछले 3 वर्षो से अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में हूं। मैंने सोचा था कि इस तरह एक-दूसरे को अच्छी तरह समझने के बाद शादी का निर्णय लेना ठीक रहेगा, पर अब मैं जब भी उससे शादी की बात करती हूं तो वह अपने करियर का बहाना बना कर टाल देता है, पर मैं अब और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती। कई बार जी चाहता है कि इस रिश्ते से अलग हो जाऊं। समझ नहीं पा रही कि मुझे क्या करना चाहिए?

डी. एस., मुंबई

अगर आप ऐसा महसूस करती हैं कि आपका पार्टनर आपको टाल रहा है या आपसे उसका दिल भर गया है तो यह आपके रिश्ते के लिए खतरे का संकेत है। आपकी बातों से ऐसा जाहिर होता है कि कहीं न कहीं इस रिश्ते में दरार आ रही है। ऐसे हालात में आप उसे छह महीने की मोहलत दीजिए। इस अंतराल के बाद भी अगर उसके रवैये में कोई सकारात्मक बदलाव न आए तो इस रिश्ते को आगे न बढाएं। अगर आपको अपने रिश्ते पर भरोसा न हो तो उसे शादी में तब्दील न करें। किसी भी गलतफहमी को शादी से पहले ही दूर कर लेना अच्छा रहता है। शक की बुनियाद पर कोई भी रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता।

मैं 22 वर्षीया अविवाहिता हूं और अपने एक कलीग को मन ही मन चाहने लगी हूं। उसके साथ मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है, पर उससे अपने दिल बात कह पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। दिन-रात उसी के खयालों में खोई रहती हूं। किसी काम में मेरा मन नहीं लगता। मुझे तो यह भी नहीं मालूम कि वह मुझे पसंद करता है या नहीं? मेरा मन बहुत अशांत रहता है। आप ही बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

सी. एस., दिल्ली

अगर आप चाहती हैं कि इस रिश्ते में कोई मिठास आए तो अपनी भावनाओं का इजहार जरूर करें। लंच टाइम के हलके-फुलके माहौल में उसके दिल की बातें जानने की कोशिश करें। कभी उससे कोई मदद मांग कर देखें। अगर वह सहर्ष आपकी मदद के लिए तैयार हो जाए तो समझें कि आपकी यह दोस्ती आगे बढाई जा सकती है। ऐसे नाजुक रिश्तों को समझने में थोडा वक्त लगता है। ध्यान रखें कि प्यार कभी भी एकतरफा नहीं होता। अगर आपके कलीग की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न आए तो उसके बारे में सोचना छोड दें।

प्रचलित धारणा : पति-पत्नी के रिश्ते में पारदर्शिता होनी चाहिए।

एक्सपर्ट की राय: पति-पत्नी के रिश्ते में पारदर्शिता अच्छी बात है, लेकिन उन्हें एक-दूसरे को थोडा पर्सनल स्पेस भी देना चाहिए। इससे रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। हर इंसान के जीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें अपने तक ही सीमित रखना ज्यादा अच्छा होता है। लाइफ पार्टनर को हर बात बताना दांपत्य जीवन में दरार पैदा कर सकता है। इसलिए अपने साथी को सिर्फ वही बताएं, जो आपकी नजर में जरूरी हो। दांपत्य जीवन में पारदर्शिता से ज्यादा जरूरी है, आपसी प्यार और विश्वास क्योंकि इसी के आधार पर पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है।

मैं 59 वर्षीया होममेकर हूं। मेरे दोनों बेटे अपनी नौकरी की वजह से दूसरे शहरों में रहते हैं। मेरे पति सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। ब्रेन स्ट्रोक की वजह से वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनकी देखभाल के लिए पिछले साल मैंने अपनी जॉब से वीआरएस ले लिया। मैं अपने पति का पूरा खयाल रखती हूं, पर उनका व्यवहार बहुत चिडचिडा हो गया है। हमारे बेटे-बहू कभी-कभी मिलने आते हैं, पर मैं एक दिन के लिए भी घर से बाहर नहीं निकल पाती। मेरे जीवन में गहरी उदासी भरती जा रही है। मैं इस मनोदशा से कैसे बाहर निकलूं?

पी., एल. वाराणसी

किसी भी हाल में उम्मीद का साथ न छोडें। अपने पति के लिए किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट की व्यवस्था करवाएं। अगर आपको घरेलू कार्यो की वजह से ज्यादा थकान महसूस होती है तो पति की देखभाल के लिए किसी अटेंडेंट की व्यवस्था करवा दें। वैसे तो आप दोनों की पेंशन ही पर्याप्त होगी, फिर भी अगर पैसों की वजह से पति के उपचार में कोई रुकावट आए तो अपने दोनों बेटों से आग्रह करें कि वे अपने पिता के इलाज और उचित देखभाल के लिए प्रतिमाह निश्चित रकम भेजें। अपने घर का माहौल खुशनुमा बनाने की कोशिश करें। डीवीडी पर वैसी फिल्में देखें जो आप दोनों को पसंद हों। अगर वह पढने में असमर्थ हैं तो उन्हें पत्र-पत्रिकाएं पढकर सुनाएं। रिश्तेदारों और दोस्तों को घर पर बुलाएं। अपने लिए थोडा समय जरूर निकालें। खानपान और सेहत का ध्यान रखें। पति की देखभाल के लिए आपका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।

मैं 25 वर्षीया विवाहिता हूं। दो साल पहले हमारी अरेंज्ड मैरिज हुई थी। दरअसल मेरी ननद की शादी मेरे भाई से हुई है। ससुराल में मैं अच्छी तरह एडजस्ट करने की कोशिश करती हूं, लेकिन मेरे मायके वालों के साथ ननद का बर्ताव अच्छा नहीं है। वह अकसर उन्हें भला-बुरा कहती रहती हैं। उनके बहकावे में आकर सास-ससुर मेरे साथ सख्ती से पेश आने लगे हैं। यहां तक कि पति भी मेरे साथ रुखाई से पेश आते हैं। वह अकसर मुझे धमकाते हैं कि अगर तुम्हारे घर में मेरी बहन को •ारा भी तकलीफ हुई तो हम तुम्हें भी चैन से जीने नहीं देंगे। मुझे बहुत घबराहट हो रही है। समझ नहीं पा रही कि ऐसी परेशानी से कैसे बाहर निकलूं?

आर. एम., पटना

सबसे पहले आप अपने पति का विश्वास जीतने की कोशिश करें। परिवार के किसी भी सदस्य के सामने ननद की बुराई बिलकुल न करें। अगर आपके मायके में कोई भी अप्रिय स्थिति हो तो उसके बारे में पहले अपनी मां से पूरी जानकारी लें। सही मौका देखकर पति को सच्चाई बताते हुए उनकी राय मांगें। ध्यान रखें कि इस बात की चर्चा आपके पति तक ही सीमित रहे। सबसे पहले आप अपना दांपत्य जीवन संभालें। जब पति आपके साथ होंगे तभी आप मायके वालों की मदद कर पाएंगी। ससुराल की सभी धार्मिक गतिविधियों में पूरे उत्साह से शामिल हों। इससेउनके मन में आपके प्रति प्यार और विश्वास पैदा होगा। आप चिंतित न हों। उन्हें जल्द ही यकीन हो जाएगा कि इस मामले में आपकी कोई गलती नहीं है।

मैं 27 वर्षीया अविवाहिता हूं और एक अच्छी कंपनी में जॉब करती हूं। पिछले 3 वर्षो से अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में हूं। मैंने सोचा था कि इस तरह एक-दूसरे को अच्छी तरह समझने के बाद शादी का निर्णय लेना ठीक रहेगा, पर अब मैं जब भी उससे शादी की बात करती हूं तो वह अपने करियर का बहाना बना कर टाल देता है, पर मैं अब और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती। कई बार जी चाहता है कि इस रिश्ते से अलग हो जाऊं। समझ नहीं पा रही कि मुझे क्या करना चाहिए?

डी. एस., मुंबई

अगर आप ऐसा महसूस करती हैं कि आपका पार्टनर आपको टाल रहा है या आपसे उसका दिल भर गया है तो यह आपके रिश्ते के लिए खतरे का संकेत है। आपकी बातों से ऐसा जाहिर होता है कि कहीं न कहीं इस रिश्ते में दरार आ रही है। ऐसे हालात में आप उसे छह महीने की मोहलत दीजिए। इस अंतराल के बाद भी अगर उसके रवैये में कोई सकारात्मक बदलाव न आए तो इस रिश्ते को आगे न बढाएं। अगर आपको अपने रिश्ते पर भरोसा न हो तो उसे शादी में तब्दील न करें। किसी भी गलतफहमी को शादी से पहले ही दूर कर लेना अच्छा रहता है। शक की बुनियाद पर कोई भी रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता।

मैं 22 वर्षीया अविवाहिता हूं और अपने एक कलीग को मन ही मन चाहने लगी हूं। उसके साथ मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई है, पर उससे अपने दिल बात कह पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। दिन-रात उसी के खयालों में खोई रहती हूं। किसी काम में मेरा मन नहीं लगता। मुझे तो यह भी नहीं मालूम कि वह मुझे पसंद करता है या नहीं? मेरा मन बहुत अशांत रहता है। आप ही बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

सी. एस., दिल्ली

अगर आप चाहती हैं कि इस रिश्ते में कोई मिठास आए तो अपनी भावनाओं का इजहार जरूर करें। लंच टाइम के हलके-फुलके माहौल में उसके दिल की बातें जानने की कोशिश करें। कभी उससे कोई मदद मांग कर देखें। अगर वह सहर्ष आपकी मदद के लिए तैयार हो जाए तो समझें कि आपकी यह दोस्ती आगे बढाई जा सकती है। ऐसे नाजुक रिश्तों को समझने में थोडा वक्त लगता है। ध्यान रखें कि प्यार कभी भी एकतरफा नहीं होता। अगर आपके कलीग की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न आए तो उसके बारे में सोचना छोड दें।

डॉ. जयंती दत्ता


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