अभिनय में मिलता है सुख: रवि किशन
दूरदर्शन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रवि किशन अब भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता हैं। यूपी के छोटे से शहर जौनपुर से निकलकर मायानगरी में अपनी छाप छोडऩे वाले रवि किशन को अपने काम से बहुत प्यार है।
दूरदर्शन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले रवि किशन अब भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता हैं। यूपी के छोटे से शहर जौनपुर से निकलकर मायानगरी में अपनी छाप छोडऩे वाले रवि किशन को अपने काम से बहुत प्यार है।
लक मूवी का विलेन राघव हो या फिर 'तनु वेड्स मनु में हीरो का दोस्त, रवि किशन अपने हर किरदार में जान फूंक देते हैं। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार, हिंदी फिल्मों में बडा नाम और अब टॉलीवुड में भी अपने अभिनय का जलवा बिखेरने वाले रवि किशन आज भी अपनी जडों से जुडे हुए हैं। आइए जाने, उनकी जिंदगी से जुडे 9 सवाल।
1. छोटे पर्दे से पहचान और बडे पर्दे से सफलता मिली, कैसा महसूस करते हैं?
करियर की शुरुआत दूरदर्शन से हुई और उस समय मैंने कई धारावाहिकों में काम किया। फिल्मों में आने का श्रेय मैं टीवी से मिली पहचान को देता हूं।
2. भोजपुरी फिल्मों को कितना समय दे पाते हैं?
भोजपुरी फिल्मों को पूरा समय देता हूं। पहले साल में 12-15 फिल्में करता था लेकिन अब सिर्फ एक या दो ही करूंगा।
3. अगर अभिनेता नहीं होते तो क्या होते?
मैं हमेशा से कलाकार ही बनना चाहता था। मुझे रंगमंच से प्यार है। मैं अपने काम को ही सब कुछ मानता हूं। मेरा अभिनय, मेरी कला मेरे जीवन का आधार हैं।
4. आपकी आने वाली फिल्में कौन सी हैं?
तेलुगू फिल्म 'किक-2 अभी रिलीज हुई है और 'मोहल्ला अस्सी, 'रणबंका, 'कब तक, 'मैं हूं खलनायक मेरी आने वाली फिल्में हैं।
5. तेलुगू फिल्में करने की वजह?
अब तक मैंने 350 फिल्मों में काम किया है। भोजपुरी, हिंदी और मराठी में अपना योगदान किया। तेलुगू फिल्मों में अच्छे रोल का ऑफर आया तो हां कर दी।
6. हाल में आई 'तनु वेड्स मनु रिटन्र्स में आप नहीं दिखें?
जी हां 'तनु वेड्स मनु रिटन्र्स के समय मैं व्यस्त था। फिल्म को मिली सफलता से बहुत ख्ाुश हूं क्योंकि मैं इसके पहले पार्ट का हिस्सा था।
7. फिल्म इंडस्ट्री में आपके ख्ाास दोस्त कौन हैं?
फिल्मी दुनिया में दोस्ती कम ही टिक पाती है लेकिन इस मामले में मैं ख्ाुद को भाग्यशाली माना हूं। सैफ अली ख्ाान के साथ मेरी दोस्ती को एक अरसा बीत गया है।
8. अपने माता-पिता को कितना वक्त दे पाते हैं?
माता-पिता को पूरा जीवन समर्पित है। सारा वक्त उन्हीं का है। मुझे जब भी समय मिलता है, मैं अपने पुश्तैनी घर जौनपुर जाता हूं।
9. सफलता के मुकाम पर पहुंचकर कोई ऐसी चीज जिसकी कमी महसूस करते हों?
नहीं, मैं हमेशा से आशावादी रहा हूं और मुझे लगता है कि अभिनेता होने के कई लाभ हैं। शूटिंग के दौरान आप लगभग पूरी दुनिया घूम लेते हैं। नए लोग मिलते हैं और इसी के साथ देश-दुनिया के परिवेश, खानपान और परंपरा से जुडऩे का मौका मिलता है।
वंदना यादव