साड़ी में हर स्त्री खूबसूरत दिखती है: विद्या बालन
बोल्ड एंड ब्यूटिफुल विद्या अपनी सादगी और संजीदगी से हर किरदार को जी लेती हैं। तभी तो आज उनके चाहने वालों की लंबी कतार है। विद्या ने करियर लाइफ में तो परचम लहरा ही दिया है, अब वह एक नए जीवन की शुरुआत करने जा रही हैं।
अभिनेत्री विद्या बालन का करियर और जीवन उन सभी अभिनेत्रियों के लिए प्रेरणा है जिनका कोई गॉडफादर नहीं है और उन्हें अपनी पहचान बनानी है। तमाम छींटाकशी और गुटबाजी के बीच विद्या ने अपने अंदर के अभिनेता के साथ ही भारतीय स्त्री को भी बचाकर रखा है। उनके लिए सुदंरता और अभिनय के मायने अलग हैं। बोल्डनेस बयां करने की जरूरत अब विद्या को रही नहीं। विद्या के व्यक्तित्व और करियर पर एक नजर।
चेहरा ही नहीं जेहन भी खूबसूरत
परिणीता के बाद के दिनों में जब उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप हुई थीं और मीडिया में उनके फिगर को लेकर मजाक उडाया जा रहा था, तब भी वह सौम्य और शांत बनी रहीं। इंडस्ट्री से जुडे सूत्रों के मुताबिक एक बडे अंग्रेजी अखबार के फिल्म सप्लीमेंट के माध्यम से विद्या के ऊपर फिल्म घराने से आई एक बडी अभिनेत्री लगातार आरोप लगवा रही थी। लेकिन, इससे विद्या की सेहत पर असर नहीं पडा। एक अंग्रेजी अख्ाबार ने उन्हें बैड ड्रेसिंग सेंस वाली अभिनेत्री का ख्िाताब तक दे डाला। पर विद्या के मुंह से चूं तक नहीं निकली।
इसके बाद प्रियदर्शन की भूल भुलैया में अवनि चतुर्वेदी के किरदार ने सभी के मुंह पर चाटा जड दिया। हिंदी सिनेमा के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि अभिनेत्रियों का करियर कितना अल्पकालीन होता है। उस पर भी अगर एरोगेंट और गुस्से वाला बर्ताव रहा तो अभिनेत्रियों को सीन से बाहर होते देर नहीं लगती। विद्या का करियर उन सभी अभिनेत्रियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है जो बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।
साडी बनी पहचान
रेखा के बाद हिंदी सिनेमा में अगर किसी अभिनेत्री ने भारतीय साडी का प्रतिनिधित्व किया है तो नि:संदेह रूप से विद्या बालन हैं। बकौल विद्या साडी सही मायने में भारतीय नारी की पहचान है। यह इसलिए नहीं कि साडी में स्त्री पूरी तरह ढकी और सुरक्षित रहती है, बल्कि इसलिए कि साडी पहनकर हर स्त्री ख्ाूबसूरत दिखती है। कोई मतलब नहीं रखता कि आपके नैन-नक्श कैसे हैं। रेखा जी को देखिए, आज भी उनकी ख्ाूबसूरती का कोई सानी नहीं है। स्क्रीन पर या ऑफ स्क्रीन जब भी उनकी उपस्थिति होती है। वही नजर आती हैं।
बदलाव का चेहरा
विद्या को हिंदी फिल्मों में बदलाव का चेहरा भी कहा जा सकता है। एक ऐसे समय में जब सारी अभिनेत्रियां ग्लैमर और साइज जीरो के चक्कर में अपनी सेहत को दांव पर लगा रही थीं, उन्होंने पा में अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभा दी।
जब सब आइटम सॉन्ग की सनक में थीं तो उन्होंने भूल भुलैया में भूत की भूमिका निभाई और बाकी की ब्रिगेड जब थोडी सी संजीदा हुई तो उन्होंने सिल्क स्मिता बनकर सनसनी मचा दी।
हीरोइन में करीना कपूर और अय्या में रानी मुखर्जी की भूमिकाएं कहीं न कहीं विद्या की डर्टी पिक्चर इमेज को कॉपी करने की कोशिश हैं। राजकुमार गुप्ता की आने वाली फिल्म घनचक्कर में विद्या के किरदार के बारे में अभी से लोगों को उत्सुकता बनी हुई है।