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अच्छी फिल्मों से मिलती है पहचान

नेहा शर्मा ने फिल्में भले ही ज्यादा नहीं कीं, लेकिन सुर्खियों में हमेशा रही हैं। वे देखने में जितनी मासूम हैं, स्वभाव से उतनी ही नर्म। इन दिनों वे फिल्म यंगिस्तान में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा में हैं। नेहा से कुछ सवाल।

By Edited By: Published: Sat, 10 May 2014 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 10 May 2014 11:19 AM (IST)
अच्छी फिल्मों से मिलती है पहचान

1. आप अभिनय की दुनिया में नहीं आतीं तो क्या होतीं?

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निश्चित ही फैशन डिजाइनिंग में होती। मैं बचपन से ही फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अभिनय की दुनिया में आऊंगी। मैं तो यही कहूंगी कि फिल्मों में आना मेरा डेस्टिनी था। सब ऊपर वाले की महिमा है।

2. आपको ईश्वर में यकीन है?

हां, बिलकुल है। मेरे दादा और दादी हमेशा यही कहते थे कि सुबह उठकर पहले ईश्वर को याद करना चाहिए। दादी अभी जीवित हैं और मुझे उनकी बातें आज भी याद हैं।

3. कभी ईश्वर से नाराज हुई?

बहुत बार ऐसा होता है। यह हमारा स्वभाव है, लेकिन हर बार हम हारते हैं और ईश्वर जीतता है। हम फिर से उनके गुणगान में जुट जाते हैं। इसका मतलब साफ है कि जो कुछ भी हमारे साथ होता है, सब वही करता है।

4 . अगर भगवान से एक वरदान मांगने को कहा जाए तो क्या मांगेंगी?

अपने और परिवार के लिए खुशी। अगर हम खुश हो गए तो दुनिया खुशहाल हो जाएगी। कहा जाता है न कि आप भला तो जग भला।

5. आप मेहनत पर भरोसा करती हैं या किस्मत पर?

किस्मत पर। दरअसल मेहनत तो सभी करते हैं पर सबको कामयाबी नहीं मिलती। इसलिए किस्मत ज्यादा जरूरी है।

6. अब तक जो फिल्में की हैं, उनमें से कौन-सा रोल दिल के करीब है?

क्रूक से लेकर यंगिस्तान तक के अपने सफर में एक अभिनेत्री के रूप में मैंने खुद में बहुत बदलाव देखा है। मैंने क्या सुपर कूल हैं हम की। फिर जयंताभाई की लव स्टोरी और उसके बाद यमला पगला दीवाना 2 की, सभी में अलग रोल थे।

7. एडल्ट कॉमेडी रोल के बारे में आप क्या सोचती हैं?

मेरे लिए ऐसी भूमिका करना मुश्किल होता है। मैं छोटे शहर में पली-बढी हूं। एक ऐक्ट्रेस के लिए यह चैलेंज होता है कि जैसी भूमिका आप कर रहे हैं, असल जीवन में वैसे नहीं हैं।

8. आपकी नजर में जिंदगी?

जिंदगी एक सफर है, जिसके सहारे सभी को आगे बढना होता है।

9. और प्यार क्या है?

प्यार जिंदगी है। जिसके पास प्यार नहीं, उसकी जिंदगी बेकार है।

10. ऐसा कोई साथी कलाकार, जिससे सीखने को मिला हो?

वैसे तो सभी साथी कलाकारों से हम कुछ न कुछ सीखते हैं, लेकिन धर्मेद्र साहब से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। अभी भी उनमें काम के प्रति बहुत पैशन है।

11. क्या आप मानती हैं कि फिल्म में ज्यादा कलाकार होने से किसी एक कलाकार को कम मौका मिलता है?

यह बात सही है। जब हम कोई लव स्टोरी वाली फिल्म करते हैं तो उसमें दो लोगों की कहानी होती है और उसमें हमारा रोल बहुत अहम होता है। हमारे बिना कहानी आगे नहीं बढती, लेकिन अधिक कलाकारों वाली फिल्मों में ऐसा नहीं होता।

12. अभिनेत्रियां आइटम नंबर खूब कर रही हैं। आप क्यों नहीं करतीं?

एक अच्छी ऐक्ट्रेस के रूप में मकाम हासिल करना मेरे लिए सबसे जरूरी है। वैसे सभी यही चाहते हैं कि उन्हें पहचान मिले, लेकिन मेरा मानना है कि पहचान अच्छी फिल्मों से मिलती है न कि आइटम नंबर करने से।

13. अभिनय के अलावा शौक?

कुकिंग और फैशन डिजाइनिंग का शौक है। मौका मिला तो अपना रेस्टरां जरूर खोलूंगी।

14. आपके पसंदीदा अभिनेता?

मैंने बहुत से अभिनेताओं के साथ काम किया, लेकिन मुझे सलमान खान पसंद हैं। इंडिया में उनकी फिल्में सौ करोड का बिजनेस कर रही हैं और इस लिहाज से तो लगता है कि मैं ही नहीं, पूरा इंडिया सलमान का फैन है।

रतन


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