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सबसे ज़रूरी है इंसान बनना

कोरियोग्राफर के रूप में रेमो डिसूजा को भले ही कम लोग जानते हैं, लेकिन फिल्म एबीसीडी 2 की सफलता ने डायरेक्टर रेमो को घर-घर में मशहूर कर दिया है। डांस का हर दीवाना रेमो का फैन है और डांस की दीवानगी ने रेमो को बना दिया है स्टार।

By Edited By: Published: Wed, 19 Aug 2015 02:41 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2015 02:41 PM (IST)
सबसे ज़रूरी है इंसान बनना

कोरियोग्राफर के रूप में रेमो डिसूजा को भले ही कम लोग जानते हैं, लेकिन फिल्म एबीसीडी 2 की सफलता ने डायरेक्टर रेमो को घर-घर में मशहूर कर दिया है। डांस का हर दीवाना रेमो का फैन है और डांस की दीवानगी ने रेमो को बना दिया है स्टार।

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रिअलिटी शो 'डांस इंडिया डांस ने रेमो डिसूजा को नई पहचान दी है। लोगों के लिए वे जाने-पहचाने चेहरे हो गए हैं। वे अब कोरियोग्राफर के साथ ही डायरेक्टर के रूप में भी चर्चा में हैं। उनकी नई फिल्म 'एबीसीडी 2 हाल ही में आई थी और वह सफल हुई। अब वे अपनी अगली फिल्म को लेकर बिजी तो हैं ही, साथ ही स्टार प्लस पर आ रहे डांस बेस्ड शो 'डांस प्लस के एक जज भी हैं। कुछ सवाल रेमो डिसूजा से।

'डीआइडी के बाद अब आप 'डांस प्लस के जज हैं। इसकी वजह?

वजह तो कुछ भी नहीं है। यह भी सच नहीं है कि मैं डीआइडी से अलग हूं। ऐसा मैं सोच भी नहीं सकता। वहां नए लोगों को मौका देना था, तो उसे नहीं किया। डांस प्लस के लिए सीनियर लोगों की जरूरत थी, तो कर लिया।

प्रतिभागी डांसर को जज करना कितना आसान होता है?

आसान कुछ भी नहीं होता। सच तो यह है कि कई बार नए लोग ऐसा काम कर जाते हैं कि उन्हें जज करना मुश्किल होता है। मैं ख्ाुद चौंक जाता हूं। उठ खडा होता हूं सीट से। ऐस में हमारी चुनौतियां बढ जाती है।

आप दिल की सुनते हैं या दिमाग की?

आज मैं जो भी हूं उसमें लोगों के प्यार की बडी भूमिका है, लेकिन मेरी सफलता में मेरा भी उतना ही योगदान है। मैं हमेशा से अपने दिल की सुनता आया हूं। जब दिल कहता है कि यह करना सही है, तो मैं उसे करता हूं। ऐसी सोच होने से आप किसी काम के साथ हंड्रेड परसेंट जुडते हैं।

आपके आदर्श कौन हैं?

माइकल जैक्सन को मैं अपना आदर्श मानता हूं। वही उम्र भर रहेंगे। मैंने उन्हें गाते-नाचते हुए देखकर डांस की दुनिया में आने का सोचा। मैं अडिग नहीं रहता, तो आज यह सफलता मेरे साथ नहीं होती।

आपका सपना क्या था?

सपने समय के साथ बदलते रहते हैं। कुछ समय पहले मैं माधुरी दीक्षित के साथ काम करने का सपना देखा करता था। शो 'झलक दिखला जा 4 के समय उनका साथ मिला, तो वह सपना पूरा हो गया। मैं बचपन में उनकी फिल्में बहुत देखता था। उनके साथ बैठकर शो को जज करना कमाल का अनुभव था।

आपके करियर का टर्निंग प्वॉइंट?

टीवी शो 'डांस इंडिया डांस। इसी ने मुझे लोगों के बीच पहचान दी। उसी पहचान ने मुझे आगे बढऩे का रास्ता दिया। आज मैं जो भी हूं, उसी की वजह से हूं।

क्या आप बचपन से ही डांस की दुनिया में आना चाहते थे?

जी हां, जब मैं 14 साल का था तब पहली बार माइकल जैक्सन को देखा था। मैं बारहवीं का एग्जैम देने वाला था, नहीं दिया और डांस के प्रति समर्पित हो गया।

आप डांस की दुनिया में नहीं होते, तो कहां होते?

निश्चित ही एयरफोर्स में होता। मेरे पिताजी एयरफोर्स में थे और उनकी इच्छा थी कि मैं भी इसी को ज्वॉइन करूं।

आप फिल्मी कलाकारों में बेस्ट डांसर किसे मानते हैं?

हीरो में रितिक रोशन और हीरोइनों में माधुरी दीक्षित।

आपको डांस करने में मजा आता है या निर्देशन में?

मैं निर्देशन तो शौिकया करता हूं। मजा तो डांस से जुडऩे में ही आता है। चाहे जज बनूं या डांस करू या डांस सिखाऊं।

रतन


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