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सखी की उलझन

मैं 28 वर्षीया विवाहिता हंू। मेरी शादी को सात साल हो चुके हैं और मैं दो बेटियों की मां हंू। बेटा न होने की वजह से मेरी सास मुझसे बहुत नाराज़ रहती हैं। वह चाहती हैं कि बेटे की उम्मीद में मैं एक और संतान को जन्म दूं, पर डॉक्टर्स

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 04:25 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 04:25 PM (IST)
सखी की उलझन

मैं 28 वर्षीया विवाहिता हंू। मेरी शादी को सात साल हो चुके हैं और मैं दो बेटियों की मां हंू। बेटा न होने की वजह से मेरी सास मुझसे बहुत नाराज रहती हैं। वह चाहती हैं कि बेटे की उम्मीद में मैं एक और संतान को जन्म दूं, पर डॉक्टर्स का कहना है कि मेरी सेहत अब इस लायक नहीं है कि मैं तीसरे बच्चे को जन्म दे सकूं। पति और सास दोनों को बेटे की चाहत इतनी ज्य़ादा है कि इसके आगे उन्हें मेरी सेहत की भी परवाह नहीं है। मैं उन्हें कैसे समझाऊं?

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एस. एस., प्रतापगढ

आप अपना दिल मज्ाबूत करके दोनों बच्चियों को अच्छी परवरिश दें। जब कभी आपकी सास अच्छे मूड में हों तो उन्हें प्यार से समझाएं कि यह जरूरी नहीं है कि तीसरी संतान भी लडका ही हो। वैसे भी, आज के जमाने में लडके और लडकी के बीच भेदभाव ख्ात्म हो चुका है। ध्यान रखें कि चाहे बेटा हो या बेटी, बच्चों की अच्छी परवरिश बेहद जरूरी है। ऐसा नहीं है कि केवल बेटों से ही वंश चलता है। आजकल लडकियां भी पढ-लिखकर करियर के क्षेत्र में कामयाबी की ऊंचाइयों को छू रही हैं। जाहिर है शादी के बाद ऐसी बेटियों के बुद्धिमान बच्चे भी अपने माता-पिता का नाम रोशन करते हैं। इसलिए यह सोचना गलत है कि केवल लडकों से ही वंश चलता है। जब आप अपने पति को प्यार से समझाएंगी तो वह आप पर तीसरे बच्चे के लिए दबाव नहीं डालेंगे।

मैं 52 वर्षीय होममेकर हंू। मेरा बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। पिछले एक साल से वह लिव-इन में है। मैंने उसे बहुत समझाया कि अगर तुम्हें वह लडकी पसंद है तो तुम उसी से शादी कर लो, पर उसका कहना है कि हम दोनों अभी शादी की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। मेरे बेटे की उम्र 28 वर्ष हो चुकी है और वह लडकी भी लगभग इसी उम्र की है। मुझे अपने बेटे के भविष्य की बहुत चिंता हो रही है। उसे कैसे समझाऊं कि देर से शादी करना उसके लिए कितनी मुश्किलें पैदा कर सकता है।

आर. सी., लखनऊ

एक बार उन दोनों के साथ बैठकर इस मुद्दे पर बातचीत करें। ख्ाासतौर पर अपने बेटे की पार्टनर के सामने अपनी यह आशंका जाहिर करें कि आखिऱ इस रिश्ते का भविष्य क्या होगा? हो सकता है कि वह लडकी आपकी बात ज्य़ादा सही ढंग से समझ पाए। इसी बहाने आपको लडकी के बारे में भी अंदाजा हो जाएगा कि वह कैसे स्वभाव की है। शादी केवल दो इंसानों का ही नहीं, बल्कि दो परिवारों का भी बंधन है। दोनों परिवारों के आपसी रिश्ते पर भी इसका असर पडता है। आप उन दोनों को समझाएं कि अगर वे एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो उन्हें शादी कर लेनी चाहिए, अगर उनके मन में अभी भी एक-दूसरे के प्रति अविश्वास है तो उन्हें इस रिश्ते को यहीं विराम देकर अपने भविष्य के बारे में नए सिरे से सोचना चाहिए। देर से शादी का निर्णय उनके लिए हर तरह से नुकसानदेह साबित होगा। अगर इस कोशिश के बाद भी वे आपकी बात नहीं मानते तो उन्हें उनके हाल पर छोड दें क्योंकि आज की आत्मनिर्भर युवा पीढी पर जबरन अपने निर्णय थोपने की कोशिश करना व्यर्थ है।

मैं 21 वर्षीय एमबीए स्टूडेंट हूं। छह महीने पहलेे ब्वॉयफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो गया है। मैं उसे सच्चे दिल से प्यार करती थी, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया। इससे मेरा मन बहुत उदास रहता है और मैं अपनी पढाई पर भी ध्यान नहीं दे पा रही। इस मनोदशा से कैसे बाहर निकलूं?

के. एस., अहमदाबाद

आप उदास न हों। कई बार हम जिन हालात को बुरा समझ कर दुखी होते हैं, उनकी बुराई में भी अच्छाई छिपी होती है। आपको इस बात का शुक्र मनाना चाहिए कि सही वक्त पर उस लडके की असलियत मालूम हो गई। अन्यथा, जितनी ज्य़ादा देर होती उतना अधिक नुकसान होता। अब जिंदगी की बागडोर आपके हाथों में है और आप अपने निर्णय ख्ाुद लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसलिए जो कुछ भी हुआ उसे बुरा सपना समझकर भूल जाएं। अपनी रुचि से जुडे कार्यों के लिए थोडा वक्त निकालें, सेहत पर ध्यान दें और यह न भूलें कि पढाई आपकी पहली प्राथमिकता है। इस मनोदशा से बाहर निकलने के लिए ख्ाुद को थोडा वक्त दें। अभी आपकी उम्र ही क्या है? हो सकता है, जीवन के अगले मोड पर कोई ऐसा साथी मिल जाए, जो आपके लिए परफेक्ट हो, पर अगली बार पार्टनर चुुनने के मामले में बहुत सोच-समझ कर निर्णय लें।

मैं 28 वर्षीया विवाहिता और 2 बच्चों की मां हूं। मेरा छोटा बेटा अभी तीन माह का है। उसके जन्म के पहले मैं जॉब करती थी, लेकिन कुछ घरेलू परेशानियों की वजह से मुझे नौकरी छोडऩी पडी। अब मेरा व्यवहार बेहद चिडचिडा हो गया है। मुझे डर लग रहा कि कहीं मैं पोस्टनैटल डिप्रेशन की शिकार न हो जाऊं। इससे बचाव के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

ए. एच., दिल्ली

आप निश्चिंत रहें। यह पोस्टनैटल डिप्रेशन की समस्या नहीं है। वास्तव में आप फ्री फ्लोटिंग एंग्जायटी की समस्या से त्रस्त हैं। बेवजह चिंतित रहने वाले लोगों में इसके लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में अपने पति से बातचीत करें। उनके साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं। उनसे सलाह लेने के बाद ही दोबारा जॉब शुरू करने का निर्णय लें। छोटे बच्चे की वजह से अगर नींद पूरी नहीं हो पाती तो जब भी मौका मिले, दिन में हलकी झपकी जरूर लें। चाहे आप नौकरी करें या न करें, लेकिन हर हाल में ख्ाुश रहना सीखें क्योंकि अपने पूरे परिवार को ख्ाुश रखने की जिम्मेदारी भी आप पर ही है।

प्रचलित धारणा

संतान के बिना पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती नहीं आती।

एक्सपर्ट की राय : यह सच है कि संतान के आगमान के बाद उसकी अच्छी परवरिश हर माता-पिता की पहली प्राथमिकता होती है। इसके लिए दंपती साथ मिलकर बच्चे के आराम और उसकी ख्ाुशियों का ख्ायाल रखते हैं। उनका सारा ध्यान बच्चे पर होता है। इसलिए निजी पसंद-नापसंद को लेकर उनके बीच कोई बहस नहीं होती, पर इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ बच्चे की वजह से ही पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। अगर दंपती अपने साथी की भावनाओं का ख्ायाल रखें और उनमें परस्पर अटूट विश्वास हो तो संतान न होने की स्थिति में भी उनके आपसी रिश्ते में मधुरता बनी रहती है।

डॉ. जयंती दत्ता


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