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व्यक्तिगत समस्याएं

मेरी उम्र 45 वर्ष है। पिछले वर्ष एक दुर्घटना के बाद मुझे सर्जरीज़्ा से गुज़्ारना पड़ा। हीमोग्लोबिन कम होने से कई यूनिट ब्लड भी चढ़ाना पड़ा। इसके बाद सब सामान्य था, लेकिन प्राइवेट पार्ट में एक फोड़ा हो गया, जो एंटी बैक्टीरियल-एंटी फंगल क्रीम्स इस्तेमाल करने के बावजूद ठीक नहीं

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 04:00 PM (IST)
व्यक्तिगत समस्याएं

मेरी उम्र 45 वर्ष है। पिछले वर्ष एक दुर्घटना के बाद मुझे सर्जरीज्ा से गुज्ारना पडा। हीमोग्लोबिन कम होने से कई यूनिट ब्लड भी चढाना पडा। इसके बाद सब सामान्य था, लेकिन प्राइवेट पार्ट में एक फोडा हो गया, जो एंटी बैक्टीरियल-एंटी फंगल क्रीम्स इस्तेमाल करने के बावजूद ठीक नहीं हुआ। डॉक्टर को दिखाने पर उन्होंने इसे नॉर्मल फंगल इन्फेक्शन बताया। पिछले कुछ दिनों से फोडे से पस निकल रहा है। समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है?

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आर.एम., फरीदाबाद

ऐसा लगता है कि आप साइनस या फिस्चुल (नासूर) जैसी समस्या से ग्रस्त हैं। यह समस्या आमतौर पर फोडा या घाव होने के बाद होती है। आपको किसी िफज्िाशियन, सर्जन या यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। अपना वायरल मार्कर, ब्लड शुगर, लिवर फंक्शन टेस्ट और सीरम एल्ब्यूमिन कराएं। आपको कोई समस्या हो सकती है, जिससे हीलिंग में बाधा पैदा हो सकती है।

मैं पहली बार मां बनने वाली हूं। समस्या यह है कि मेरी उम्र कम है और मुझे कोई परेशानी भी नहीं है, फिर भी मेरे पति इस ज्िाद पर अडे हैं कि मैं सिजेरियन कराऊं। उन्हें यह लगता है कि नॉर्मल डिलिवरी से वजाइनल एरिया फैल जाता है, जिससे बाद में परेशानी होती है और सेक्स संबंधों में बाधा आती है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं?

ए.के., गाज्िायाबाद

आपका सवाल और आपके पति का तर्क दरअसल एक मिथ है। पेल्विक फ्लोर मसल्स और वजाइना डिलिवरी के बाद फिर से अपने पुराने रूप में आ जाते हैं, हालांकि कुछ मामलों में इसमें कुछ देरी हो सकती है। शरीर को स्वस्थ और शेप में बनाए रखने के लिए ज्ारूरी है कि अपनी डॉक्टर की सलाह से नियमित व्यायाम करें। अगर ऐसा नहीं होता या अन्य कोई समस्या होती है तो सिजेरियन डिलिवरी हो या नॉर्मल, दोनों में ही वजाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। दोनों तरह की डिलिवरी के कुछ समय बाद स्त्री अपनी डॉक्टर की सलाह से नियमित एक्सरसाइज्ा कर सकती है, जिससे शरीर का शेप बना रहता है।

कई बार पत्रिकाओं के सेक्स संबंधी लेखों में फोरप्ले और आफ्टरप्ले जैसे टम्र्स का इस्तेमाल होते देखती हूं। फोरप्ले तो समझ आता है लेकिन आफ्टरप्ले टर्म क्या है? कृपया दोनों के बारे में जानकारी दें और यह भी बताएं कि सेक्स संबंधों के दौरान ये क्यों ज्ारूरी हैं?

डी.के., पटना

इंटरकोर्स के दौरान नॉर्मल पेनिट्रेशन के लिए ज्ारूरी है कि व्यक्ति में सेक्स डिज्ाायर्स हों और प्राइवेट पार्ट में ल्युब्रिकेशन के लिए फ्लूइड का स्राव हो। फोरप्ले से व्यक्ति में सेक्सुअल क्रियाओं के प्रति चाह बढती है। फ्लूइड के अभाव में प्राइवेट पार्ट में पर्याप्त चिकनाई नहीं आ पाती और दोनों पार्टनर्स के लिए सेक्सुअल क्रिया मुश्किल और पीडादायक हो सकती है। सेक्स को एंजॉय करने के लिए फोरप्ले ज्ारूरी है। आफ्टरप्ले सेक्सुअल क्रिया के लिए नहीं होता। यह सेक्स के बाद भी एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक लगाव महसूस करने और बेहतर बॉण्डिंग पनपने के लिए ज्ारूरी होता है। यह सिंपल शारीरिक स्पर्श है। कई मामलों में मेल पार्टनर की तुलना में फीमेल पार्टनर के लिए आफ्टरप्ले अधिक ज्ारूरी होता है, ताकि वह ख्ाुद को सेक्स ऑब्जेक्ट न समझे। इससे वह ज्य़ादा कंफर्टेबल, संतुष्ट और पूर्णता महसूस करती है।

मेरी उम्र 27 साल है। शादी को छह महीने हुए हैं। सेक्सुअल डिज्ाायर्स के बावजूद सेक्स में पीडा होती है, क्योंकि वजाइनल एरिया में पूरा ल्युब्रिकेशन नहीं हो पाता। कृपया बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

एम.जी., दिल्ली

आपके सवाल का जवाब ऊपर दिए गए प्रश्न के जवाब में ही दिया जा चुका है। आप दोनों के लिए ज्ारूरी है कि सेक्सुअल क्रिया से पहले 5-10 मिनट फोरप्ले ज्ारूर करें। इसी से सेक्स के लिए ज्ारूरी ल्युब्रिकेशन मिल सकेगा। ल्युब्रिकेशन न होने के कारण ही सेक्सुअल क्रिया पीडादायक और मुश्किल होती है। अगर फोरप्ले से भी फायदा नहीं होता तो क्रीम (के वाई जेली), नारियल तेल आदि का इस्तेमाल कर सकती हैं। ध्यान दें, यदि आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो किसी भी एंटीसेप्टिक ऑइन्टमेंट का इस्तेमाल न करें।

मैं 38 वर्षीय दो बच्चों की मां हूं। एक दिन मैंने घर में रखे कंप्यूटर पर सर्च हिस्ट्री चेक की तो मुझे उसमें कई पोर्न साइट्स के लिंक दिखे। मेरा 13 वर्षीय बेटा कंप्यूटर पर काफी वक्त बिताता है। मैंने उसके पापा से बात की तो उन्होंने इसे मज्ााक में टाल दिया, लेकिन मैं बहुत चिंतित हूं। डरती हूं कि कहीं ग्ालत जानकारियां उसे भटका न दें। क्या बच्चे को इस उम्र में सेक्स एजुकेशन दी जा सकती है ?

ई.पी., कोलकाता

परवरिश का सही तरीका यह है कि बेटे को पिता द्वारा सेक्स एजुकेशन दी जाए। आपके मामले में ऐसा लगता है कि बच्चे के पिता को इसमें रुचि नहीं है, लिहाज्ाा यह जानकारी आपको ही देनी होगी। आप उसे मेल-फीमेल की शारीरिक संरचना के बारे में बताएं। यह भी बताएं कि किस उम्र में लडकी प्रेग्नेंट हो सकती है और किस उम्र में कोई लडका सेक्सुअली एक्टिव हो सकता है। उसे सकारात्मक ढंग से यह सब बताएं और स्त्रियों का सम्मान क्यों ज्ारूरी है, यह भी बताएं। उसे बताएं कि असुरक्षित सेक्स संबंध से क्या-क्या नुकसान हो सकता है। अगर आप खुल कर बेटे से बात नहीं कर पाती हैं तो कोई ऐसी पत्रिका उसके कमरे में रखें, जिसमें वैज्ञानिक ढंग से सभी तथ्यों की जानकारी दी गई हो। इस उम्र के बच्चों में बहुत उत्सुकता होती है। पेरेंट्स जानकारी नहीं देते तो वे कहीं और से यह जानकारी हासिल करते हैं। बेहतर यही है कि उन्हें स्वयं जानकारी दें।

मिल कर करें बेबी केयर

ऐसे शोध होते रहे हैं, जिनमें कहा गया है कि घरेलू कार्यों को शेयर करने वाले कपल्स का रिश्ता अच्छा रहता है। अब एक नई रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि बच्चों की ज्िाम्मेदारियां शेयर करने वाले कपल्स की सेक्सुअल लाइफ भी अच्छी होती है। अटलांटा की गॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए शोध के मुताबिक इसकी वजह यह है कि जब दोनों पार्टनर्स मिल-जुल कर बेबी केयर करते हैं तो इससे एक पर पडऩे वाला दबाव कम होता है, जिससे झगडे कम होते हैं। सर्वे में कपल्स को तीन हिस्सों में बांटा गया। एक में अकेले ज्िाम्मेदारियां संभालने वाली स्त्रियां थीं, दूसरे में ज्य़ादा काम करने वाले पुरुष और तीसरे में वे कपल्स थे, जिन्होंने काम को बराबर-बराबर बांटा था।

डॉ. राजेन्द्र यादव


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