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खूबसूरत अहसासों की पोटली

प्यार एक ऐसा एहसास है जिसे कुछ शब्दों में परिभाषित करना मुमकिन नहीं है। इसे सिर्फ जिया जा सकता है और जो जीता है, वही इसकी गहराई भी समझ सकता है। पहले लोग इज़हार करने में भरपूर समय लेते थे, शर्माते थे, झिझकते थे, डरते थे, न सुनने के लिए

By Edited By: Published: Thu, 21 Jan 2016 03:14 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2016 03:14 PM (IST)
खूबसूरत अहसासों की पोटली

प्यार एक ऐसा एहसास है जिसे कुछ शब्दों में परिभाषित करना मुमकिन नहीं है। इसे सिर्फ जिया जा सकता है और जो जीता है, वही इसकी गहराई भी समझ सकता है। पहले लोग इजहार करने में भरपूर समय लेते थे, शर्माते थे, झिझकते थे, डरते थे, न सुनने के लिए भी तैयार रहते थे। बदलते दौर में प्यार के मायनों के साथ ही इजहार-इकरार के तरीके भी बदले हैं। डालते हैं 'लव आजकल पर एक नजर।

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प्यार कभी इंसान को शायर बना देता है तो कभी गायक...। प्यार में हम वह बन जाते हैं जो कभी थे ही नहीं। अचानक से सब कुछ अच्छा और अलग सा लगने लगता है। हालत ऐसी हो जाती है कि तुम हो तो सब कुछ है, तुम नहीं तो कुछ भी नहीं। प्यार का आसान सा अर्थ है- भरोसे और जिम्मेदारियों से भरा ख्ाूबसूरत एहसास।

यह प्यार नहीं आसां

नए-नए प्यार का एहसास बेहद अनोखा होता है। हर चर्चित लव स्टोरी में अपनी कहानी का अक्स देखा जाने लगता है। दुनिया से बेख्ाबर हो दो परिंदे प्यार की पींगें बढाने लगते हैं। फोन लॉक रखना, सारी-सारी रात बात करते रहना, कभी कंबल में तो कभी घर के कोनों में घुस कर उसे कॉल करना या फिर कॉल का इंतज्ाार करना.... आज की जेनरेशन के लिए प्यार की परिभाषा यही तो है। जबकि असल दुनिया इन सबसे इतर है। जितना सहज यह रिश्ता दिखता है, दरअसल उतना होता नहीं है। एक-दूसरे को समझना, रूठना-मनाना और अहमियत देना चंद रोमैंटिक पल साथ बिताने की ख्ाुशी से कहीं ज्यादा जरूरी होता है।

जब करना हो प्रपोज...

प्यार किया नहीं जाता, बस हो जाता है और जब वह बस हो जाता है तो उसके इजहार के लिए किसी ख्ाास दिन का इंतजार क्यों? आज के यंगस्टर्स प्रपोजल के लिए वैलेंटाइन वीक का तहे दिल से इंतजार करते हैं। पर प्यार में डूबे इंसान के लिए तो हर दिन स्पेशल होना चाहिए। प्रपोजल के लिए बुके या गिफ्ट्स भले न लें, पर मन में अपने प्यार के लिए आदर और विश्वास जरूर रखें। अट्रैक्शन और लव के बीच के अंतर को समझने के बाद ही किसी को प्रपोज करें या हां कहें। ख्ाूब सोच-समझकर ही प्यार की दुनिया में कदम रखें।

जरूरी है कमिटमेंट

मूवीज, सीरियल्स और नॉवेल्स में जो भी दिखाया जाता है, असल जिंदगी में सब कुछ उससे बहुत अलग होता है। प्यार में समर्पण बहुत मायने रखता है। अगर आप किसी को वाकई में मानते हैं तो उसे बदलने के बजाय हर अच्छाई व बुराई के साथ स्वीकारना सीखें। बिना किसी उम्मीद के उसका ख्ायाल रखें और उसके अच्छे के बारे में सोचें। अपने व पार्टनर के अंदर पॉजिटिव बदलावों को ही महत्व दें। ऐसे रिश्तों में न सुनने की आदत भी डालनी चाहिए। यह न सोचें कि आपने जो कह दिया, आपका पार्टनर बस वही करता जाए।

जरा आजाद भी करिए

माना कि प्यार में थोडे बंधन जरूरी होते हैं, पर ध्यान रखें कि उनकी इंतेहा न हो जाए। फेसबुक पर अपने स्कूल फ्रेंड्स को ऐड क्यों किया? उसने तुम्हें हेलो क्यों बोला? व्हॉट्सएप पर किससे चैट करते हो? अगर मन में बिना मतलब के इतने सवाल होंगे तो जवाब भी आपको गोलमोल ही मिलने लगेंगे। रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं, उन्हें संयम, समझदारी और सावधानी से संभालना जरूरी होता है। हर रिश्ते में पारदर्शिता होनी चाहिए, दोस्त बन कर हर बात को जानें और समझें, आपका विश्वास कभी नहीं टूटेगा।

माफ भी करें

किसी की गलतियों को माफ करना बहुत मुश्किल होता है। पर कभी-कभी ऐसा होता है कि जब तक हमें सामने वाले की किसी गलती का पता चलता है, तब तक उसे उसका एहसास भी हो चुका होता है। ऐसे में उस गलती के लिए पार्टनर को बार-बार टोकना या बेइज्जत करना गलत है। हर सही-गलत बात पर बार-बार ब्रेकअप कर लेने की आदत से बचें।

याद रखें, किसी को माफ कर देने से आप छोटे नहीं हो जाएंगे, बल्कि इससे आपका रिश्ता और प्रगाढ हो जाएगा। अपनी गलती के लिए माफी मांगने से कभी न कतराएं। कभी-कभी पुराने रिश्तों में नई शुरुआत करना भविष्य के लिए लिया गया सबसे समझदारी भरा फैसला होता है।

मुश्किल में निभाएं प्यार

साथ पढते या काम करते हुए किसी पर क्रश हो जाना कोई बडी बात नहीं है। साथ असाइनमेंट करते, घूमते-फिरते किसी के लिए मन में सॉफ्ट कॉर्नर बनने लगता है। जिसे हम प्यार समझने लगते हैं, वह अकसर लगाव होता है। प्यार में सबसे ज्यादा अहम कमिटमेंट है। बिना ख्ाुद को भूले पार्टनर की ख्ाुशियों का ख्ायाल रखें। बीच-बीच में उसे अपने प्यार का एहसास करवाते रहें। सबसे बडी बात है कि किसी भी मुश्किल से घबराएं मत, किसी तीसरे को बीच में लाने के बजाय अपनी प्रॉब्लम्स को ख्ाुद सॉर्ट आउट करना सीखें। साथ क्वॉलिटी टाइम स्पेंड कर एक-दूसरे को जानें-समझें। जरूरत पडऩे पर साथ जरूर निभाएं। सिर्फ गिफ्ट्स लेने-देने या हाइ स्टेटस को देखकर ही प्यार न करें, सामने वाले की भावनाओं की भी कद्र करें।

'इमोशंस अनप्लग्ड के लेखक

विशाल आनंद

जो गहराए, वह है प्यार

आज की जेनरेशन में प्यार का क्रेज तो बहुत है, पर शायद उसका मतलब पहले जितना गहरा नहीं है। रिश्ते शॉर्ट टर्म के लिए हो रहे हैं क्योंकि युवा कमिटमेंट से घबरा रहे हैं। मैं भी इसी जेनरेशन का हूं, पर मेरे लिए प्यार बहुत ख्ाास है। इसे मैं कुछ शब्दों में बयां तो नहीं कर सकता, पर कुछ ऐसा है कि हर सुबह के साथ और ज्यादा गहरा हो जाता है। इस एहसास में सामने वाले की अहमियत ख्ाुद से ज्यादा हो जाती है, एक-दूसरे की कमियों और गलतियों को नजरअंदाज करने लगते हैं। अगर लडाइयों के बाद भी एक-दूसरे में ख्ाुद को ढूंढ पा रहे हैं तो प्यार और बढता जाएगा। बस विश्वास बनाए रखें और प्यार में कभी भी समझौता न करें।

पंकज श्रीवास्तव

दीपाली पोरवाल


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