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फूड जो बनाये मूड

चटपटा खाना जीभ को भाता है। खराब मूड में भी लोग चटपटे या मीठे खाने की इच्छा जताते हैं। समस्या यह है कि जीभ को भाने वाले स्वाद सेहत पर भारी पड़ते हैं। क्या खाएं कि मूड भी अच्छा रहे और सेहत भी, जानें यहां।

By Edited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 04:20 PM (IST)
फूड जो बनाये मूड

कई बार जब हम उदास होते हैं तो ज्यादा खाना खाने लगते हैं। हमारे हाथ में जो आता है, खाते चले जाते हैं। इसमें भी तला-भुना या मीठा ही ज्यादा खाना पसंद करते हैं। इसे खाकर लगता है कि जैसे अब मूड ठीक हो जाएगा लेकिन क्या आप यकीन के साथ कह सकते हैं कि इन चीजों से मूड सुधर जाता है? जुबान को अच्छी लगने वाली ये चीजें सेहत के लिहाज से बुरी साबित हो सकती हैं। अपनी फूड हैबिट को थोडा बदलने की कोशिश करें। देखें, किस तरह आपका मूड भी अच्छा रह सकता है और सेहत भी।

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चॉकलेट्स

मन खराब हो या लो फील कर रहे हों तो अकसर आसपास के लोग मीठा खाने का सुझाव देते हैं। इसमें भी अगर चॉकलेट मिल जाए तो क्या बात है लेकिन क्या आप जानते हैं कि चॉकलेट (डार्क चॉकलेट छोडकर) सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसमें मौजूद अत्यधिक शक्कर जितनी जल्दी खुशी का एहसास दिलाती है, उतनी ही जल्दी ये ऊर्जा के स्तर को गिरा भी देती है। इससे मूड में भी नकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। ऊर्जा में बार-बार कमी महसूस होने से आप फिर चॉकलेट खाते हैं, जिससे सेहत बिगडने लगती है। यदि मूड स्विंग हो रहा हो या फिर पीरियड्स से पहले या यूं ही कभी कुछ मीठा खाने का मन कर रहा हो तो अपने पसंदीदा फलों का चुनाव करें। फलों की शर्करा शरीर में धीरे-धीरे अवशोषित होती है, जिससे अचानक ऊर्जा का स्तर कम या ज्यादा नहीं होता। इसके बाद भी यदि चॉकलेट खाने की तीव्र इच्छा हो रही हो तो फलों की प्लेट पर ऊपर से थोडा सा चॉकलेट सॉस डाल लें।

नमकीन

ईवनिंग स्नैक्स के रूप में अकसर हम बाजार में 10-15 रुपये में मिलने वाले पैकेटबंद नमकीन या चिप्स का इस्तेमाल करते हैं। आसानी से मिलने वाली नमकीन मूंगफली, काजू, बादाम, मटर आदि का मिश्रण स्वाद के नजरिये से तो अच्छा है, लेकिन इनमें अत्यधिक मात्रा में सोडियम व मोनोसोडियम ग्लूटामेट मौजूद होता है जो सेहत के लिए खतरनाक होता है। यह न केवल मूड बिगाडता है, बल्कि सिर दर्द, चिडचिडापन व बेचैनी का कारण भी बनता है। यदि आपको खाने के बीच में स्नैक्स लेने की आदत हो तो अपने साथ सादे मेवे रखें। नमकीन मेवे पसंद हों तो घर पर ही इन्हें तैयार करें, जिससे नमक की मात्रा को नियंत्रित रखना आसान हो जाएगा।

सोडा वॉटर या ड्रिंक्स

सोडा सेहत के लिहाज से बहुत अच्छा विकल्प नहीं है, फिर भी इसका सेवन किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि ये पेय पदार्थ जितनी जल्दी मूड को तरोताजा करते हैं, उतनी ही जल्दी मूड बिगाड भी सकते हैं। सोडे में भरपूर कार्बोहाइड्रेट होता है, जो रक्त में जल्दी अवशोषित हो जाता है। यही वजह है कि रक्त में शर्करा की मात्रा तुरंत बढने लगती है और कुछ ही देर में फिर कम हो जाती है, जिसका सीधा असर मूड पर पडता है। यदि कोई पेय पदार्थ पीना हो तो खट्टे फलों का जूस पिएं या सही तापमान पर रखा सोडा लें, लेकिन कम मात्रा में।

कुलफी

इसमें कैलरी पर्याप्त मात्रा में होती है क्योंकि इसे बनाने के लिए ढेर सारी क्रीम, दूध, मेवे का इस्तेमाल किया जाता है। दूध को गाढा करके बनाने से इसके जरूरी विटमिंस कम हो जाते हैं। कैलरी ज्यादा होने के कारण यह देर से पचती है। जिन्हें पेट संबंधी समस्या या दूध से एलर्जी यानी लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या हो, उनके लिए यह नुकसानदेह भी हो सकती है। इसके अधिक सेवन से डायरिया होने का खतरा भी रहता है। डायबिटीज के रोगियों को खासतौर से इससे परहेज करना चाहिए।

आलू

आलू में कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए यह जल्दी पच जाता है। आलू में वजन बढाने वाले तत्व होते हैं, इसलिए इसे संभलकर खाना चाहिए। यही नहीं, आलू से बनी बहुत ज्यादा चीजों का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या हो जाती है।

क्या खाएं?

मशरूम

सूरज की रोशनी में पनपने वाले मशरूम में भरपूर विटमिन-डी मौजूद होता है, जो उदासी, सिरदर्द और बेचैनी को कम करने में मददगार है।

अलसी

कई अध्ययनों के अनुसार, जिन लोगों में उदासी व हताशा के लक्षण देखे गए, उनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की भारी कमी नजर आई। ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी के बीज या तेल में भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए अपने साथ भुनी हुई अलसी के बीज हमेशा रखें।

काबुली चना

प्रोटीनयुक्त काबुली चना कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है विटमिन-बी-6, जो सेहतमंद तो है ही, साथ ही याददाश्त बढाने में भी मददगार है।

हरी सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों, खासतौर पर पालक में भरपूर विटमिन बी पाया जाता है, जो उदासी को दूर भगाता है। जानकारों के अनुसार, न केवल पालक बल्कि सभी प्रकार की हरे पत्तेदार सब्जियों व फलों का सेवन प्रतिदिन 4 से 5 बार करना ही चाहिए।

केला

तनाव, अवसाद या बेचैनी हो या फिर मूड स्विंग हो, केला न सिर्फ एनर्जी बूस्टर है, बल्कि यह फील गुड भी कराता है। इसमें मौजूद पोटैशियम दिल की धडकनों को नियंत्रित करता है और बिगडे मूड को भी संभालता है।

हेल्दी कार्ब

कार्बोहाइड्रेट मूड ठीक करके खुशमिजाज तो बनाता ही है, साथ ही शरीर पर इसका कोई बुरा असर भी नहीं पडता।

कैफीन

चाय या कॉफी के साथ कैफीन लेने से भी तनाव कम होता है। कैफीन लेने से आप अच्छा महसूस करेंगे लेकिन इसका सेवन नियंत्रित रूप से करें क्योंकि इसकी अधिकता से एसिडिटी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे भूख भी कम लगती है।

अन्य आहार

मूड ठीक करने के लिए मछली, हैम पनीर और मीट लोफ का सेवन भी किया जा सकता है। इसके अलावा चेरी और बैरीज को भी मूड बूस्टर फ्रूट्स कहा जाता है। इन्हें आजमा कर देखें और अपनी मानसिक और भावनात्मक सेहत को भी दुरुस्त रखें।

संगीता सिंह

(डॉ. रीति कपूर,चीफ डाइटीशियन, रॉकलैंड हॉस्पिटल से बातचीत पर आधारित)


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