कहानी कलीग्स की
ऑफिस में कई तरह के लोग होते हैं और सबका अपना अलग मिज़ाज होता है। यहां सवाल किसी के अच्छे या बुरे होने का नहीें है, बल्कि हर इंसान में ख़्ाूबियों के साथ कुछ ख़्ाामियां भी होती हैं। सच कहा जाए तो इसी वजह से ऑफिस का माहौल ख़्ाुशनुमा बना
मि. वर्कोहॉलिक : जैसा कि नाम से ही जाहिर है, ये हमेशा काम के नशे में डूबे रहते हैं। इन्हें काम करके ही सच्ची ख्ाुशी मिलती है, पर कई बार ऐसे लोग काम की वजह से अपनी सेहत और पर्सनल लाइफ को इग्नोर करने लगते हैं, जो कि बाद में उनके लिए नुकसानदेह साबित होता है।
मि. परफेक्शनिस्ट : ऐसे लोग अपने काम की क्वॉलिटी और नियम-कायदों को लेकर बहुत ज्य़ादा सजग रहते हैं। ये अपने फील्ड की बारीिकयों को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। इन्हें काम में मामूली सी भी गलती बर्दाश्त नहीं होती। इसी वजह से इनके कुछ सहयोगी इनसे चिढऩे लगते है।
मिस ड्रामा क्वीन : इस श्रेणी में ज्य़ादातर वैसी युवतियां शामिल होती हैं, जो ऑफिस में छोटी-छोटी बातों को लेकर बेवजह शोर मचाती हैं। इनके पास शिकायतों का पुलिंदा हमेशा तैयार रहता है। कभी इन्हें बॉस से शिकायत होती है तो कभी कलीग्स से। हमेशा सजी-धजी रहने वाली ऐसी युवतियां ऑफिस में सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहना चाहती हैं। ये हमेशा दूसरों से प्रशंसा पाने को लालायित रहती हैं। इन्हें जरा सी भी आलोचना बर्दाश्त नहीं होती और छोटी-छोटी बातों पर आंसू बहा कर दूसरों की सहानुभूति हासिल करना इनकी िफतरत है।
मि. फ्लर्ट : हर ऑफिस में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो फीमेल कलीग्स के साथ बातचीत के मौके ढूंढ रहे होते हैं। अकसर उनके आउटफिट्स और लुक्स की तारीफ करना, बार-बार किसी काम के बहाने अपनी कलीग की सीट के पास जाकर खडे होना, उनकी कंप्यूटर स्क्रीन को घूरना, बेवजह जोक्स सुनाना आदि इनकी आदतों में शुमार होता है।
फूड एडिक्ट : ऐसे लोग स्वादिष्ट खाने के बेहद शौकीन होते हैं। इन्हें रोजाना लंच टाइम का बेसब्री से इंतजार रहता है। इतना ही नहीं, इन्हें बार-बार चाय पीने के साथ बीच में कुछ न कुछ खाने की भी आदत होती है। जिसकी वजह से ये कई बार ओवरवेट भी हो जाते हैं।
मि. बातूनी : ऐसे लोगों को ज्य़ादा बोलने की आदत होती है। जो बात एक वाक्य में आसानी से कही जा सकती है, उसके लिए भी ये पांच-दस मिनट बर्बाद करते हैं। ये इतने बेसब्र होते हैं कि मीटिंग में भी अपनी बारी का इंतजार नहीं कर पाते और दूसरों को भी बोलने का मौका नहीं देते। अपने किसी भी अनुभव को ये बडे रोचक अंदाज में बयां करते हैं। इसी वाकपटुता की वजह से ये अपने कलीग्स के बीच काफी पॉपुलर होते हैं।
मि. बहानेबाज : ऐसे लोग बहाने बनाने और आज के काम को कल पर टालने में उस्ताद होते हैं। किसी भी काम में कोई गलती होने पर इनके पास पहले से बहाना तैयार होता है। ऐसे लोग किसी भी हाल में अपनी गलती मानने को तैयार नहीं होते। कई बार तो ये बडी सफाई से अपनी गलतियों को भी दूसरों पर टाल देते हैं। हर काम में देर करना भी इनकी आदत में शुमार होता है। ये स्वभाव से बडे सुस्त और आलसी होते हैं। अकसर आज के काम को कल पर टाल देते हैं। इसलिए महीने के अंत में ये अपने काम के बोझ तले दब जाते हैं और इसका असर इनकी परफॉर्मेंस पर भी दिखाई देता है।
आलेख : विनीता, इलस्ट्रेशन : श्याम जगोता