अधिक फायदे के लिए इसे भी अपनाएं
अगर आप अपनी बचत का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं तो एनसीडी एक बेहतर विकल्प है, जो निवेश के अन्य पारंपरिक तरीकों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद है। महंगाई के इस दौर में बचत कर पाना बेहद मुश्किल है। अगर मध्यवर्गीय लोग अपनी सीमित आय में से थोड़ी-बहुत बचत कर
अगर आप अपनी बचत का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं तो एनसीडी एक बेहतर विकल्प है, जो निवेश के अन्य पारंपरिक तरीकों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद है।
महंगाई के इस दौर में बचत कर पाना बेहद मुश्किल है। अगर मध्यवर्गीय लोग अपनी सीमित आय में से थोडी-बहुत बचत कर भी लेते हैं तो उनके लिए यह समझना बहुत मुश्किल हो जाता है कि वे अपनी जमा पूंजी को एफडी के अलावा और कहां निवेश करें, जो उनके लिए अधिक फायदेमंद हो। एनसीडी यानी नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर भी निवेश का एक ऐसा विकल्प है। यह एक तरह का डेट फंड ही है। हालांकि, एफडी के मुकाबले इसमें थोडा जोखिम होता है, लेकिन आकर्षक ब्याज दरों की वजह से यह निवेशकों के लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है।
क्या है एनसीडी
सरकारी कंपनियां बाजार से पूंजी जुटाने के लिए जो ऋणपत्र जारी करती हैं, उसे बॉण्ड कहते हैं। उसी तरह निजी क्षेत्र की कंपनियां बाजार से पूंजी जुटाने के लिए जो ऋणपत्र जारी करती हैं, उसे डिबेंचर कहा जाता है। आमतौर पर तीन तरह के डिबेंचर होते हैं-परिवर्तनीय, अपरिवर्तनीय और आंशिक परिवर्तनीय। पहले तरीके के डिबेंचर को शेयरों में बदला जा सकता है और दूसरे के साथ ऐसी सुविधा नहीं दी जाती। आंशिक परिवर्तनीय यानी पार्टली कन्वर्टिबल डिबेंचर के कुछ हिस्से को ही शेयर में बदला जा सकता है और बाकी हिस्से को फिक्स्ड कर दिया जाता है।
कितना है जोखिम
जोखिम के आधार पर एनसीडी यानी अपरिवर्तनीय डिबेंचर को दो हिस्सों में बांटा जाता है। जिस एनसीडी को बाजार में जारी करते समय कंपनी उतने मूल्य की अचल संपत्ति की गारंटी देती है तो उसे सुरक्षित एनसीडी कहा जाता है। किसी वजह से कंपनी निवेशकों का पैसा नहीं लौटाती है तो उसकी गारंटी के रूप में रखी गई संपत्ति को बेचकर निवेशकों का पैसा वापस कर दिया जाता है। इसमें मूलधन डूबने का खतरा नहीं रहता है। असुरक्षित एनसीडी में जोखिम ज्यादा होता है क्योंकि इसमें किसी तरह की गारंटी नहीं होती।
कितना मिलेगा ब्याज
आमतौर पर कंपनियां इस पर 11 से 12 प्रतिशत तक ब्याज देती हैं। सुरक्षित एनसीडी की तुलना में असुरक्षित एनसीडी में ज्यादा रिटर्न की पेशकश की जाती है। दोनों ही तरह के एनसीडी में कंपनियां प्रतिमाह, तिमाही, छमाही, सालाना और अवधि पूर्ण होने पर रिटर्न की गणना का विकल्प देती हैं। निवेश की अवधि पूर्ण होने पर रिटर्न की गणना वाला विकल्प ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें सालाना रिटर्न को दोबारा निवेश कर दिया जाता है।
रेटिंग से जोखिम की पहचान
बाजार में कई ऐसी एजेंसियां मौजूद हैं, जो एनसीडी जारी करने वाली कंपनियों की रेटिंग भी बताती हैं। इससे निवेश से जुडी जोखिम का पता चलता है। ट्रिपल ए रेटिंग को सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है। कंपनी की वित्तीय स्थिति, पिछले वर्षों में उसका प्रदर्शन, भविष्य की योजनाओं और प्रबंधन सहित कई तथ्यों के आधार पर उसकी रेटिंग की जाती है। रेटिंग बेहतर होने की स्थिति में मुनाफा घटने और निवेश पर जोखिम की आशंका भी कम हो जाती है।
जरूरत पर बेचने की सुविधा
निवेश करते समय आकर्षक रिटर्न के साथ जरूरत के वक्त उसकी उपयोगिता को भी परखना बहुत जरूरी है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कंपनियां अब एनसीडी को शेयर बाजार में भी सूचीबद्ध कराने लगी हैं। इसका फायदा यह है कि जरूरत पडऩे पर इसे कभी भी शेयरों की तरह बाजार में बेचा जा सकता है। हालांकि, यहां बेचते समय मिलने वाला फायदा या नुकसान उस समय की ब्याज दरों पर निर्भर करता है। यदि एफडी और बॉन्ड पर ब्याज दरें कम हैं तो उस समय एनसीडी की मांग बढ जाती है और उस पर फायदा होता है। वहीं ब्याज दरें अधिक होने की स्थिति में इसके खरीदार कम रहते हैं, जिसकी वजह से इसे नुकसान उठाकर बेचना पड सकता है।
एनसीडी बॉण्ड निश्चित रूप से फायदेमंद है, लेकिन इसे जारी करने वाली कंपनी की रेटिंग के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही इसमें निवेश करना चाहिए।
सखी फीचर्स
(वित्तीय सलाहकार एम. के. अरोडा से बातचीत पर आधरित)