स्वागत सर्दियों का..
सर्दियां आती हैं तो अपने साथ ढेरों यादें भी लाती हैं। सूरज के इंतजार में बीतते दिन, कोहरे से भरी रोमांचक यात्राएं और चाय की चुस्कियों के साथ गुजरती शामें...
By Edited By: Published: Mon, 21 Nov 2016 12:09 PM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2016 12:09 PM (IST)
संपादकीय मौसम खुशगवार हो चला है। धूप चुभती नहीं, मन को भाती है। सर्दियां आती हैं तो अपने साथ ढेरों यादें भी लाती हैं। सूरज के इंतजार में बीतते दिन, कोहरे से भरी रोमांचक यात्राएं, चाय की चुस्कियों के साथ गुजरती शामें और किसी दोपहर परिवार के साथ पिकनिक का मजा...। भागदौड की जिंदगी में यूं तो बहुत कुछ खोया मगर मन में उत्साह हो तो छोटी-छोटी खुशियों को संजोया जा सकता है। सखी के साथ गर्मजोशी से करें सर्दियों का स्वागत। इस अंक में सेहत, सौंदर्य, फैशन और खानपान से जुडी सभी जरूरी जानकारियां हैं। कहते हैं, बचपन हर गम से बेगाना होता है। बडे होने के बाद मासूमियत कहीं खो जाती है और जिंदगी की चुनौतियां कठोर बना देती हैं लेकिन यह भी सच है कि दिल के किसी कोने में छिप कर बैठा बचपन बाहर निकलने को सदा बेताब रहता है। सखी की कवर स्टोरी 'बाकी रहे थोडा बचपना' बचपन की उसी जिज्ञासा, उमंग, प्रसन्नता और मासूमियत को खोजने की एक कोशिश है। 'जायका' में इस बार हैं दक्षिण भारतीय रेसिपीज, साथ ही बर्गर को हेल्दी कैसे बनाएं, इसके नुस्खे भी जान सकेंगे। सरोगेसी को लेकर इन दिनों काफी बहस छिडी हुई है, सरोगेसी रेगुलेटरी बिल भी पेश हुआ। 'कानून' में दी जा रही है इस पर जानकारी। इसके अलावा मोबाइल एप्स और गेमिंग की लत युवाओं के लिए कितनी हानिकारक है, इस पर भी एक उपयोगी लेख है 'टेकज्ञान' में। यदि आपको खुद पर भरोसा है तो दूसरों को यकीन दिलाने की कोई आवश्यकता नहीं। यदि आप अपने आप में संतुष्ट हैं तो दूसरों की अनुमति की जरूरत नहीं। जब कोई स्वयं को स्वीकार करता है तो पूरी दुनिया भी उसे स्वीकार करती है। प्रगति गुप्ता संपादक
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